जालोर. जिले में दिसम्बर और जनवरी महीने में टिड्डी के कई झुंड जिले के गांवों में प्रवेश कर गए थे. जिससे रबी की फसलें बर्बाद हो गई थी. उस सदमे से किसान उभरे ही नहीं थे कि कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी.
जैसे-तैसे लॉकडाउन की अवधि में किसानों ने रबी की फसल एकत्रित करके गर्मी के सीजन में बाजरे की फसल की बुवाई की. अब फसल उगकर खड़ी ही हुई थी कि टिड्डी ने वापस अटैक कर दिया है. पिछले 5 दिनों से सीमावर्ती जिले से सटे गांवों में किसानों के खेतों में खड़ी फसल पर टिड्डियों ने कहर बरपा रखा है.
लेकिन, इसके नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन या टिड्डी नियंत्रण दल की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है. किसानों ने बताया कि तेज गर्मी के दौरान मेहनत करके बाजरे की फसल की बुवाई की थी. लेकिन टिड्डियों के कारण अब फसल पर खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने बताया कि टिड्डी नियंत्रण को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने जल्द कोई कदम नहीं उठाए तो किसान एक बार फिर बर्बाद हो जाएंगे.
चार महीनों के अंतराल में आई वापस
जिले में रबी की सीजन में टिड्डी के कई झुंड आए थे. जिन्होंने जिले के करीबन 300 से ज्यादा गांवों में 2 लाख हेक्टेयर में बोई फसल को चौपट कर दिया था. उस समय किसानों के ज्यादा नुकसान से हंगामा मचाया.
जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं जालोर के सांचोर आए और किसानों से रूबरू हुए. साथ ही स्पेशल गिरदावरी करवाने की घोषणा करके किसानों को मुआवजा दिया. लेकिन, फसलों का बीमा करवाने के वावजूद बीमे की राशि का क्लेम अभी तक किसानों को नहीं मिला है.अब वापस गर्मी के सीजन में हजारों हेक्टेयर बोई जा रही बाजरे की फसल को टिड्डी नष्ट कर रहे हैं. जिससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.
अनार की फसल पर भी मंडरा रहा खतरा
जिले में पिछले टिड्डी के हमले में किसानों ने जैसे-तैसे करके अनार के पौधों को बचा लिया था. लेकिन, इस बार वापस अनार के हजारों पौधों पर टिड्डी का खतरा मंडरा रहा है.
किसान हरीश बेनीवाल ने बताया कि लाखों रुपये खर्च कर अनार की बागवानी की है. अब टिड्डी के झुंड आने से अनार की फसल को नुकसान पहुंचने की खतरा है.