जालोर. कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में लॉकडाउन लागू है. जिसके चलते लोगों को यथास्थान पर रहने के निर्देश दिए गए. ऐसे में 7 प्रवासी लोगों की जान पर बन आई.
दरअसल ,यह 7 लोग टीबी जैसी घातक बीमारी के मरीज है और दूसरे राज्यों में इनका उपचार चल रहा है, लेकिन लॉकडाउन लागू होने के चलते यह मरीज समय पर निर्धारित अस्पताल में टीबी की दवाई लेने नहीं जा पा रहे है. ऐसे में स्थानीय चिकित्सा प्रशासन ने अपने स्तर पर पता करके इन टीबी के 7 मरीजों को एक महीने की दवाई उपलब्ध करवाई है.
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. गजेन्द्र सिंह देवल ने बताया कि जो प्रवासी लाॅकडाउन के कारण जालोर जिले में आ गये हैं और टीबी के मरीज है. उन लोगों को संबंधित चिकित्सा संस्थानों की ओर से नियमित डाट्स उपचार पद्धति से दवाई लेने के लिए पाबंद किया गया था. इनके पास दवाईयां खत्म हो गई थीं. जीवनरक्षा के लिये नियमित रूप से दवाईओं का लेना भी आवश्यक था. ऐसे में जानकारी जुटा कर प्रवासियों को एक माह की टीबी की दवाईयां उपलब्ध करवाई गई.
भीनमाल बीसीएमओ डाॅ. दिनेश विश्नोई ने बताया कि भीमनाल में 7 टीबी के रोगी जो की कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात के सूरत, अहमदाबाद और जोधपुर के मरीज हैं. इनमें गंभीर टीबी रोगी (एमडीआर टीबी) भी सम्मिलित है, ऐसे में इन मरीजों के जीवन को बचाने के लिए उनको जालोर के भीनमाल से दवाई उपलब्ध करवाई गई है.
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संबंधित चिकित्सा संस्थानों पर ही मिलती है दवाई
टीबी की रोकथाम को लेकर मरीजों को जांच करवाने के बाद संबंधित चिकित्सा संस्थान से ही लगातार दवाई लेनी होती है, लेकिन इस बार यह मरीज लॉकडाउन के दौरान संबंधित अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे थे. जिसके कारण सरकार ने संबंधित संस्थानों से जानकारी लेकर दवाईयां उपलब्ध करवाई गई है.