रानीवाड़ा (जालोर). राजस्थान बोर्ड के स्कूली पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप के इतिहास के साथ की गई छेड़छाड़ को लेकर विरोध जारी है. शनिवार को जालोर के रानीवाड़ा में श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन और भगवा क्रांति संगठन सहित कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम रानीवाड़ा तहसीलदार शंकरलाल मीणा को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में बताया गया है कि कि राजस्थान बोर्ड के कक्षा-10 के स्कूली पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप के इतिहास के साथ किए गए छेड़छाड़ को लेकर प्रदेश सहित देश की जनता में भारी आक्रोश है. महाराणा प्रताप ने अपनी आन, बान और शान के साथ कभी भी किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया. उन्होंने जंगलों में रहना स्वीकारा और घास की रोटी खाई, लेकिन अपने स्वाभिमान पर कभी कोई आंच नहीं आने दी. ऐसे स्वाभिमानी और परम प्रतापी महाराणा प्रताप के गौरवशाली इतिहास से कांग्रेस सरकार छेड़छाड़ कर भावी पीढ़ी को गलत इतिहास पढ़ाने जा रही है.
पढ़ें: राजस्थान ब्यूरोक्रेसी पर सर्जरी जारी, 2 IAS और 9 RPS के तबादले
सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के मुताबिक इस तरह महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक पहलुओं के साथ छेड़छाड़ करना बिल्कुल ठीक नहीं है. ये राजस्थान की आन, बान और शान के प्रतीक वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप का ही नहीं, बल्कि राजस्थान की 7 करोड़ जनता का अपमान है. इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ज्ञापन के जरिए राज्य सरकार से इस गलती को ठीक करने की मांग की गई है.
पढ़ें: जयपुर के चिकित्सकों ने होम्योपैथी की 3 दवाओं से किया कोरोना के इलाज का दावा
इस मौके पर एडवोकेट पूर्ण सिंह जोडवास, वीर बहादुर सिंह, फूल सिंह जाखड़ी, भीख सिंह , विरम सिंह सुरावा, भगवा क्रांति के संस्थापक तनु सिंह, लाल सिंह सेदरिया, गौ रक्षा कमांडो फोर्स देवाराम चौधरी, वंशी जोशी आजोदर, नीलेश सोनी और भावेश माहेश्वरी सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.