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पंचायत समिति से मस्टररोल जारी हुए बिना ही करवाए लाखों रुपये के कार्य, अब मुख्यमंत्री तक हुई शिकायत - Rajasthan News

जालोर जिले की सायला ग्राम पंचायत की ओर से विकास कार्यों के नाम पर भारी अनियमितता करने का मामला सामने आया है. इस मामले की ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन देकर पंचायत की ओर से मस्टररोल जारी किए बिना मशीनों से कार्य करने, आचार संहिता के दौरान कार्य करने और गोचर-ओरण में बिना पटवारी एनओसी के कार्य करवाने की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है. साथ ही जांच होने तक भुगतान रोकने की भी मांग की है.

सायला ग्राम पंचायत, embezzlement in Sayla Gram Panchayat Samiti
सायला ग्राम पंचायत समिति में गबन का मामला
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Published : Feb 6, 2021, 7:44 AM IST

जालोर. जिले के सायला ग्राम पंचायत की ओर से विकास कार्यों के नाम पर भारी अनियमितता करने का मामला सामने आया है. इस मामले की ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन देकर पंचायत की ओर से मस्टररोल जारी किए बिना मशीनों से कार्य करने, आचार संहिता के दौरान कार्य करने और गोचर-ओरण में बिना पटवारी एनओसी के कार्य करवाने की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है. साथ ही जांच होने तक भुगतान रोकने की भी मांग की है. ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री और पंचायत राज सचिव को भी भेजी है. ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत सायला की ओर से साल 2020 में नियम विरुद्ध प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर और जेटीए से मिलावट कर नियमों की अवहेलना कर कार्य किए गए.

इन कार्यों में बरती अनियमितता

ज्ञापन में आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत सायला की ओर से 15वें वित्त आयोग योजना के तहत बीजाराम के घर से भीलवाड़ी महादेव कुटिया तक रख रखाव और स्वच्छता के लिए रास्ता दुरुस्तीकरण कार्य लागत 1,50,000 रुपये और बाबूलाल मेवाड़ा के घर से देवजी मेघवाल के घर तक रख रखाव और स्वच्छता के लिए रास्ता दुरुस्तीकरण का कार्य लागत 1,50,000 रुपये के कार्य करना बताया गया. इसमें ग्राम पंचायत ने पंचायत समिति के जेटीए सौरभसिंह से मिलावट कर बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी करवाई, जिसके लिए जेटीए सक्षम प्राधिकारी नहीं होता है. इसके लिए नियमानुसार जेईएन और एईएन ही तकनीकी स्वीकृति निकाल सकता है. इतना ही नहीं इसके लिए पंचायत समिति से ऑनलाइन मस्टरोल भी जारी नहीं किया गया है.

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इसी तरह 15वें वित्त आयोग योजना के तहत थानाराम के घर से मसराराम सरगरा के घर तक रख रखाव और स्वच्छता के लिए सीसी सड़क लागत 3,80,000 का नियम विरुद्ध आचार संहिता के दौरान अपने समर्थक प्रत्याशी को फायदा पहुंचाने के लिए आनन फानन में बिना पटवारी रिपोर्ट और मस्टरोल जारी किए करवाया गया है. इसमें भी जेटीए ने नियम विरुद्ध बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी की है.मालियों के जीएलआर से मालियों की बाड़ी होते हुए विराणा तिराहे तक बाइपास सायला लागत 2,55,000 का कार्य बिना मस्टररोल जारी किए नियम विरुद्ध मशीनरी से करवाया गया. नदी क्षेत्र ओरण में सार्वजनिक शमशान की चार दीवारी निर्माण कार्य कोडिया समाज सायला के लिए 4,42,000 खर्च किये गए हैं. उक्त शमशान भूमि नदी क्षेत्र ओरण में स्थित है जो बिना तरमीम के स्वीकृति निकाली गई है.

इसी तरह ओरण-गोचर क्षेत्र में स्थित हरीजन समाज शमशान भूमि के लिए भी चार दीवारी का निर्माण करवा दिया. सीसी सड़क मय नाली निर्माण कार्य बाइपास सड़क से थानाराम सरगरा के घर तक लागत 1,40,000 रुपये का कार्य करवाया गया. उक्त क्षेत्र ओरण में भी आया हुआ है, लेकिन कोई पटवारी रिपोर्ट नहीं है. वहीं, बाइपास सड़क से गोपाराम सरगरा के घर तक लागत 43,000 रुपये का कार्य करवाया ओरण में करवाया गया है, जबकि इस कार्य के लिए अभी तक मस्टररोल भी जारी नहीं हुए है. इसके अलावा दुर्गाराम पुरोहित के घर से कबूतरों के चौक तक सीसी सड़क और नाली का निर्माण 2 लाख 39 हजार, मोमता पुरोहित के घर से दुर्गाराम पुरोहित के घर तक लागत 4 लाख 89 हजार रुपये का कार्य करवाया गया है. उक्त दोनों कार्य में मस्टररोल जारी नहीं किये गए हैं. इसके अलावा भील बस्ती जो ओरण क्षेत्र है वहां पर भी इंटरलाॅकिंग ब्लाॅक मय नाली निर्माण कार्य अदरा जी भील के घर से मोमता भील के घर तरफ के कार्य में 5 लाख खर्च किये गए, जबकि यह कार्य भी बिना मस्टरोल के करवाया गया है. इसके अलावा इंटरलाॅकिंग ब्लाॅक और नाली निर्माण कार्य ओरण क्षेत्र में स्थित हनुमान चौक से जुटजी भील के घर में 2 लाख खर्च करके मशीनों से कार्य करवाने का आरोप लगाया है.

2014-15 में हुए कार्यों पर नई स्वीकृति जारी कर करवाए कार्य

ग्राम पंचायत की ओर से सरकारी धन का गबन करने के उदेश्य से साल 2014-15 में तत्कालीन पंचायत की ओर से करवाए गए कार्यों को नियमानुसार डेस्टरोय किए बिना नई स्वीकृति जारी कर दी. ग्राम पंचायत ने गबन करने के लिए लक्ष्मीनारायण के घर से जीतु भाई जीनगर की दुकान तक नाली निर्माण लागत 3 लाख 59 हजार के कार्य की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति निकाली, जबकि यह कार्य पूर्व में हो चुका था.

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इसके अलावा मेघवालों का धोरा पर तत्कालीन ग्राम पंचायत की ओर से 2014-15 में कार्य नम्बर एक- आंगनबाड़ी केंद्र से पोसाराम के घर तक सीसी रोड मय नाली निर्माण कार्य, कार्य नम्बर दो- रामदेवजी मंदिर से जुहाराम मेघवाल के घर तक सीसी रोड मय नाली निर्माण, कार्य नम्बर तीन- आंगनवाड़ी से डामर सड़क तक सीसी रोड मय नाली निर्माण करवाया गया था, लेकिन वर्तमान ग्राम पंचायत ने राज्य वित आयोग स्कीम के तहत उक्त तीनों कार्यों के लिए 2 लाख 65 हजार रुपये, 2 लाख 85 हजार व 4 लाख 45 हजार रुपये के कार्य बिना मस्टररोल जारी किए करवा दिए, जबकि नियमानुसार पूर्व में निर्मित सीसी रोड निर्माण आदि को डेस्टरोय करना पड़ता है, लेकिन डेस्टरोय की कार्यवाही नहीं की गई.

यह है नियम

ग्राम पंचायत की ओर से विकास कार्य करवाने के लिए वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति जारी करने के बाद पंचायत समिति की ओर से ऑनलाइन मस्टररोल जारी किया जाता है, उसके बाद कार्य करवाया जाता है, लेकिन सायला ग्राम पंचायत ने पंचायती राज चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद पंचायत समिति सायला से मस्टरोल जारी करवाए बिना मशीनरी से कार्य करवाया है.

जालोर. जिले के सायला ग्राम पंचायत की ओर से विकास कार्यों के नाम पर भारी अनियमितता करने का मामला सामने आया है. इस मामले की ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन देकर पंचायत की ओर से मस्टररोल जारी किए बिना मशीनों से कार्य करने, आचार संहिता के दौरान कार्य करने और गोचर-ओरण में बिना पटवारी एनओसी के कार्य करवाने की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है. साथ ही जांच होने तक भुगतान रोकने की भी मांग की है. ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री और पंचायत राज सचिव को भी भेजी है. ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत सायला की ओर से साल 2020 में नियम विरुद्ध प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर और जेटीए से मिलावट कर नियमों की अवहेलना कर कार्य किए गए.

इन कार्यों में बरती अनियमितता

ज्ञापन में आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत सायला की ओर से 15वें वित्त आयोग योजना के तहत बीजाराम के घर से भीलवाड़ी महादेव कुटिया तक रख रखाव और स्वच्छता के लिए रास्ता दुरुस्तीकरण कार्य लागत 1,50,000 रुपये और बाबूलाल मेवाड़ा के घर से देवजी मेघवाल के घर तक रख रखाव और स्वच्छता के लिए रास्ता दुरुस्तीकरण का कार्य लागत 1,50,000 रुपये के कार्य करना बताया गया. इसमें ग्राम पंचायत ने पंचायत समिति के जेटीए सौरभसिंह से मिलावट कर बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी करवाई, जिसके लिए जेटीए सक्षम प्राधिकारी नहीं होता है. इसके लिए नियमानुसार जेईएन और एईएन ही तकनीकी स्वीकृति निकाल सकता है. इतना ही नहीं इसके लिए पंचायत समिति से ऑनलाइन मस्टरोल भी जारी नहीं किया गया है.

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इसी तरह 15वें वित्त आयोग योजना के तहत थानाराम के घर से मसराराम सरगरा के घर तक रख रखाव और स्वच्छता के लिए सीसी सड़क लागत 3,80,000 का नियम विरुद्ध आचार संहिता के दौरान अपने समर्थक प्रत्याशी को फायदा पहुंचाने के लिए आनन फानन में बिना पटवारी रिपोर्ट और मस्टरोल जारी किए करवाया गया है. इसमें भी जेटीए ने नियम विरुद्ध बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी की है.मालियों के जीएलआर से मालियों की बाड़ी होते हुए विराणा तिराहे तक बाइपास सायला लागत 2,55,000 का कार्य बिना मस्टररोल जारी किए नियम विरुद्ध मशीनरी से करवाया गया. नदी क्षेत्र ओरण में सार्वजनिक शमशान की चार दीवारी निर्माण कार्य कोडिया समाज सायला के लिए 4,42,000 खर्च किये गए हैं. उक्त शमशान भूमि नदी क्षेत्र ओरण में स्थित है जो बिना तरमीम के स्वीकृति निकाली गई है.

इसी तरह ओरण-गोचर क्षेत्र में स्थित हरीजन समाज शमशान भूमि के लिए भी चार दीवारी का निर्माण करवा दिया. सीसी सड़क मय नाली निर्माण कार्य बाइपास सड़क से थानाराम सरगरा के घर तक लागत 1,40,000 रुपये का कार्य करवाया गया. उक्त क्षेत्र ओरण में भी आया हुआ है, लेकिन कोई पटवारी रिपोर्ट नहीं है. वहीं, बाइपास सड़क से गोपाराम सरगरा के घर तक लागत 43,000 रुपये का कार्य करवाया ओरण में करवाया गया है, जबकि इस कार्य के लिए अभी तक मस्टररोल भी जारी नहीं हुए है. इसके अलावा दुर्गाराम पुरोहित के घर से कबूतरों के चौक तक सीसी सड़क और नाली का निर्माण 2 लाख 39 हजार, मोमता पुरोहित के घर से दुर्गाराम पुरोहित के घर तक लागत 4 लाख 89 हजार रुपये का कार्य करवाया गया है. उक्त दोनों कार्य में मस्टररोल जारी नहीं किये गए हैं. इसके अलावा भील बस्ती जो ओरण क्षेत्र है वहां पर भी इंटरलाॅकिंग ब्लाॅक मय नाली निर्माण कार्य अदरा जी भील के घर से मोमता भील के घर तरफ के कार्य में 5 लाख खर्च किये गए, जबकि यह कार्य भी बिना मस्टरोल के करवाया गया है. इसके अलावा इंटरलाॅकिंग ब्लाॅक और नाली निर्माण कार्य ओरण क्षेत्र में स्थित हनुमान चौक से जुटजी भील के घर में 2 लाख खर्च करके मशीनों से कार्य करवाने का आरोप लगाया है.

2014-15 में हुए कार्यों पर नई स्वीकृति जारी कर करवाए कार्य

ग्राम पंचायत की ओर से सरकारी धन का गबन करने के उदेश्य से साल 2014-15 में तत्कालीन पंचायत की ओर से करवाए गए कार्यों को नियमानुसार डेस्टरोय किए बिना नई स्वीकृति जारी कर दी. ग्राम पंचायत ने गबन करने के लिए लक्ष्मीनारायण के घर से जीतु भाई जीनगर की दुकान तक नाली निर्माण लागत 3 लाख 59 हजार के कार्य की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति निकाली, जबकि यह कार्य पूर्व में हो चुका था.

यह भी पढ़ेंः घूसकांड में आरोपी आईपीएस मनीष अग्रवाल निलंबित...कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश

इसके अलावा मेघवालों का धोरा पर तत्कालीन ग्राम पंचायत की ओर से 2014-15 में कार्य नम्बर एक- आंगनबाड़ी केंद्र से पोसाराम के घर तक सीसी रोड मय नाली निर्माण कार्य, कार्य नम्बर दो- रामदेवजी मंदिर से जुहाराम मेघवाल के घर तक सीसी रोड मय नाली निर्माण, कार्य नम्बर तीन- आंगनवाड़ी से डामर सड़क तक सीसी रोड मय नाली निर्माण करवाया गया था, लेकिन वर्तमान ग्राम पंचायत ने राज्य वित आयोग स्कीम के तहत उक्त तीनों कार्यों के लिए 2 लाख 65 हजार रुपये, 2 लाख 85 हजार व 4 लाख 45 हजार रुपये के कार्य बिना मस्टररोल जारी किए करवा दिए, जबकि नियमानुसार पूर्व में निर्मित सीसी रोड निर्माण आदि को डेस्टरोय करना पड़ता है, लेकिन डेस्टरोय की कार्यवाही नहीं की गई.

यह है नियम

ग्राम पंचायत की ओर से विकास कार्य करवाने के लिए वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति जारी करने के बाद पंचायत समिति की ओर से ऑनलाइन मस्टररोल जारी किया जाता है, उसके बाद कार्य करवाया जाता है, लेकिन सायला ग्राम पंचायत ने पंचायती राज चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद पंचायत समिति सायला से मस्टरोल जारी करवाए बिना मशीनरी से कार्य करवाया है.

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