जालोर. चितलवाना उपखंड क्षेत्र के देवड़ा गांव में साधारण किसान परिवार में जन्मे पीराराम धायल को शाइनिंग वर्ल्ड कंपेशन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. जिसमें बिश्नोई को 16 हजार अमेरिकन डॉलर दिए जाएंगे. यह पुरस्कार इससे पूर्व भारत में मेनका गांधी को दिया गया है.
जालोर जिले में वन्य जीवों की सेवा व पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य करने वाले पीराराम धायल को एक बार फिर अंतराष्ट्रीय संस्था सम्मानित करेगी. पीराराम की अवॉर्ड मिलने की सूचना के बाद क्षेत्र में खुशी की लहर है. पीराराम धायल बिश्नोई को 2 साल पहले रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने भारत का अर्थहीरो अवार्ड 2018 नामक पुरस्कार दिया था. जोकि वन्यजीवों की रक्षा करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए दिया गया था. इस साल उनकी सेवा की गूंज ताइवान और अमेरिका तक पहुंच चुकी है. जिसके बदौलत सुप्रीम मास्टर चिंग हाई इंटरनेशनल एसोसिएशन की ओर से अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार शाइनिंग वर्ल्ड कंपेशन अवार्ड 2020 के लिए पीराराम धायल बिश्नोई का चयन किया गया है. जिसमें उन्हें प्रशस्ति पत्र और सोलह हजार अमेरिकन डॉलर की नकद राशि देकर सम्मानित किया जाएगा.
पीराराम बिश्नोई अपनी धर्मपत्नी के साथ-साथ परिवार के सदस्यों का सहयोग लेकर हर समय वन्य जीवों की सेवा में लगे रहते हैं. बिश्नोई धमाणा के अमृता देवी उद्यान में वन्य जीव हिरण, खरगोश, बंदर, नीलगाय और मोर की सेवा करते हैं. जिसमें अगर क्षेत्र में कोई भी वन्य जीव घायल मिलते हैं, तो उनको तत्काल धमाणा रेस्क्यू सेंटर में लाकर पीराराम इलाज करवाते हैं. फिर स्वस्थ होने के बाद वापिस वन क्षेत्र में छोड़ देते हैं.
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बिश्नोई ने अब तक करीब 1500 वन्य जीवों की रक्षा की है. जिसमें से हजार के करीब स्वस्थ होने पर वापिस छोड़ दिया, जबकि 600 से अधिक हिरण रेस्क्यू सेंटर में मौजूद हैं. बिश्नोई वर्तमान में श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान के प्रदेश महामंत्री हैं.
वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अव्वल हैं बिश्नोई
संस्थाश्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष हीरालाल गोदारा ने बताया कि संस्था बिश्नोई समाज में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली प्रथम संस्था प्रमाणित हो चुकी है. जिसके कार्यकर्ताओं ने विभिन्न भारतीय पुरस्कारों के साथ ही दो अलग-अलग अंतराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किए हैं. उन्होंने बताया कि संस्था का गठन 8 साल पहले 5 जून 2012 पर्यावरण दिवस को किया गया था. श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा, नशा मुक्ति और संस्कार निर्माण करना है.
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प्रदेश भर में विभिन्न शाखाओं में काम करने वाले लोगों ने प्रकृति बचाओ आंदोलन के तहत अनेक जगहों पर शिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करवाते हुए धरना, प्रदर्शन आमरण अनशन आदि करके मूक प्राणियों को न्याय दिलाया है. इसके साथ ही वन्यजीवों का पोषण, उनको संरक्षण प्रदान करना, चिकित्सा सेवा करना, रेस्क्यू करना, पेड़-पौधे लगाना, राष्ट्रीय पक्षी मोर का संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा के इंतजाम बहुत ही माकूल तरीके से किए गए हैं. जिसके कारण बिश्नोई समाज में पर्यावरण और जीव रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न संस्थाओं में सर्व प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
सुप्रीम मास्टर चिंग हेय इंटरनेशनल एसोसिएशन देती है ये पुरस्कार
सुप्रीम मास्टर चिंग जो कि विभिन्न पुरस्कारों की एक श्रृंखला बनाई है. जिसमें साइनिंग वर्ड लीडरशिप अवार्ड, शाइनिंग वर्ड कंप्रेशन अवार्ड, शाइनिंग वर्ल्ड हीरो एंड हीरोइन अवॉर्ड, शाइनिंग वर्ल्ड इमानदारी अवार्ड, शाइनिंग एनवायरमेंटल लीडरशिप अवार्ड सहित कई अवार्ड दिए जाते हैं. इसमें बिश्नोई को मिलने वाला अवार्ड भी शामिल है.
पूर्व में इन अवार्डों से नवाजे जा चुके धायल
26 अक्टूबर 2018 को भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के हाथों रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड द्वारा पीरामल धायल को अर्थ हीरोज अवॉर्ड 2018 प्रदान किया गया था. जिसमें दो लाख रुपयों की राशि मिली थी. वहीं प्रथम राजस्थान स्टेट वाइल्डलाइफ कन्जर्वेशन अवार्ड 2018, नेशनल लेवल वाइल्डलाइफ कन्जर्वेशन अवार्ड 2019 सहित कई अवार्ड मिल चुके हैं.
वहीं अब दूसरा अंतरराष्ट्रीय अवार्ड विश्व के 122 देशों में दिया जाने वाला शाइनिंग कंपेशन वर्ल्ड अवार्ड 2020 धायल के लिए चयन किया गया है. जिसमें सोलह हजार अमेरिकन डॉलर की राशि नकद दी जाती है. पीराराम बिश्नोई का भी संस्थान की ओर से पहले साक्षात्कार किया. जिसमें वन्य जीवों एवं पर्यावरण को बचाने लेकर कैसे कार्य करते हैं, उनके बारे में जानकारी लेकर उनके बाद चयन किया गया. इसमें 122 देशों के लोगों ने भाग लिया था. जिसमें सभी को छोड़कर पीराराम बिश्नोई का चयन किया गया है.