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अनशन पर बैठे किसानों और प्रशासन के बीच ठनी, सीएम आवास का घेराव करने के लिए रवाना हुए किसान

जालोर में भारतमाला परियोजना को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और प्रशासन के बीच परस्पर विरोध बढ़ गया है. स्थानीय प्रशासन ने धारा 144 लागू किया है. जिसके बाद किसानों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. इसके विरोध में शुक्रवार मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए किसान जयपुर के लिए रवाना हो चुके हैं.

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Published : Mar 12, 2020, 11:06 PM IST

भारतमाला परियोजना का विरोध, किसानों का जमीन सत्याग्रह, Farmer Grand Slam, bharatmala project oppose
किसानों और प्रशासन में ठनी

जालोर. जिले के दादाल गांव के किसान बाग में भारतमाला परियोजना को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और प्रशासन के बीच ठन गई है. स्थानीय प्रशासन की ओर से किसानों को नोटिस जारी करके धारा 144 का हवाला देकर जवाब तलब किया गया है. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने सीधे सरकार से भिड़ने का फैसला लेते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास के घेराव की घोषणा कर दी. अब अनशन कर रहे करीबन 250 से ज्यादा किसान जयपुर के लिए गुरुवार रात को रवाना हो चुके हैं.

किसानों और प्रशासन में ठनी

पिछले 13 दिन से महापड़ाव डालकर बैठे किसानों का आरोप है कि हम गांधी वादी तरीके से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन सरकार के इशारों पर जिला प्रशासन किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए बैक डेट में धारा 144 लागू करके किसानों को अपना आंदोलन उग्र करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

ये पढ़ेंः कांग्रेस से केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी होंगे राज्यसभा के लिए उम्मीदवार

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को हलके में ले रही है. हम गांधीवादी तरीके से पिछले 13 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. हमारी सुनवाई करने की बजाय नोटिस जारी करके किसानों को धमकाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को अलग-अलग फर्जी एफआईआर में फंसाने की कोशिश की जा रही है.

साथ ही उन्होंने कहा कि कल प्रशासन ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को ललकारते हुए जमीन मालिक को धारा 144 का हवाला देकर नोटिस जारी किया है. जिसमें कहा कि जिले में धारा 144 लागू है. आपकी जमीन पर किसान एकत्रित होकर आंदोलन कर रहे है. इसकी अनुमति प्रस्तुत करें या आगामी तीन दिन में जवाब दें. इसके जवाब में दलाल ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से किसानों को परेशान किया जा रहा है. जिसके कारण अब शुक्रवार को अनशन पर बैठने वाले किसान जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का घेराव करेंगे.

ये पढ़ेंः किसान महापड़ाव: अब तक 22 किसानों ने ली भूमि समाधि, 221 सामूहिक अनशन पर

28 फरवरी से शुरू हुआ है महापड़ाव

भारतमाला परियोजना के तहत निकाले जा रहे एक्सप्रेस-वे के विरोध में किसान पिछले 3 माह से बागोड़ा में धरना प्रदर्शन कर रहे थे. कोई सुनवाई नहीं होने के बाद 28 फरवरी को किसानों ने दादाल गांव में किसान बाग बनाकर महापड़ाव शुरू कर दिया. 28 फरवरी को 1500 किसानों ने राष्ट्रपति से ईच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी. जिसके बाद 7 और 8 मार्च को किसानों ने अर्धनग्न होकर मौन धारण किया. उसके बाद 9 मार्च से 22 किसानों ने जमीन में समाधि ली, जिसमें 6 महिला किसान शामिल हैं. वहीं इसी दिन 221 किसानों ने सामूहिक अनशन शुरू कर दिया. अब करीबन 250 से ज्यादा किसान अनशन पर बैठकर विरोध कर रहे हैं.

जालोर. जिले के दादाल गांव के किसान बाग में भारतमाला परियोजना को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और प्रशासन के बीच ठन गई है. स्थानीय प्रशासन की ओर से किसानों को नोटिस जारी करके धारा 144 का हवाला देकर जवाब तलब किया गया है. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने सीधे सरकार से भिड़ने का फैसला लेते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास के घेराव की घोषणा कर दी. अब अनशन कर रहे करीबन 250 से ज्यादा किसान जयपुर के लिए गुरुवार रात को रवाना हो चुके हैं.

किसानों और प्रशासन में ठनी

पिछले 13 दिन से महापड़ाव डालकर बैठे किसानों का आरोप है कि हम गांधी वादी तरीके से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन सरकार के इशारों पर जिला प्रशासन किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए बैक डेट में धारा 144 लागू करके किसानों को अपना आंदोलन उग्र करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

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आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को हलके में ले रही है. हम गांधीवादी तरीके से पिछले 13 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. हमारी सुनवाई करने की बजाय नोटिस जारी करके किसानों को धमकाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को अलग-अलग फर्जी एफआईआर में फंसाने की कोशिश की जा रही है.

साथ ही उन्होंने कहा कि कल प्रशासन ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को ललकारते हुए जमीन मालिक को धारा 144 का हवाला देकर नोटिस जारी किया है. जिसमें कहा कि जिले में धारा 144 लागू है. आपकी जमीन पर किसान एकत्रित होकर आंदोलन कर रहे है. इसकी अनुमति प्रस्तुत करें या आगामी तीन दिन में जवाब दें. इसके जवाब में दलाल ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से किसानों को परेशान किया जा रहा है. जिसके कारण अब शुक्रवार को अनशन पर बैठने वाले किसान जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का घेराव करेंगे.

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28 फरवरी से शुरू हुआ है महापड़ाव

भारतमाला परियोजना के तहत निकाले जा रहे एक्सप्रेस-वे के विरोध में किसान पिछले 3 माह से बागोड़ा में धरना प्रदर्शन कर रहे थे. कोई सुनवाई नहीं होने के बाद 28 फरवरी को किसानों ने दादाल गांव में किसान बाग बनाकर महापड़ाव शुरू कर दिया. 28 फरवरी को 1500 किसानों ने राष्ट्रपति से ईच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी. जिसके बाद 7 और 8 मार्च को किसानों ने अर्धनग्न होकर मौन धारण किया. उसके बाद 9 मार्च से 22 किसानों ने जमीन में समाधि ली, जिसमें 6 महिला किसान शामिल हैं. वहीं इसी दिन 221 किसानों ने सामूहिक अनशन शुरू कर दिया. अब करीबन 250 से ज्यादा किसान अनशन पर बैठकर विरोध कर रहे हैं.

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