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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बड़ी लापरवाही के कारण 3 महीने तनाव में रही बच्ची, करवानी पड़ी रिचेकिंग - undefined

जालोर जिले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की लापरवाही प्रतिभाओं पर भारी पड़ सकती थी, लेकिन परिजनों की सावधानी से बड़ा हादसा टल गया. बता दें कि एक अभिभावक का आरोप है कि नम्बर कम आने के कारण उनकी बच्ची तीन माह तक तनाव में रही.

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Published : Oct 6, 2019, 8:50 PM IST

जालोर. बच्चों की मेहनत को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड किस प्रकार से हल्के में ले रहा है, उसका एक उदाहरण जिले में सामने आया है. दरअसल, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से बोर्ड की कॉपी जांचने में लापरवाही बरतने के मामले कई बार सामने आए हैं.

जालोर जिले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की गलती आई सामने

इस बार यह मामला जिले एक स्कूल की एक स्टूडेंट का है, जिसमें कॉपी की वापस चेकिंग करवाने पर उस कॉपी में आठ नंबर की बढ़ोतरी हुई. जिसके बाद अब अभिभावक राजकुमार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए है. राजकुमार के अनुसार उनकी बच्ची होशियार थी, लेकिन बोर्ड की परीक्षा में नंबर कम आने के कारण जिला मेरिट में आने से वंचित रह गई. जिसके कारण पिछले तीन माह से वह तनाव में थी.

पढ़ेंः जालोर: निर्दलीय प्रत्याशी अजयपाल सिंह ने मारी बाजी, एवीबीपी के खाते में केवल एक सीट

इस दौरान उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कॉपी की जांच करवाई तो नम्बर बढ़ने के बाद अब वह जिले की मेरिट में आने वाले छात्रों से ज्यादा नंबर आ रहे है. बता दें कि शहर के निजी विद्यालय सेंट राजेश्वर उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत दसवीं की छात्रा अदिति तिवारी पुत्री राजकुमार तिवारी को दसवीं कक्षा में इस बार परिणाम आने पर 89.17 प्रतिशत अंक हासिल हुए. बच्ची को इससे अधिक नंबर आने की उम्मीद थी. जिस कारण उसने शिक्षा बोर्ड से विज्ञान और संस्कृत की कॉपी रिचेकिंग करवाई. जिसमें संस्कृत में उसके आठ नंबर की बढ़ोतरी हुई. जिससे उसके प्रतिशत बढ़कर 90.50 हो गए हैं.


तीन महीने तनाव में रही बच्ची

छात्रा अदिति के पिता राजकुमार ने आरोप लगाया कि उनकी बच्ची होशियार थी, लेकिन परीक्षा परिणाम में नंबर कम आने के कारण पिछले तीन महीने तक तनाव में रही. ऐसे में हमको परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को सभी विषयों में अच्छे नम्बर थे, लेकिन संस्कृत में केवल 56 नम्बर ही दिए थे. दोबारा कॉपी चेक करवा गई तो 8 नंबर बढ़कर 64 हो गए. इस प्रकार से 20 अंक सत्रांक के मिलाकर 84 अंक हो गए.

जालोर. बच्चों की मेहनत को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड किस प्रकार से हल्के में ले रहा है, उसका एक उदाहरण जिले में सामने आया है. दरअसल, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से बोर्ड की कॉपी जांचने में लापरवाही बरतने के मामले कई बार सामने आए हैं.

जालोर जिले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की गलती आई सामने

इस बार यह मामला जिले एक स्कूल की एक स्टूडेंट का है, जिसमें कॉपी की वापस चेकिंग करवाने पर उस कॉपी में आठ नंबर की बढ़ोतरी हुई. जिसके बाद अब अभिभावक राजकुमार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए है. राजकुमार के अनुसार उनकी बच्ची होशियार थी, लेकिन बोर्ड की परीक्षा में नंबर कम आने के कारण जिला मेरिट में आने से वंचित रह गई. जिसके कारण पिछले तीन माह से वह तनाव में थी.

पढ़ेंः जालोर: निर्दलीय प्रत्याशी अजयपाल सिंह ने मारी बाजी, एवीबीपी के खाते में केवल एक सीट

इस दौरान उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कॉपी की जांच करवाई तो नम्बर बढ़ने के बाद अब वह जिले की मेरिट में आने वाले छात्रों से ज्यादा नंबर आ रहे है. बता दें कि शहर के निजी विद्यालय सेंट राजेश्वर उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत दसवीं की छात्रा अदिति तिवारी पुत्री राजकुमार तिवारी को दसवीं कक्षा में इस बार परिणाम आने पर 89.17 प्रतिशत अंक हासिल हुए. बच्ची को इससे अधिक नंबर आने की उम्मीद थी. जिस कारण उसने शिक्षा बोर्ड से विज्ञान और संस्कृत की कॉपी रिचेकिंग करवाई. जिसमें संस्कृत में उसके आठ नंबर की बढ़ोतरी हुई. जिससे उसके प्रतिशत बढ़कर 90.50 हो गए हैं.


तीन महीने तनाव में रही बच्ची

छात्रा अदिति के पिता राजकुमार ने आरोप लगाया कि उनकी बच्ची होशियार थी, लेकिन परीक्षा परिणाम में नंबर कम आने के कारण पिछले तीन महीने तक तनाव में रही. ऐसे में हमको परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को सभी विषयों में अच्छे नम्बर थे, लेकिन संस्कृत में केवल 56 नम्बर ही दिए थे. दोबारा कॉपी चेक करवा गई तो 8 नंबर बढ़कर 64 हो गए. इस प्रकार से 20 अंक सत्रांक के मिलाकर 84 अंक हो गए.

Intro:माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की लापरवाही प्रतिभाओं पर भारी पड़ सकती थी, लेकिन परिजनों की सावधानी से बड़ा हादसा टल गया। अभिभावकों का आरोप है कि नम्बर कम आने के कारण अदिति तीन माह तक तनाव में रही, लेकिन इन दौरान कुछ गलत कदम उठाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

Body:माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की गलती के कारण 3 माह तनाव में रही मेरी बच्ची, खामियाजा बोर्ड भुगतेगा क्या- अभिभावक राजकुमार
जालोर
बच्चों की मेहनत को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड किस प्रकार से हल्के में ले रहा है, उसका एक उदाहरण जालोर जिले में सामने आया है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से बोर्ड की कॉपी जांचने में लापरवाही बरतने के मामले कई बार सामने आए हैं। इस बार यह मामला जालोर की स्कूल की एक स्टूडेंट का है, जिसमें कॉपी की वापस चेकिंग करवाने पर उस कॉपी में आठ नंबर की बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद अब अभिभावक राजकुमार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए है। राजकुमार के अनुसार उनकी बच्ची होशियार थी, लेकिन बोर्ड की परीक्षा में नम्बर कम आने के कारण जिला मेरिट में आने से वंचित रह गई। जिसके कारण पिछले तीन माह से वह तनाव में थी। इस दौरान उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कॉपी जांच करवाई तो नम्बर बढ़ने के बाद अब वह जिले की मेरिट में आने वाले छात्रों से ज्यादा नम्बर आ रहे है। जानकारी के अनुसार जालोर शहर के निजी विद्यालय सेंट राजेश्वर उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत दसवीं की छात्रा अदिति तिवारी पुत्री राजकुमार तिवारी को दसवीं कक्षा में इस बार परिणाम आने पर 89. 17 प्रतिशत अंक हासिल हुए। बच्ची को इससे अधिक नंबर आने की उम्मीद थी। जिस कारण उसने शिक्षा बोर्ड से विज्ञान और संस्कृत की कॉपी रिचेकिंग करवाई। जिसमें संस्कृत में उसके आठ नंबर की बढ़ोतरी हुई है। जिससे उसके प्रतिशत बढ़कर 90.50 हो गए हैं।
तीन महीने तनाव में रही बच्ची
छात्रा अदिति के पिता राजकुमार ने आरोप लगाया कि उनकी बच्ची होशियार थी, लेकिन परीक्षा परिणाम में नम्बर कम आने के कारण पिछले तीन महीने तक तनाव में रही थी, ऐसे में हमको परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को सभी विषयों में अच्छे नम्बर थे, लेकिन सँस्कृत में केवल 56 नम्बर ही दिए थे। दुबारा कॉपी खुलवाई तो 8 नम्बर बढ़कर 64 हो गए। इस प्रकार से 20 अंक सत्रांक के मिलाकर 84 अंक हो गए।
बाईट- राज कुमार, अभिभावक


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