जालोर. जिले में पिछले बुधवार को पहली बार चार पॉजिटिव आया तो जिले में हड़कम्प मच गया था. उसके बाद कोविड-19 के मामलों का आंकड़ा तेजी से बढ़कर 17 तक पहुंच गया. वहीं सोमवार को कोरोना से जिले में पहली मौत भी हो गई है.
अतिरिक्त मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके चौहान ने बताया कि सांचोर निवासी चार दिन पूर्व मुंबई से भड़वल आया था. शनिवार को थोड़ी तबीयत खराब हुई. खांसी आने के साथ सांस में प्रॉब्लम होने पर परिजन व्यक्ति को लेकर सांचोर के निजी अस्पताल आये.
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अस्पताल में चिकित्सकों ने संदिग्ध मानते हुए राजकीय अस्पताल में भेज दिया. राजकीय अस्पताल में 45 वर्षीय व्यक्ति को जालोर रेफर कर दिया था. लेकिन, हालात ज्यादा नाजुक होने के कारण जोधपुर रेफर कर दिया गया. जोधपुर में उपचार के दौरान व्यक्ति की मौत हो गई, जिसके बाद आज कोविड-19 की जांच रिपोर्ट भी युवक की पॉजिटिव आ गई है.
एक चिकित्सक की अपील
सामुदाहिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉ. भेराराम जाणी ने कोविड-19 को लेकर पहली मौत होने के बाद उन्होंने अपनी आंखों देखी सोशल मीडिया पर शेयर की. जिसमें बताया कि यह बहुत ही निकट से देखी वास्तविकता है.
कोरोना बीमारी बहुत ही खतरनाक है इसका अंदाजा कल लग गया, क्योंकि भड़वल गांव के 45 वर्षीय मरीज की ट्रैवलिंग हिस्ट्री मात्र 4 दिन पहले की है और बीमारी के लक्षण मात्र दो दिन पहले ही शुरू हुए.
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कल यानी रविवार को उसे सांचोर लाया गया और अचानक बहुत ही गंभीर लक्षण देखे गए. देखते ही देखते ऑक्सीजन लेवल यानि SPO2 लेवल 65 फीसदी हो गया और जल्द ही आगे रेफर भी कर दिया गया, परन्तु पहुंचते पहुंचते ही मौत के आगोश में आ गया.
इतने अल्प समय में ही गंभीर स्थिति में पहुंच कर मौत हो गई, संभलने का मौका भी नहीं दिया. मेरे कहने का मतलब यह है कि अगर निर्देशों की पालना नहीं करके इसे हल्के में लिया तो ऐसी विकट स्थिति को नियंत्रित करना संभव नहीं होगा.