जोधपुर : एसडीएम प्रियंका विश्नोई के उपचार में कोताही बरतने के अंदेशे के मामले में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टर्स की जांच रिपोर्ट प्रशासन को मिल गई है. हालांकि, कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने रिपोर्ट को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है. उन्होंने बताया है कि राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है. आगे की कार्रवाई के लिए सरकार को भेजा है, सरकार के स्तर पर ही कार्रवाई होगी.
रिपोर्ट में मरीज से जुड़ी जानकारी साझा नहीं की जा सकती है, लेकिन जांच रिपोर्ट के आधार पर हमने प्रकरण अग्रिम कार्रवाई के लिए सरकार को भेजा है. पूरे मामले में निष्पक्ष रूप से प्रभावी कार्रवाई होगी. : गौरव अग्रवाल, जिला कलेक्टर
बता दें कि प्रियंका विश्नोई 5 सितंबर को जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हुईं थीं. आपरेशन के बाद वह ठीक थीं, लेकिन अचानक कॉम्पलिकेशन हुए. इसके चलते उनका ब्रेन हेमरज हुआ था. तबीयत बिगड़ने पर परिजन प्रियंका को अहमदाबाद लेकर गए, जहां पर कई दिन उपचार के बाद 18 सितंबर की रात को उनका निधन हो गया. गुरुवार को प्रियंका विश्नोई का अंतिम संस्कार उनके ससुराल फलौदी के सुरपुरा में हुआ.
हालांकि, एम्स में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर धरना दिया. बाद में समझाइश के बाद वे शव लेकर रवाना हुए थे. उनको आश्वस्त किया गया था कि मामले में कार्रवाई की जाएगी. गुरुवार रात को ही कलेक्टर को मेडिकल कॉलेज से रिपोर्ट मिल गई, जिसे शुक्रवार को सरकार को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा गया है.
रिपोर्ट में यहः डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स की कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिश भी शुक्रवार देर शाम को सामने आ गई. जांच रिपोर्ट के अनुसार उपचार में कोई कमी सामने नहीं आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उपचार में किसी तरह की लापरवाही भी नहीं की गई है, लेकिन अस्पताल के चिकित्सा कर्मी और मरीज के परिजनों के बयानों में मतभेद जरूर सामने आया है. ऐसे में पांच सदस्य डॉक्टर की टीम ने इसकी विस्तृत जांच करवाने की सिफारिश की है. रिपोर्ट में इसके अलावा न्यूरोलॉजी के डॉक्टर्स की अलग रिकमेंडेशन का हवाला दिया है. जिसमें बताया गया है कि सीटी स्कैन की सिफारिश की गई, लेकिन मस्तिष्क की सिटी नहीं हुई. सीटी स्कैन नहीं करने के कारणों की आगे जांच होनी चाहिए.