रानीवाड़ा (जालोर). क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया जिसे जानकर हर किसी की आंखों में आंसू आ जाएंगे. जहां तमिलनाडु राज्य के पोरकुड़ी गांव से 50 वर्षीय एक महिला रहस्मय ढंग से 3 साल पहले मंदिर से गायब हो गई थी. जिनकी खोजबीन बेटों ने पूरे तमिलनाडु में 1 साल से अधिक समय तक की, लेकिन कहीं से कोई सुराग नहीं मिला. ऐसे में मंगलवार को रानीवाड़ा एसडीएम ने बिछड़े हुए मां को उनके बेटे से मिलाया.
ऐसे मीना देवी को परिवार से मिलाया
क्षेत्र में पड़ रही कड़ाके की सर्दी में रात 8 बजे उपखंड कार्यालय के बाहर एक महिला ठंड में ठिठुर रही थी, जब कार्यालय से निकल रहे एसडीएम प्रकाशचंद्र अग्रवाल की नजर पड़ी तो तुंरत गाड़ी रुकवाई और महिला के पास पहुंचकर जानकारी जुटानी चाही, लेकिन तमिल भाषा बोलने से कुछ पता नहीं चल रहा था, वहीं एसडीएम ने मानवता के नाते महिला को निकटवर्ती आत्मानंद सेवा संस्थान में भेजा. वहीं सुबह होते ही एसडीएम पहुंचे और महिला के घर का पता लगाया.
एसडीएम ने इस तरह लगाया परिवार का पता
मानसिक विक्षिप्त मीना देवी तमिल भाषा बोल रही थी. जिसका किसी को कुछ पता नहीं पड़ रहा था, जब मीना देवी ने कागज पर तमिल भाषा में कुछ लिखा तो एसडीएम अग्रवाल ने परिचित पाली जिले में कार्यरत डीएफओ शरत बाबू जो मूल निवासी तमिलनाडु के है. उनको व्हाट्सएप के जरिए सूचना भेजी, तो शरत बाबू ने ट्रांसलेट किया तो नाम मीना पत्नी स्वामीनाथम गांव पोरकुड़ी पुलिस थाना नागापटनम और दोनों बेटों का नाम ज्ञात हुआ. जिसके बाद एसडीएम ने तुरंत तमिलनाडु के एक आईपीएस से संपर्क कर मीना देवी के बेटा वेलुमुर्गन से संपर्क किया. एसडीएम ने वेलुमुर्गन मीना देवी के 3 साल पहले लापता होने की जानकारी दी. वहीं वेलुमुर्गन ने रानीवाड़ा एसडीएम प्रकाश चंद्र अग्रवाल से संपर्क कर उसकी मां को लेने आने की बात कही. वहीं दोनों बेटे और एक बेटी सोमवार लो 2500 किलोमीटर की यात्रा कर रानीवाड़ा पहुंचे.
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मां-बेटे का हुआ मिलन
रानीवाड़ा के वत्सल्यधाम में 3 दिन तक रह रही मीना देवी को जब बेटे मिलने पहुंचे तो एक दूसरे को देख मां-बेटे लिपटकर रोने लगे, जिसे देख हर किसी के आंखें नम हो गई. बेटे वेलुमुर्गन ने बताया कि वह और उनके भाई पिछले 3 साल से खोजबीन कर थक हारकर मां के मिलने की उम्मीद खो चुके थे, लेकिन 2021 का पहला दिन उनके घर में खुशियां लेकर आया है. बेटे और बेटी मां के मिल जाने की खुशी बयां नहीं कर पा रहे हैं. जब मीना देवी को उसके बेटे ले जा रहे थे, तब मीना देवी ने एसडीएम के सामने बैठ कर हाथ जोड़कर काफी देर तक धन्यवाद देती रही.