जालोर. जिले में टिड्डी का हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है. नेहड़ क्षेत्र में टिड्डी के प्रकोप कुछ हद तक कम ही हुआ था कि टिड्डी का दल गुजरात से अचानक वापस राजस्थान की ओर लौट आया है. अब यह दल सांचोर के आसपास के नर्मदा नहरी क्षेत्र में बोई रबी की फसल को बर्बाद कर रहा है. जिसके कारण किसान बेहाल हैं.
वहीं टिड्डी नियंत्रण में कृषि विभाग के सहायक उप निदेशक फूलाराम मेघवाल टिड्डी नियंत्रण दल की टीम के साथ कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन टिड्डी नियंत्रण में नहीं हो रही है. जिसके बाद कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए अपने अपने खेतों में धुंआ करने की सलाह दे रहे हैं.
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कृषि विभाग सहायक उप निदेशक फूलाराम मेघवाल ने बताया कि टिड्डी की संख्या ज्यादा होने व आवाजाही वाले क्षेत्र में टिड्डी के होने के कारण स्प्रे करने में परेशानियां आ रही हैं. उन्होंने बताया कि टिड्डी जिस क्षेत्र में हैं, वह क्षेत्र पूरा सिंचित क्षेत्र है और लोगों की काफी चहल पहल है. ऐसे में अगर स्प्रे करके टिड्डी पर नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं तो जनहानि या अन्य पशु-पक्षियों को नुकसान होने की आशंका है. जिसके कारण किसानों से अपील कर रहे हैं कि वह अपने खेतों में अलग-अलग जगहों पर हवा के रुख की तरफ धुंआ करें, ताकि टिड्डी धुंआ के कारण उनके खेत में नहीं बैठेगी. जिससे उनकी फसल बच जाएगी.
पूरे क्षेत्र में फैली टिड्डी, अब नियंत्रण संभव नहीं
टिड्डी के गुजरात की तरफ जाने के कारण एक बार तो प्रशासन ने राहत की सांस ले ली, लेकिन गुरुवार को दिन में टिड्डी गुजरात से वापस राजस्थान की तरफ आनी शुरू हो गई है. गुरुवार को कोड, भड़वल, गोलासन सहित आसपास के गांवों में रबी की फसल को नुकसान पहुंचाया. रात्रि विश्राम के बाद टिड्डी दल ने आज सवेरे सांचोर शहर पहुंच गया. शहर में आने के बाद टिड्डी दो भागों में विभाजित हो गई.
टिड्डी का एक दल शहर के पूर्वी भाग से रानीवाड़ा की तरफ निकल गया, जबकि दूसरा दल सांचोर शहर से आगे नेशनल हाइवे 68 की तरफ वाले गांवों की तरफ बढ़ गया. ऐसे में अब किसान चिंतित हैं कि टिड्डी पर नियंत्रण नहीं हो पाया तो रबी की पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी.