जालोर. नगर परिषद की भूमि शाखा में आग लगाकर महत्वपूर्ण दस्तावेज जलाने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से 3 नगर परिषद जालोर और एक भीनमाल नगर पालिका में कार्यरत थे. जिनको 48 घंटो से ज्यादा हिरासत में रहने के कारण डीएलबी ने निलंबित कर दिया है.
डीएलबी के अतिरिक्त निदेशक ने आदेश जारी कर बताया कि जालोर कोतवाली पुलिस की ओर से विभाग को पत्र भेजकर अवगत कराया कि जालोर नगर परिषद के पूर्व आयुक्त शिकेश कांकरिया, जालोर नगरपरिषद आयुक्त जगदीश खीचड़ , गणपतराम और विनय विश्नोई के खिलाफ बीते 20 जनवरी 2020 को मामले संख्या 41 धारा 457, 436, 120 बी भादस और पीडीपीपी एक्ट में जालोर कोतवाली में मामला दर्ज होने और इन पर आरोप प्रमाणित पाए जाने पर गत 8 फरवरी को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में लिया गया.
वहीं पत्र में यह भी बताया गया कि यह चारों आरोपी 48 घंटे से अधिक न्यायिक हिरासत में रहे. ऐसे में राजस्थान सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 के तहत किए गए प्रावधानों में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन्हें निलंबित किया गया है.
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चारों का मुख्यालय रहेगा निदेशालय
डीएलबी की ओर से जारी आदेशों के तहत पुलिस हिरासत में लिए गए इन चारों आरोपियों का निलंबन काल में मुख्यालय निदेशालय जयपुर में रहेगा. वहीं जालोर आयुक्त और दो कनिष्ट सहायकों को नियमानुसार जीवन निर्वाह के लिए जालोर नगरपरिषद से और भीनमाल ईओ को भीनमाल नगरपालिका से भत्ता देय होगा.
गौरतलब है कि सहायक निदेशक (सतर्कता) रक्षा पारीक ने उच्चाधिकारियों को दो दिन पूर्व सोमवार को ही भीनमाल ईओ कांकरिया के खिलाफ 17 सीसीए के तहत कार्रवाई के लिए लिखा था.
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फर्जीवाड़े को छुपाने के लिए लगाई आग
नगर परिषद में आयुक्त रहे शिकेश कांकरिया ने जमकर फर्जीवाड़ा किया और फर्जी पट्टे जारी किए. उसके बाद शिकेश कांकरिया का तबादला भीनमाल हो गया तो नवीन आयुक्त जगदीश खीचड़ आए. उन्होंने भी फर्जीवाड़े का कारनामा जारी रखा. बाद में दोनों ने मिलकर षड्यंत्र करके दस्तावेजों को आग लगा दी, लेकिन पुलिस जांच में सब पकड़े गए.