जालोर. कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में किसानों को फसल बेचने में परेशानी हो रही है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पहली बार आदेश जारी किया है. जिसके तहत ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर समर्थन मूल्य में फसल खरीद केंद्र बनाए गए है. इसमें जिले में 48 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को केंद्र बनाए गए. लेकिन, अभी तक खरीद 20 समितियों पर ही शुरू हो पाई है.
61 किसानों की 1584 क्विंटल सरसों और चना फसल की तुलाई
बता दें कि जिले में 48 ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर समर्थन मूल्य पर खरीद केंद्र बनाए गए और जिला प्रशासन ने 1 मई से फसल खरीद शुरू करने का दावा किया गया था. लेकिन 4 मई तक 4 कृषि मंडियों और 48 में से 20 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में ही समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो पाई है.
उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां एवं सहायक नोडल अधिकारी नारायण सिंह चारण ने बताया कि सोमवार को 4 केवीएसएस तथा 20 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के खरीद केन्द्रों पर 47 किसानों की 1170 क्विंटल सरसों की तुलाई. वहीं 14 किसानों की 414 क्विंटल चने की फसल की तुलाई हुई है. ऐसे में अभी तक देखा जाए तो 61 किसानों की 1584 क्विंटल सरसों और चने फसल की तुलाई की गई है.
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उन्होंने बताया कि आहोर, भीनमाल, सांचौर एवं रानीवाड़ा केवीएसएस तथा सांचोर के बिजरोल, दांता व सांकड़ ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर, भीनमाल में भीनमाल, चैनपुरा, वाड़ाभाड़वी में, जालोर की सायला, मेंगलवा, थलवाड़ व सियाणा में तथा आहोर की आहोर, पादरली, काम्बा, बाला, हरजी, पावटा, भाद्राजून, निम्बला, सुगालिया जोधा, घाणा व मालगढ़ में चना व सरसों की फसल की तुलाई हुई हैं. जबकि अन्य ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर किसानो की फसल तुलाई करने की तिथियां प्राप्त नहीं हुई हैं जिसके कारण 28 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में फसल की खरीद शुरू नहीं हो पाई है.
सांसद पटेल ने प्रवासियों की समस्याओं के समाधान को लेकर जिला कलेक्टर से की चर्चा
देशव्यापी लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों की समस्याओं को देखते हुए जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने सोमवार को कलेक्ट्रट कार्यालय में जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से चर्चा कर उनकी समस्या समाधान करने के निर्देश दिए.
जिसमें कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा बाहर या अन्य जिले में जाने के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर उपखंड प्रशासन से ई-पास जारी किया जाता हैं. इस संबध में मेडिकल आपातकाल में ई-पास जारी करने में ज्यादा समय लगता है, जिससे कई बार मरीज को समस्या रहती हैं. ऐसे में मेडिकल आपातकाल सहित अन्य अति आवश्यक या आपातकाल पास ऑफलाइन या तत्काल जारी किए जाए.
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सांसद पटेल ने बताया कि क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग व्यवसाय एवं मजदूरी के लिए देश के विभिन्न राज्यों में है. लाॅकडाउन के कारण क्षेत्र के राजस्थानी प्रवासियों को समस्याओं व असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं. उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के बाद कई प्रवासी बंन्धु अपने गृह जिले की ओर लौट रहे थे. इस दौरान सुरक्षा की दृष्टी से विभिन्न राज्यों में स्थानीय प्रशासन द्वारा कई स्थानों पर क्वॉरेंटाइन किया गया, जो काफी समय से क्वॉरेंटाइन सेंटरों में हैं.