रानीवाड़ा ( जालोर). रानीवाड़ा पंचायत समिति में ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों पर चर्चा करने के लिए पंचायत समिति की साधारण बैठक बुलाई गई, लेकिन प्रधान और विधायक के कारण बैठक मजाक बन कर रह गई. पहले 1 बजे तक कोरम पूरा नहीं होने का हवाला देकर प्रधान रमिला मेघवाल ने बैठक को स्थगित कर दिया, लेकिन क्षेत्र के विकास कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करने का हवाला देकर विधायक नारायण सिंह देवल ने 2 बजे पंचायत समिति की बैठक ली.
जिसके कारण पंचायत समिति परिसर में होने के बावजूद भी ग्राम विकास अधिकारी सहित कई कांग्रेस समर्थित जनप्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुए. ऐसे में विधायक नारायण सिंह देवल ने पहले एसडीएम सहित अधिकारियों को बैठक के लिए निर्देश दिए और बाद में बैठक आयोजित हुई, लेकिन ग्राम विकास अधिकारियों को नदारद देखकर विधायक गुस्सा गए और जिला परिषद के सीईओ को फोन किया.
उसके बाद सीईओ ने एसडीएम को कॉल करके बैठक में कर्मचारियों को बुलाने के निर्देश दिए. ऐसे में मात्र 8 ग्राम विकास अधिकारी ही बैठक में आए. जिसके चलते विधायक ने नाराजगी जताते हुए पंचायत समिति के विकास अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आम जनता से जुड़े विकास कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही विकास अधिकारी को कहा कि आप मिट्टी के पुतले की तरह यहां पर कार्य कर रहे हो.
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बता दें कि जिले की सभी पंचायत समितियों में बैठक आज बुलाई गई थी. ऐसे में रानीवाड़ा पंचायत समिति में भी बैठक बुलाई गई. जिसमें सभी विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी पहुंच गए थे, लेकिन विधायक नारायण सिंह देवल के पहुंचने के कारण प्रधान रमीला मेघवाल ने कोरम पूरा नहीं होने का हवाला देकर बैठक को स्थगित कर दिया. जिसके बाद विधायक देवल ने अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें विकास अधिकारी सहित कई अधिकारियों को जनता के काम रोकने का आरोप लगाते हुए खरी खोटी सुनाई.
वहीं रानीवाड़ा प्रधान रमिला मेघवाल ने बताया कि 1 बजे बैठक का आयोजन होना था. मैं पहुंची भी थी, लेकिन कोरम पूरा नहीं हो पाया. जिस पर बैठक को स्थगित कर आगामी दिनों में रखी जाएगी. उसके बाद अगर बैठक आयोजित हुई है, तो उसकी मुझे जानकारी नहीं है.
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वहीं रानीवाड़ा विधायक नारायणसिंह देवल ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के प्रस्ताव को लेकर एक सर्कुलर जारी हुआ था. जिसको लेकर जिले के सभी पंचायत समितियों पर बैठक का होना जरूरी था. यह इतनी महत्वपूर्ण बैठक थी, अगर नहीं करते तो हमारे यहां से इस योजना का एक भी प्रस्ताव नहीं जाता. इसलिए बैठक आयोजन होना जरूरी था. प्रधान जी क्यों नहीं आए. उनके अध्यक्षता में ही बैठक का आयोजन होता है. ग्राम विकास अधिकारी नहीं आए तो सीईओ को अवगत करा दिया है. बिना कारण ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित रहे तो जरूर उन पर कार्रवाई होगी.