जालोर. जिला मुख्यालय पर राजीव गांधी भवन में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को लेकर फीडबैक के लिए जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक प्रदेश सचिव और जिला प्रभारी भूराराम सीरवी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुई. इसमें कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कांग्रेस के कई जनप्रतिनिधियों ने पार्टी के पदाधिकारियों गंभीर आरोप लगाए. बैठक की शुरुआत राजीव गांधी की तस्वीर को पुष्प अर्पित करके हुई. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सम्बोधित किया. इसमें स्थानीय नेताओं ने प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाएय. सायला से पंचायत समिति सदस्य पीरू खान ने कहा कि भाजपा ने पंचायती राज चुनावों में टिकट देने की पेशकश की थी, उनकी पेशकश को ठुकराया, तो डिस्कॉम की टीम भेज कर घर पर फर्जी कार्रवाई करवा दीय. उसके बाद लगातार कांग्रेस के पदाधिकारियों को अवगत करवाया, लेकिन किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
इसके अलावा वरिष्ठ कार्यकर्ता नत्थूखां ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में पनप रहे असंतोष की बात कही और इसका जिम्मेदार पार्टी के बड़े नेताओं या जिला मुख्यालय पर बैठे नेताओं को बताया. वरिष्ठ कांग्रेसी लच्छीराम माली ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा कि चुनाव में हम लोगों के बीच जाते हैं और उन्हें आश्वास देते हैं कि आपके काम करवाना हमारी प्राथमिकता है, लेकिन चुनाव के बाद जब लोग हमारे पास आते हैं, तो हम उनका काम नहीं करवा पाते. महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष ममता जैन ने भी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की बात दोहराते हुए कहा कि इस तरह का रवैया रहा तो एक समय ऐसा भी आएगा कि पार्टी के पास कार्यकर्ताओं की कमी होगी. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कभी भी उनके या उनके कार्यकर्ताओं के फोन नहीं उठाए जाते हैं. ऐसी स्थिति में कार्यकर्ता अपनी समस्या कहां लेकर जाएगा.
पीसीसी के पूर्व सदस्य जितेन्द्र कसाना ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कड़े शब्दों में कहना शुरू किया कि हम एक ही रोना रो रहे हैं, क्या इससे कोई हल निकलेगा. इन सभी का हल हमें ही निकालना होगा. हम ही पार्टी की समस्याओं को सुलझा सकते हैं. इतना कहते ही एक जनप्रतिनिधि ने कहा कि हल कैसे निकलेगा, जब मैं खुद जनप्रतिनिधि होने के बाद मेरा खुद का बिजली कनेक्शन काट दिया गया. इसके लिए मैने रामलालजी को फोन किया, उन्होंने आगे बात भी की, लेकिन बात नहीं बनी. मुझे कहा गया कि पुखराज पाराशर से मिलो तो मैं उनसे भी मिला, लेकिन मुझे वहां से भी संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. ऐसी स्थिति में जब मैं खुद मेरी समस्या के लिए इधर-उधर भटक रहा हूं, तो मैं अपने गांव वालों की समस्या कैसे सुलझाउंगा.
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कसाना ने टोकते हुए कहा कि आप बैठक के बाद प्रभारी से मिलें और अपनी समस्या सुना सकते हैं. इस पर बैठक में बैठे कई कार्यकर्ताओं ने एक सुर में कहा कि बाद में तो हमें मिलने नहीं दिया जाता है. कहा जाता है कि अब आप जा सकते है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और निवर्तमान नगर अध्यक्ष जुल्फीकार अली भुट्टो ने कहा कि जिलाध्यक्ष को लेकर चर्चा करनी चाहिए. जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक या एससी-एसटी समाज से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों से अल्पसंख्यक या एससी या एसटी वर्ग ने कांग्रेस को वोट दिया है, लेकिन कभी कांग्रेस ने इस वर्ग को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया है.