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72 घंटों से जारी है पैंथर का आतंक...ट्रेंकुलाइज करने में नाकाम रही वन विभाग की टीम

वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई के गृह विधानसभा क्षेत्र सांचौर के नेहड़ में पिछले तीन दिनों से पैंथर आतंक मचा रहा है. जिसमें एक वनकर्मी सहित 5 लोगों को पैंथर ने घायल कर दिया है. वन विभाग की टीम भी पिछले दो दिनों से रेस्क्यू करने का प्रयास रही है, लेकिन घनी बबूल की झाड़ियां और खेतों में खड़ी फसलों के कारण रेस्क्यू टीम को सफलता नहीं मिली.

जालोर में पैंथर का आतंक, Panther terror in Jalore
जालोर में पैंथर का आतंक
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Published : Aug 30, 2020, 2:36 PM IST

सांचौर (जालोर). सूबे के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई के विधानसभा क्षेत्र सांचौर में पैंथर का दहशत 72 घंटों से जारी है. पैंथर ने अब तक 1 वन रक्षक सहित 5 लोगों को घायल कर दिया है, लेकिन वन विभाग की रेस्क्यू टीम अभी तक पैंथर को पकड़ नहीं पाई है.

पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने ने नाकाम रही वन विभाग की टीम

जानकारी के अनुसार गुजरात की सीमा से गुरुवार सुबह पैंथर ने जालोर जिले के वांक गांव से प्रवेश किया. इस बाद ही पैंथर ने दो लोगों को घायल कर दिया. जिसके बाद शुक्रवार सुबह से लेकर शाम तक रेस्क्यू टीम ने काछेला पॉवर प्लांट के पास पद चिन्हों को देखते हुए ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली.

पढ़ेंः झालावाड़ में कोरोना के 147 नए मामले...बैंक मैनेजर और स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी भी संक्रमित

इस दौरान वन रक्षक दिनेश कुमार सहित दो अन्य लोगों पर पैंथर ने हमला कर दिया. उसके बाद रात होने तक घनी बबूल की झड़ियों से पैंथर बाहर नहीं निकला तो टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद कर दिया. जिसके बाद रविवार सुबह से देर शाम तक पैंथर की खोजबीन करते हुए वन विभाग की टीम और आलाधिकारी चितलवाना तक पहुंच गए, लेकिन यहां भी उन्हें पैंथर नहीं मिला.

बिना संसाधन पहुंची वन विभाग की टीम...

पैंथर का रेस्क्यू ऑपरेशन करने के लिए जोधपुर से रेस्क्यू की टीम गुरुवार देर रात मौके पर पहुंच गई, लेकिन टीम के पास न तो रेस्क्यू वाहन था और न ही अन्य संसाधन. इसके चलते रविवार को तीसरे दिन भी स्थानीय वन विभाग और जोधपुर से आई टीम को सफलता नहीं मिल पाई. ऐसे में शनिवार देर शाम तक पैंथर चितलवाना के पास सांगड़वा के आसपास किसानों के खेतों में खड़ी फसलों में छुपता रहा.

पढ़ेंः राजसमंद में कोरोना के 5 नए मामले, संक्रमितों का कुल आंकड़ा पहुंचा 1218 पर

पैंथर ने 5 लोगों पर किया हमला...

पैंथर ने गुरुवार को दांतिया सरहद में 2 किसानों पर हमला किया था. शुक्रवार को पैंथर ने काछेला-बगसड़ी सरहद में 3 ग्रामीणों पर हमला किया. जिसमे एक वनकर्मी भी शामिल हैं. पैंथर के झाड़ियों में छिपे होने की सूचना पर उसे तलाश रहे पिथानियों की ढाणी निवासी जोगाराम पुत्र भूपा राम कोली और इसरोल निवासी रगाराम पुत्र गजा राम कोली पर उसने हमला कर घायल कर दिया. इसके अलावा वनकर्मी दिनेश को भी घायल कर दिया था.

झाड़ियों और फसलों की वजह से नहीं कर पा रहे ट्रेंकुलाइज...

वन विभाग की टीम में शूटर बंशीलाल और डॉ. ज्ञानप्रकाश ने बताया कि जिस जगह पैंथर था, वहां पर बबूल की झाड़ियां ज्यादा थी. इसके अलावा आसपास के खेतों में बाजरे की फसल खड़ी है जिनकी हाइट चार से पांच फीट है. जिसके कारण पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने में दिक्कत आ रही है.

पढ़ेंः जालोर: भाजपा नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार की नीतियों का किया विरोध

संसाधनों के अभाव में वन महकमा...

सांचौर विधानसभा क्षेत्र के सुखराम विश्नोई प्रदेश में वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं, लेकिन उन्हीं के विभाग की टीम के पास पैंथर का रेस्क्यू करने को लेकर संसाधन भी पूरे नहीं हैं. पैंथर को शूट करने के लिए भी शूटर को पैदल चलते हुए रेस्क्यू करना पड़ रहा है, जिससे उसकी जान को भी खतरा बना हुआ है. शूटर के पास खुद की सुरक्षा को लेकर न तो बॉडी जैकेट, हेलमेल, शूज समेत कोई संसाधन नहीं हैं.

लोगों में दहशत का माहौल...

गुजरात से राजस्थान के नेहड़ क्षेत्र में पैंथर के घुसने के बाद रविवार को तीन दिन हो गए है. तीन दिनों के दौरान लोग दहशत में है और रात को ठीक से सो नहीं पा रहे हैं. लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में पैंथर के आने की जानकारी के बाद अब खूद की और अपने पशुओं की भी रात को जगकर रखवाली करनी पड़ रही है

सांचौर (जालोर). सूबे के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई के विधानसभा क्षेत्र सांचौर में पैंथर का दहशत 72 घंटों से जारी है. पैंथर ने अब तक 1 वन रक्षक सहित 5 लोगों को घायल कर दिया है, लेकिन वन विभाग की रेस्क्यू टीम अभी तक पैंथर को पकड़ नहीं पाई है.

पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने ने नाकाम रही वन विभाग की टीम

जानकारी के अनुसार गुजरात की सीमा से गुरुवार सुबह पैंथर ने जालोर जिले के वांक गांव से प्रवेश किया. इस बाद ही पैंथर ने दो लोगों को घायल कर दिया. जिसके बाद शुक्रवार सुबह से लेकर शाम तक रेस्क्यू टीम ने काछेला पॉवर प्लांट के पास पद चिन्हों को देखते हुए ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली.

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इस दौरान वन रक्षक दिनेश कुमार सहित दो अन्य लोगों पर पैंथर ने हमला कर दिया. उसके बाद रात होने तक घनी बबूल की झड़ियों से पैंथर बाहर नहीं निकला तो टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद कर दिया. जिसके बाद रविवार सुबह से देर शाम तक पैंथर की खोजबीन करते हुए वन विभाग की टीम और आलाधिकारी चितलवाना तक पहुंच गए, लेकिन यहां भी उन्हें पैंथर नहीं मिला.

बिना संसाधन पहुंची वन विभाग की टीम...

पैंथर का रेस्क्यू ऑपरेशन करने के लिए जोधपुर से रेस्क्यू की टीम गुरुवार देर रात मौके पर पहुंच गई, लेकिन टीम के पास न तो रेस्क्यू वाहन था और न ही अन्य संसाधन. इसके चलते रविवार को तीसरे दिन भी स्थानीय वन विभाग और जोधपुर से आई टीम को सफलता नहीं मिल पाई. ऐसे में शनिवार देर शाम तक पैंथर चितलवाना के पास सांगड़वा के आसपास किसानों के खेतों में खड़ी फसलों में छुपता रहा.

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पैंथर ने 5 लोगों पर किया हमला...

पैंथर ने गुरुवार को दांतिया सरहद में 2 किसानों पर हमला किया था. शुक्रवार को पैंथर ने काछेला-बगसड़ी सरहद में 3 ग्रामीणों पर हमला किया. जिसमे एक वनकर्मी भी शामिल हैं. पैंथर के झाड़ियों में छिपे होने की सूचना पर उसे तलाश रहे पिथानियों की ढाणी निवासी जोगाराम पुत्र भूपा राम कोली और इसरोल निवासी रगाराम पुत्र गजा राम कोली पर उसने हमला कर घायल कर दिया. इसके अलावा वनकर्मी दिनेश को भी घायल कर दिया था.

झाड़ियों और फसलों की वजह से नहीं कर पा रहे ट्रेंकुलाइज...

वन विभाग की टीम में शूटर बंशीलाल और डॉ. ज्ञानप्रकाश ने बताया कि जिस जगह पैंथर था, वहां पर बबूल की झाड़ियां ज्यादा थी. इसके अलावा आसपास के खेतों में बाजरे की फसल खड़ी है जिनकी हाइट चार से पांच फीट है. जिसके कारण पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने में दिक्कत आ रही है.

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संसाधनों के अभाव में वन महकमा...

सांचौर विधानसभा क्षेत्र के सुखराम विश्नोई प्रदेश में वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं, लेकिन उन्हीं के विभाग की टीम के पास पैंथर का रेस्क्यू करने को लेकर संसाधन भी पूरे नहीं हैं. पैंथर को शूट करने के लिए भी शूटर को पैदल चलते हुए रेस्क्यू करना पड़ रहा है, जिससे उसकी जान को भी खतरा बना हुआ है. शूटर के पास खुद की सुरक्षा को लेकर न तो बॉडी जैकेट, हेलमेल, शूज समेत कोई संसाधन नहीं हैं.

लोगों में दहशत का माहौल...

गुजरात से राजस्थान के नेहड़ क्षेत्र में पैंथर के घुसने के बाद रविवार को तीन दिन हो गए है. तीन दिनों के दौरान लोग दहशत में है और रात को ठीक से सो नहीं पा रहे हैं. लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में पैंथर के आने की जानकारी के बाद अब खूद की और अपने पशुओं की भी रात को जगकर रखवाली करनी पड़ रही है

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