रानीवाड़ा (जालोर). क्षेत्र के ग्राम पंचायतों को वित्तीय तौर पर मजूबत करने के सरकारी वायदे पर चल रहे पंचायती राज को झटका लगा है. राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी कर पंचायत के खाते में पड़ी सरकारी राशि को अब पीडी खाते में रखने के आदेश जारी किए है. जिसके बाद समूचे राज्य में ऐसे तुगलिकी फरमान की भर्त्सना हो रही है.
जहां बुधवार को रानीवाड़ा मुख्यालय समिति क्षेत्र के 32 ग्राम पंचायतों के सरंपंचों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन रानीवाड़ा पंचायत समिति के विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार को सौंपकर निर्णय बदलवाने का अनुरोध किया है. बता दें कि वित्त विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से ग्राम पंचायत के वितीय स्वायतता और संवैधानिक वित्तीय अधिकारों पर कुठाराघात करते पिछले दरवाजे से ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाते खोल दिए है.
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पीडी खातों की कस्टोडियन सीधे राज्य सरकार की होती है, ऐसे में ग्राम पंचायतों को संवैधानिक रूप से जो वितीय स्वतंत्रता प्राप्त थी, वह समाप्त की जा रही है. प्रासंगिक पत्र की ओर से ग्रामीण विकास में पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की ओर से सरपंचगणों को पीडी खाते के कोड जनरेट करने और लोगिन आईडी बनाने के निर्देश दिए जा रहे है.
वित्त विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के यह निर्देश पंचायती राज संस्थाओं को सीधे राशि हस्तान्तरित करने के संवैधानिक अधिकारों के पूर्णतया विपरीत है. पंचायतों को हस्तान्तरित करने के लिए आईएफएमएस सिस्टम लागू कर ही है. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार के वित्त विभाग के अधिकारी ग्राम पंचायतों की राशि को पीडी खाते में हस्तान्तरित कर ग्राम पंचायतों के सामुदायिक विकास के हक और अधिकार की राशि को अन्य कार्यों में उपयोग करना चाह रहे है.
राजस्थान सरपंच संघ वित्त विभाग और पंचायती राज विभाग के इस निर्णय की कड़ी निन्दा करता है. साथ ही सरपंच संघ ने निर्णय किया है कि प्रदेश का कोई भी सरपंच कोषालय और उपकोषालय में डीडीओ कोड जनरेट नहीं करवाएगा ना ही लॉग इन आईडी बनाने के लिए कोई दस्तावेज प्रस्तुत करेगा.
वित विभाग की ओर से पूर्व में फरवरी 2020 में ग्राम पंचायतों के पीडी खाते खोलने के प्रयास किए गए थे, लेकिन सरपंच संघ के विरोध और ज्ञापन पर तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर से सहानुभुति पूर्वक विचार कर दिनांक 23.02.2020 को विभागीय स्तर पर पीडी खाते नहीं खुलवाने का निर्णय कर दिया गया था.
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सरपंच संघ के अध्यक्ष एड़वोकेट जबराराम पुरोहित ने बताया कि वित्त विभाग के इस निर्णय को आगामी 3 दिवस में प्रत्यहारित करवाकर अनुग्रहित नहीं किया गया तो राजस्थान सरपंच संघ को मजबूरन पंचायती राज संस्थाओं के संवैधानिक वित्तीय हितों की सुरक्षार्थ आंदौलनात्मक कदम उठाने पड़ेगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. इस मौके पर पंचायत समिति रानीवाड़ा के समस्त सरपंच मौजूद रहे.