भीनमाल (जालोर). भीनमाल में होली पर सभी समाज के लोग मिलकर घोटा गैर खेलते हैं. भीनमाल की यह गैर जिले ही नहीं प्रदेश सहित देश में भी विशेष स्थान रखती है.
श्रीमाल, आलमल, गोलमाल, भीलमाल सहित कई नामों से भीनमाल शहर को पुकारा जाता है. जिस तरह इस शहर के नाम हैं, उसी तरह इस शहर में आयोजित होने वाले त्योहार भी अनोखे हैं.
भीनमाल में होली का त्योहार विशेष रूप में मनाया जाता है. देशभर में होली का त्याहोर दो दिन मनाया जाता है. वहीं भीनमाल शहर में होली का त्योहार तीन दिन मनाया जाता है. देश भर में होली के त्योहार पर धुलेरी खेली जाती है. उस दिन भीनमाल शहर में घोटा गैर का आयोजन होता है.
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कहा जाता है कि भीनमाल शहर में करीब 150 साल पूर्व राजा महाराजाओं के काल से इस घोटा गैर की शुरुआत की गई थी. जिसमें हर वर्ग शामिल होकर इस घोटा गैर में होली पर नृत्य करते हैं. शहर के विभिन्न चोहटे जैसे मालनीयों का चोहटा, देतियों का चोहटा, पिपली का चौहटा, खारी रोड सहित कई जगह पर क्रमानुसार गैर नृत्य का आयोजन सांस्कृतिक परंपरा के मुताबिक होता है.
यहां मेले सा माहौल पूरे शहर में रहता है. शहर का घंटाघर यानि बड़े चोहटे पर घोटा गैर एक विशेष रूप लेती है. इसमें शामिल होने वाले लोग सामान्य सर डांडिया में बड़े आकार का घोटा यानि बड़े मोटे डंडे के साथ गैर नाचते हैं.
क्या है घोटा जानें:
होली पर आयोजित होने वाली घोटा गैर सुप्रसिद्ध है. घोटा लकड़ी के डंडे के समान मोटे रूप में एक लंबा सा लकड़ा होता है. जिसे लोग हाथ में लेकर ऊपर उठाकर गैर में नृत्य करते हैं, जिसे घोटा नाम से पुकारा जाता है. लोग घोटे को एक दूसरे से टकराते हुए चलते हैं और नाचते हुए गैर का आनंद लेते हैं. इस गैर में शहर के सभी समाजों के लोग एकत्रित होकर गैर का आनंद लेते है.
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बाबैया ढोल का है विशेष महत्व:
कहा जाता है कि बाबैया ढोल का विशेष महत्व है. इस ढोल की आवाज सुनकर लोगों के पांव अपने आप नृत्य के लिए उठ जाते हैं. इसकी आवाज एक विशेष रूप में होती है जो दूर-दूर तक सुनाई देती है.
कहा जाता है कि पहले इसकी आवाज कई किलोमीटर तक भी सुनाई देती थी. जब यह बजता था तो पूरा शहर एकत्रित हो जाता था. कहा जाता है कि होली का हुड़दंग और घोटा गैर का हुड़दंग का पूरा खेल इसी ढोल पर आधारित है. इसी ढोल की धुन पर सभी अपनी मस्ती में मस्त होकर घोटा लेकर गैर नाचते हैं. वह पहले शहर के कई चोहटों से गैर नाचते हुए घंटा घर आते हैं और घंटा घर के चारों तरफ चक्कर लगाते हैं.