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राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में जारी कर्मचारियों की हड़ताल से खाताधारक परेशान

जालोर में राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के कार्मिक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन प्रबंधन की ओर से अभी तक वार्ता की एक बार भी कोशिश नहीं की गई है. जिसके कारण बैंक के खाताधारकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Oct 12, 2019, 2:55 PM IST

Rajasthan Marudhara Gramin Bank, राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक

जालोर. राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर की जा रही अनिश्चितकालीन हड़ताल आज भी जारी रही. इस दौरान आज कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम अतिरिक्त कलेक्टर छगनलाल गोयल को ज्ञापन दिया. जिसमें बताया कि राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक की प्रदेश की 701 शाखाओं के कर्मचारी अधिकारी बैंक के ग्राहक व स्टाफ विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर हैं, बैंकों के ताले लगे हुए है, लेकिन बैंक प्रबंधन की ओर से वार्ता नहीं की गई है.

राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक कर्मचारियों की हड़ताल जारी

उन्होंने बताया कि बैंक का प्रबंधन प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसे भारत सरकार द्वारा जारी सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना को छोड़ कर निजी कंपनियों के बीमा व निवेश उत्पाद बेचने के लिए कर्मचारियों को विवश कर रहा है. जो कर्मचारी ग्राहक के हित का सोच कर प्राइवेट कम्पनी की बीमा पॉलिसी नहीं बेचता है तो उसको स्थानांतरण कर दिया जाता है. ऐसे में कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से दखल देने की मांग की है. बैंक के कर्मचारियों ने ज्ञापन में बताया कि बैंक प्रबंधन द्वारा टीपीपी बीमा व निवेश उत्पादों के जो लक्ष्य स्टाफ को दिए जा रहे हैं. उसे पूर्णत बंद कर बीमा कंपनी के स्टाफ को ही लक्ष्य देने की मांग की.

इसी के साथ उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में व्यवसाय के आधार पर व्यवसाय सीमा बढ़ाकर शाखाओं का जो पुन वर्गीकरण किया गया है उसे वापस लिया जाए. शाखा के नवीन वर्गीकरण अनुसार शाखाओं से स्टाफ को कम किया जा रहा है. पर्याप्त स्टाफ के अभाव में ग्राहक को उचित सेवा समय पर देना संभव नहीं हो पा रहा है. जिससे ग्राहक एवं स्टाफ को हमेशा परेशानी रहती है. इसके अलावा शाखा के व्यवसाय के आधार पर स्टाफ एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग की.

पढ़ें- दीपावली पर रेलवे यात्रियों को तोहफा, 9 हॉलिडे स्पेशल रेल सेवाओं का होगा संचालन... 37 ट्रेनों में अस्थाई डिब्बों की भी होगी बढ़ोतरी

केसीसी पर किसानों के साथ हो रही लूट बंद हो

ज्ञापन में बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक द्वारा केसीसी खातों में तीन लाख से ऊपर की सीमा पर अन्य बैंकों से भी बहुत ज्यादा ब्याज चार्ज किया जा रहा है. इसके अलावा सभी केसीसी खातों में प्रोसेसिंग एवं इंस्पेक्शन चार्ज लगाए जा रहे हैं, जो किसानों को ग्राहक अतिरिक्त भार दे रहे हैं. शहरवासी बंशीलाल सोनी ने बताया कि बैंक की शाखाओं में एक स्टाफ की कमी है, जिसके कारण आम लोगों को काफी परेशानी होती है, वहीं दूसरी तरफ बैंक प्रबंधन तरह तरह के चार्ज आम जनता पर लगा रहा है. जिससे बंद किया जाए, नहीं तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान हितेश राजपुरोहित, पीआर जीनगर, जितेंद्र कुमार, एसके दवे, एमएल जीनगर व प्रदीप विश्नोई सहित काफी संख्या में बैंक शाखा के कार्मिक मौजूद थे.

जालोर. राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर की जा रही अनिश्चितकालीन हड़ताल आज भी जारी रही. इस दौरान आज कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम अतिरिक्त कलेक्टर छगनलाल गोयल को ज्ञापन दिया. जिसमें बताया कि राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक की प्रदेश की 701 शाखाओं के कर्मचारी अधिकारी बैंक के ग्राहक व स्टाफ विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर हैं, बैंकों के ताले लगे हुए है, लेकिन बैंक प्रबंधन की ओर से वार्ता नहीं की गई है.

राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक कर्मचारियों की हड़ताल जारी

उन्होंने बताया कि बैंक का प्रबंधन प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसे भारत सरकार द्वारा जारी सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना को छोड़ कर निजी कंपनियों के बीमा व निवेश उत्पाद बेचने के लिए कर्मचारियों को विवश कर रहा है. जो कर्मचारी ग्राहक के हित का सोच कर प्राइवेट कम्पनी की बीमा पॉलिसी नहीं बेचता है तो उसको स्थानांतरण कर दिया जाता है. ऐसे में कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से दखल देने की मांग की है. बैंक के कर्मचारियों ने ज्ञापन में बताया कि बैंक प्रबंधन द्वारा टीपीपी बीमा व निवेश उत्पादों के जो लक्ष्य स्टाफ को दिए जा रहे हैं. उसे पूर्णत बंद कर बीमा कंपनी के स्टाफ को ही लक्ष्य देने की मांग की.

इसी के साथ उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में व्यवसाय के आधार पर व्यवसाय सीमा बढ़ाकर शाखाओं का जो पुन वर्गीकरण किया गया है उसे वापस लिया जाए. शाखा के नवीन वर्गीकरण अनुसार शाखाओं से स्टाफ को कम किया जा रहा है. पर्याप्त स्टाफ के अभाव में ग्राहक को उचित सेवा समय पर देना संभव नहीं हो पा रहा है. जिससे ग्राहक एवं स्टाफ को हमेशा परेशानी रहती है. इसके अलावा शाखा के व्यवसाय के आधार पर स्टाफ एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग की.

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केसीसी पर किसानों के साथ हो रही लूट बंद हो

ज्ञापन में बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक द्वारा केसीसी खातों में तीन लाख से ऊपर की सीमा पर अन्य बैंकों से भी बहुत ज्यादा ब्याज चार्ज किया जा रहा है. इसके अलावा सभी केसीसी खातों में प्रोसेसिंग एवं इंस्पेक्शन चार्ज लगाए जा रहे हैं, जो किसानों को ग्राहक अतिरिक्त भार दे रहे हैं. शहरवासी बंशीलाल सोनी ने बताया कि बैंक की शाखाओं में एक स्टाफ की कमी है, जिसके कारण आम लोगों को काफी परेशानी होती है, वहीं दूसरी तरफ बैंक प्रबंधन तरह तरह के चार्ज आम जनता पर लगा रहा है. जिससे बंद किया जाए, नहीं तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान हितेश राजपुरोहित, पीआर जीनगर, जितेंद्र कुमार, एसके दवे, एमएल जीनगर व प्रदीप विश्नोई सहित काफी संख्या में बैंक शाखा के कार्मिक मौजूद थे.

Intro:राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के कार्मिक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन प्रबंधन की ओर से अभी तक वार्ता की एक बार भी कोशिश नहीं की गई है। जिसके कारण बैंक के उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Body:राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के कार्मिक हड़ताल पर, बैंकों के लटके ताले, आम उपभोक्ता हो रहे है परेशान
जालोर
राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर की जा रही अनिश्चितकालीन हड़ताल आज भी जारी रही। इस दौरान आज कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम अतिरिक्त कलेक्टर छगनलाल गोयल को ज्ञापन दिया। जिसमें बताया कि राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक की प्रदेश की 701 शाखाओं के कर्मचारी अधिकारी बैंक के ग्राहक व स्टाफ विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर हैं, बैंकों के ताले लगे हुए है, लेकिन बैंक प्रबंधन की ओर से वार्ता नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि बैंक का प्रबंधन प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसे भारत सरकार द्वारा जारी सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना को छोड़ कर निजी कंपनियों के बीमा व निवेश उत्पाद बेचने के लिए कर्मचारियों को विवश कर रहा है। जो कर्मचारी ग्राहक के हित का सोच कर प्राइवेट कम्पनी की बीमा पॉलिसी नहीं बेचता है तो उसको स्थानांतरण कर दिया जाता है। ऐसे में कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से दखल देने की मांग की है। बैंक के कर्मचारियों ने ज्ञापन में बताया कि बैंक प्रबंधन द्वारा टीपीपी बीमा व निवेश उत्पादों के जो लक्ष्य स्टाफ को दिए जा रहे हैं। उसे पूर्णत बंद कर बीमा कंपनी के स्टाफ को ही लक्ष्य देने की मांग की। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में व्यवसाय के आधार पर व्यवसाय सीमा बढ़ाकर शाखाओं का जो पुन वर्गीकरण किया गया है उसे वापस लिया जाए। शाखा के नवीन वर्गीकरण अनुसार शाखाओं से स्टाफ को कम किया जा रहा है। पर्याप्त स्टाफ के अभाव में ग्राहक को उचित सेवा समय पर देना संभव नहीं हो पा रहा है। जिससे ग्राहक एवं स्टाफ को हमेशा परेशानी रहती है। इसके अलावा शाखा के व्यवसाय के आधार पर स्टाफ एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग की
केसीसी पर किसानों के साथ हो रही लूट बंद हो
ज्ञापन में बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक द्वारा केसीसी खातों में तीन लाख से ऊपर की सीमा पर अन्य बैंकों से भी बहुत ज्यादा ब्याज चार्ज किया जा रहा है। इसके अलावा सभी केसीसी खातों में प्रोसेसिंग एवं इंस्पेक्शन चार्ज लगाए जा रहे हैं, जो किसानों को ग्राहक अतिरिक्त भार दे रहे हैं। शहरवासी बंशीलाल सोनी ने बताया कि बैंक की शाखाओं में एक स्टाफ की कमी है, जिसके कारण आम लोगों को काफी परेशानी होती है, वहीं दूसरी तरफ बैंक प्रबंधन तरह तरह के चार्ज आम जनता पर लगा रहा है। जिससे बंद किया जाए, नहीं तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान हितेश राजपुरोहित, पीआर जीनगर, जितेंद्र कुमार, एसके दवे, एमएल जीनगर व प्रदीप विश्नोई सहित काफी संख्या में बैंक शाखा के कार्मिक मौजूद थे।

बाइट- हितेश राजपुरोहित, बैंक कर्मचारी
बाइट- बंसीलाल सोनी, शहरवासी



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