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जालोर में हड़ताल पर सफाईकर्मी, जानें पूरा मामला - Cleaning system crumbles in Jalore

जालोर मुख्यालय पर पिछले चार दिनों से सफाईकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे है. जिसके कारण शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए है. नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, लेकिन उच्च अधिकारी इस मामले की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है.

Safai workers on strike in Jalore, जालोर में सफाई व्यवस्था बदहाल
जालोर में हड़ताल पर सफाईकर्मी
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Published : Mar 19, 2021, 12:17 PM IST

जालोर. जिला मुख्यालय पर नगर परिषद के अधिकारियों और सफाईकर्मियों में टकराव के कारण पिछले चार दिन से शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप है. सफाईकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है, जबकि नगर परिषद के अधिकारी शहर को भगवान भरोसे छोड़कर कुम्भकर्णी नींद में सोए हुए है.

जालोर में हड़ताल पर सफाईकर्मी

वहीं सबसे बड़ी बात कोरोना जैसी महामारी के लगातार बढ़ते प्रकोप के साथ शहर में कचरे के ढेर लगे हुए है. नालियों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है, लेकिन जिला कलेक्टर सहित अन्य उच्च अधिकारियों ने भी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि नगर परिषद के अधिकारियों और सफाईकर्मियों के बीच टकराव है, तो उसका समाधान करवाने में कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी क्यों रुचि नहीं ले रहे है.

पढ़ें- अलवर: नाबालिग का अपहरण कर किया दुष्कर्म, 4 नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

जानकारी के अनुसार नगर परिषद के सफाईकर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके चलते चार दिन पूर्व सफाईकर्मी अपनी यूनियन के बैनर तले हड़ताल पर चले गए. हड़ताल पर जाने के बाद सफाईकर्मियों और नगर परिषद के अधिकारियों के बीच कई बार बन्द कमरों में वार्ता हुई, लेकिन उसका कोई समाधान नहीं निकला. बन्द कमरो में हुई वार्ता का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जिसमें सभापति गोविंद टांक और आयुक्त महिपाल सहित सफाईकर्मियों को धमका रहे है. वहीं इसी गतिरोध के कारण शहर की सड़के कचरे के ढेर में तब्दील हो गई है. जिसके कारण शहरवासियों को परेशानियों के सामने करना पड़ रहा है.

जालोर. जिला मुख्यालय पर नगर परिषद के अधिकारियों और सफाईकर्मियों में टकराव के कारण पिछले चार दिन से शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप है. सफाईकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है, जबकि नगर परिषद के अधिकारी शहर को भगवान भरोसे छोड़कर कुम्भकर्णी नींद में सोए हुए है.

जालोर में हड़ताल पर सफाईकर्मी

वहीं सबसे बड़ी बात कोरोना जैसी महामारी के लगातार बढ़ते प्रकोप के साथ शहर में कचरे के ढेर लगे हुए है. नालियों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है, लेकिन जिला कलेक्टर सहित अन्य उच्च अधिकारियों ने भी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि नगर परिषद के अधिकारियों और सफाईकर्मियों के बीच टकराव है, तो उसका समाधान करवाने में कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी क्यों रुचि नहीं ले रहे है.

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जानकारी के अनुसार नगर परिषद के सफाईकर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके चलते चार दिन पूर्व सफाईकर्मी अपनी यूनियन के बैनर तले हड़ताल पर चले गए. हड़ताल पर जाने के बाद सफाईकर्मियों और नगर परिषद के अधिकारियों के बीच कई बार बन्द कमरों में वार्ता हुई, लेकिन उसका कोई समाधान नहीं निकला. बन्द कमरो में हुई वार्ता का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जिसमें सभापति गोविंद टांक और आयुक्त महिपाल सहित सफाईकर्मियों को धमका रहे है. वहीं इसी गतिरोध के कारण शहर की सड़के कचरे के ढेर में तब्दील हो गई है. जिसके कारण शहरवासियों को परेशानियों के सामने करना पड़ रहा है.

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