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टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंची केंद्रीय टीम, किसानों से नुकसान की ली जानकारी

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Published : Feb 19, 2020, 3:23 PM IST

टि्ड्डी हमले से बर्बाद हुई फसल का जायजा लेने केंद्रीय टीम जालोर पहुंची. जिसके बाद टीम ने जालोर में किसानों के खेतों का जायजा लिया. वहीं इस दौरान उन्होंने किसानों की बातों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है.

loss of locust attack, जालोर न्यूज
टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंची टीम

जालोर. जिले में हुए टिड्डी के हमले में बर्बाद हुई रबी की फसल का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम बुधवार को जालोर जिले के दौरे पर आई है. जिन्होंने सांचौर, चितलवाना और बागोड़ा उपखंड क्षेत्र के गांवों में जाकर किसानों से नुकसान की जानकारी ली.

टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंची टीम

जिले में दिसम्बर और जनवरी में हुए टिड्डी के अटैक से किसानों के खेतों में खड़ी रबी की फसल बर्बाद हो गई थी. उसके बाद कुछ किसानों को राहत के नाम पर थोड़ी बहुत राशि दी गई. उसके बाद नागौर सांसद व रालोपा के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने संसद में टिड्डी प्रभावित किसानों का मुद्दा उठाया. जिसके बाद केंद्र की सरकार हरकत में आई और आनन फानन में टीम गठित करके नुकसान का जायजा लेने के लिए भेजा. टीम ने मंगलवार को बाड़मेर में नुकसान का जायजा लिया. वहीं उसके बाद वे जालोर के दौरे पर आए.

सोमवार को सबसे पहले कौशल इंटरनेशनल होटल में कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल के सदस्य व पौध संरक्षण निदेशालय के सयुंक्त निदेशक डॉ. जेपी सिंह, FCI के डीजीएम अनिल ढिल्लन, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहायक आयुक्त मोतीराम सहित टीम के सदस्यों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक लेकर नुकसान की जानकारी ली.

यह भी पढ़ें. शांति धारीवाल के इस्तीफा मांगने पर कटारिया ने कहा- 'स्पीकर देख लें मेरी प्रोसिडिंग, फिर फैसला करें'

वहीं जायजा लेने आई टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सांचौर के डेडवा, आमली, पालड़ी और चितलवाना उपखंड के कागोड़ा, डूंगरी, सुन्थड़ी, सुराचंद में टिड्डी प्रभावित किसानों के खेतों का जायजा लेकर नुकसान की जानकारी ली. वहीं जायजा लेने के टीम के सामने किसानों ने बताया कि बैंकों व साहूकारों से कर्ज लेकर रबी की फसल की बुवाई की गई थी. टिड्डियों के झुंड ने रबी की सीजन बर्बाद कर दी है. अब सरकार मुआवजे के नाम पर मात्र 13 हजार 500 या अधिकतम 27 हजार तक का मुआवजा दे रही है, लेकिन किसानों के लाखों का नुकसान हो गया है.

यह भी पढ़ें. सख्त निर्देश : राजकीय समारोह में 'नेताजी' को बुलाना अनिवार्य, अधिकारियों के शिलालेख पर नाम और माला पहनने पर पाबंदी

अब बैंकों और साहूकार कर्ज को लेकर तकाजा करने लग गए हैं. टि्ड्डी हमले से किसानों की कमर टूट गई है. किसान कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं है. जिसके बाद टीम के सदस्यों ने आश्वासन दिया कि किसानों की वाजिब बातों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा.

जालोर. जिले में हुए टिड्डी के हमले में बर्बाद हुई रबी की फसल का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम बुधवार को जालोर जिले के दौरे पर आई है. जिन्होंने सांचौर, चितलवाना और बागोड़ा उपखंड क्षेत्र के गांवों में जाकर किसानों से नुकसान की जानकारी ली.

टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंची टीम

जिले में दिसम्बर और जनवरी में हुए टिड्डी के अटैक से किसानों के खेतों में खड़ी रबी की फसल बर्बाद हो गई थी. उसके बाद कुछ किसानों को राहत के नाम पर थोड़ी बहुत राशि दी गई. उसके बाद नागौर सांसद व रालोपा के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने संसद में टिड्डी प्रभावित किसानों का मुद्दा उठाया. जिसके बाद केंद्र की सरकार हरकत में आई और आनन फानन में टीम गठित करके नुकसान का जायजा लेने के लिए भेजा. टीम ने मंगलवार को बाड़मेर में नुकसान का जायजा लिया. वहीं उसके बाद वे जालोर के दौरे पर आए.

सोमवार को सबसे पहले कौशल इंटरनेशनल होटल में कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल के सदस्य व पौध संरक्षण निदेशालय के सयुंक्त निदेशक डॉ. जेपी सिंह, FCI के डीजीएम अनिल ढिल्लन, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहायक आयुक्त मोतीराम सहित टीम के सदस्यों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक लेकर नुकसान की जानकारी ली.

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वहीं जायजा लेने आई टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सांचौर के डेडवा, आमली, पालड़ी और चितलवाना उपखंड के कागोड़ा, डूंगरी, सुन्थड़ी, सुराचंद में टिड्डी प्रभावित किसानों के खेतों का जायजा लेकर नुकसान की जानकारी ली. वहीं जायजा लेने के टीम के सामने किसानों ने बताया कि बैंकों व साहूकारों से कर्ज लेकर रबी की फसल की बुवाई की गई थी. टिड्डियों के झुंड ने रबी की सीजन बर्बाद कर दी है. अब सरकार मुआवजे के नाम पर मात्र 13 हजार 500 या अधिकतम 27 हजार तक का मुआवजा दे रही है, लेकिन किसानों के लाखों का नुकसान हो गया है.

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अब बैंकों और साहूकार कर्ज को लेकर तकाजा करने लग गए हैं. टि्ड्डी हमले से किसानों की कमर टूट गई है. किसान कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं है. जिसके बाद टीम के सदस्यों ने आश्वासन दिया कि किसानों की वाजिब बातों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा.

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