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राजस्थान बजट 2020: गहलोत के जादुई पिटारे में क्या मिला जालोर को विशेष...

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Published : Feb 21, 2020, 12:02 AM IST

जालोर जिलेवासियों के लिए सीएम अशोक गहलोत की ओर से बजट की घोषणा निराशा लेकर आई. जिलेवासियों को कुछ विशेष सौगात की बजट से आस थी, मगर ऐसा बजट में कुछ नहीं मिला.

राजस्थान बजट 2020 , Rajasthan Budget 2020
राजस्थान बजट 2020

भीनमाल (जालोर). जिलेवासियों को बजट को लेकर कई आशाएं थी. जिले को कुछ विशेष देने से गहलोत के पिटारे ने परे कर लिया. राजस्थान बजट 2020 को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई घोषणा की है. जिसमे सीएम ने 7 प्राथमिक संकल्प के साथ बजट का पिटारा खोला, मगर बजट को लेकर जालोर जिले पर नजर डालें तो सीएम ने दूर-दूर तक कोई विशेष सौगात नहीं दी है.

गहलोत के जादुई पिटारे में क्या मिला जालोर को विशेष...

पश्चिमी क्षेत्र में आने वाला जालोर वैसे भी प्रदेश में विकास के मापदंडों में फिसड्डी साबित होता आया है और एक बार फिर गहलोत के बजट में जिले को कुछ विशेष नहीं होने के चलते उसी स्तर पर बरकरार दिखाई दे रहा है.

नर्मदा और टिड्डियों से हुए नुकसान के लिए बजट हुआ शून्य साबित

लंबे समय से जालोर जिला पेयजल की समस्या को लेकर संकट झेल रहा है. नर्मदा जैसे जिले में प्रोजेक्ट लॉलीपॉप साबित हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बाद भी नर्मदा अभी तक जिले में पूरी तरह नहीं पहुंच पाई है. जिसके चलते पानी की समस्या बनी हुई है. मगर गहलोत सरकार की ओर से बजट में नर्मदा का जिक्र तक नहीं किया गया.

पढ़ें- Special : राजधानी पुलिस का पेट्रोलिंग पर फोकस, चप्पे-चप्पे पर कितनी 'नजर'... जानिए

जालोर वासियों का बजट को लेकर नर्मदा प्रोजेक्ट को गति देने में कई आशाएं थी. मगर बजट का पिटारा खोलते ही जालोर जिले के लोगों की आशाएं निराशा में बदल गई. बता दें कि कुछ समय पहले ही टिड्डियों के आतंक ने जालोर जिले को पूरी तरह हिला दिया था. किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो गए थे. टिड्डियों के हमले से किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई थी. बजट को लेकर किसानों को बजट में हुए नुकसान को लेकर गहलोत सरकार कुछ राहत जरूर प्रदान करेगी मगर बजट में इस तरह की कोई घोषणा नहीं हुई और किसानों को निराशा हाथ लगी.

जालोर जिले के भीनमाल शहर को लंबे समय से जिला बनाने की मांग भी चल रही है, मगर इस पर कोई जिक्र नहीं किया गया. सांचोर क्षेत्र से जिला मुख्यालय करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नर्मदा, ईओ सहित कई प्रोजेक्ट को लेकर भी जिक्र नहीं किया गया.

जसवंतपुरा जैसे क्षेत्रों में वन्य जीवों को लेकर कई आस है मगर उसको लेकर भी कोई विशेष नहीं रहा. जालोर जिले के लोगों के लिए गहलोत का बजट का पिटारा ज्यादा रास नहीं आया. जिले को कई उम्मीदें थी, मगर वो सभी घोषणा के बाद शून्य साबित हुई.

भीनमाल (जालोर). जिलेवासियों को बजट को लेकर कई आशाएं थी. जिले को कुछ विशेष देने से गहलोत के पिटारे ने परे कर लिया. राजस्थान बजट 2020 को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई घोषणा की है. जिसमे सीएम ने 7 प्राथमिक संकल्प के साथ बजट का पिटारा खोला, मगर बजट को लेकर जालोर जिले पर नजर डालें तो सीएम ने दूर-दूर तक कोई विशेष सौगात नहीं दी है.

गहलोत के जादुई पिटारे में क्या मिला जालोर को विशेष...

पश्चिमी क्षेत्र में आने वाला जालोर वैसे भी प्रदेश में विकास के मापदंडों में फिसड्डी साबित होता आया है और एक बार फिर गहलोत के बजट में जिले को कुछ विशेष नहीं होने के चलते उसी स्तर पर बरकरार दिखाई दे रहा है.

नर्मदा और टिड्डियों से हुए नुकसान के लिए बजट हुआ शून्य साबित

लंबे समय से जालोर जिला पेयजल की समस्या को लेकर संकट झेल रहा है. नर्मदा जैसे जिले में प्रोजेक्ट लॉलीपॉप साबित हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बाद भी नर्मदा अभी तक जिले में पूरी तरह नहीं पहुंच पाई है. जिसके चलते पानी की समस्या बनी हुई है. मगर गहलोत सरकार की ओर से बजट में नर्मदा का जिक्र तक नहीं किया गया.

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जालोर वासियों का बजट को लेकर नर्मदा प्रोजेक्ट को गति देने में कई आशाएं थी. मगर बजट का पिटारा खोलते ही जालोर जिले के लोगों की आशाएं निराशा में बदल गई. बता दें कि कुछ समय पहले ही टिड्डियों के आतंक ने जालोर जिले को पूरी तरह हिला दिया था. किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो गए थे. टिड्डियों के हमले से किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई थी. बजट को लेकर किसानों को बजट में हुए नुकसान को लेकर गहलोत सरकार कुछ राहत जरूर प्रदान करेगी मगर बजट में इस तरह की कोई घोषणा नहीं हुई और किसानों को निराशा हाथ लगी.

जालोर जिले के भीनमाल शहर को लंबे समय से जिला बनाने की मांग भी चल रही है, मगर इस पर कोई जिक्र नहीं किया गया. सांचोर क्षेत्र से जिला मुख्यालय करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नर्मदा, ईओ सहित कई प्रोजेक्ट को लेकर भी जिक्र नहीं किया गया.

जसवंतपुरा जैसे क्षेत्रों में वन्य जीवों को लेकर कई आस है मगर उसको लेकर भी कोई विशेष नहीं रहा. जालोर जिले के लोगों के लिए गहलोत का बजट का पिटारा ज्यादा रास नहीं आया. जिले को कई उम्मीदें थी, मगर वो सभी घोषणा के बाद शून्य साबित हुई.

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