जालोर. कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के लाखों प्रवासी अन्य प्रदेशों में फंसे है, जिनको लाने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है. वहीं, बड़े स्तर पर अनुमति देकर गुजरात सहित अन्य राज्यों से प्रवासियों को लाया भी जा रहा है. इसके साथ ही जिले में आने वाले प्रवासियों के स्क्रीनिंग करने सहित अन्य प्रकार की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया, लेकिन कल देर शाम को पहले सिरोही जिले के कलेक्टर ने आदेश जारी करके गुजरात के प्रशासनिक अधिकारियों को भेजते हुए कहा कि गुजरात में कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्रों में शामिल अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर से आने प्रवासियों को जिले में अनुमति नहीं दी जाएगी.
इसके कुछ देर बाद जालोर जिले कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने भी ऐसा ही आदेश जारी करके गुजरात सरकार और स्थानीय प्रशासन को भेज दिया. जैसे ही यह आदेश गुजरात प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचा, तब तक हजारों की तादाद में इन शहरों से प्रवासी रवाना हो चुके थे. ऐसे में गुजरात के प्रशासनिक अधिकारियों ने यह यह बात आनन-फानन में गुजरात सरकार तक पहुंचाई. उसके बाद गुजरात के नवसारी सांसद एवं लोकसभा हाउस कमेटी के चेयरमैन सीआर पाटिल ने एक वीडियो जारी करके प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर प्रवासियों के साथ अन्याय करने और जानबूझ कर प्रवेश नहीं देने के गंभीर आरोप लगाए.
पाटिल ने कहा कि गहलोत साहब आप राजनीति सालों से कर रहे हो तो करो, लेकिन मजदूरों पर तो राजनीति मत करो. अगर राजस्थान सरकार गुजरात में फंसे प्रवासियों को लाने के लिए गंभीर है तो आदेश गुजरात के मुख्यमंत्री के नाम आदेश जारी करे. अगर ऐसा नहीं कर सकते तो प्रवासियों को गुमराह करना बंद करे. इस वीडियो में पाटिल यह भी कह रहे है कि राजस्थान के एक जिला कलेक्टर ने गुजरात सरकार को लिखा है कि गुजरात के कई शहरों से आने वाले लोगों को राजस्थान में घुसने की अनुमति नहीं देंगे.
वहीं, पाटिल के आरोप से प्रदेश ही नहीं देशभर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार की किरकिरी होती देखकर राज्य सरकार के निर्देशों पर सिरोही जिले के कलेक्टर ने वापस दूसरा संसोधित आदेश जारी किया. जिसमें बताया गया है कि पहले के आदेश के अनुसार गुजरात में सरकारी कैम्प में रह रहे लोगों को राजस्थान भेजा जाए, लेकिन निजी वाहन लेकर गुजरात से आएंगे, उनको अनुमति नहीं दी जाएगी. इन आदेशों के बाद अब हजारों की तादाद में प्रवासी कन्फ्यूज है कि प्रदेश में प्रवेश देंगे या नहीं देंगे.
सुरक्षित रह रहे प्रवासियों के साथ हो रहे व्यवहार पर उठ रहे सवाल
बता दें कि पहले आदेश के बाद पाटिल ने राजस्थान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, तो सिरोही जिला प्रशासन ने दूसरा आदेश जारी किया. दूसरे आदेश में कहा गया है कि गुजरात के हॉटस्पॉट शहरों से अपने निजी वाहनों या अन्य संसाधनों आए आने वाले प्रवासियों को प्रवेश नहीं दिया जाए, जिसके बाद इस आदेश पर सवाल खड़े हो रहे है कि गुजरात के इन शहरों में हजारों प्रवासी ऐसे है जो सरकारी कैम्प में नहीं होकर अपने निजी कमरों या घरों में फंसे है. काम काज बन्द होने के कारण अब यह लोग घर आना चाहते है. वहीं, सुरक्षा की दृष्टि से कई लोग अपनी निजी गाडियों से सुरक्षित आना चाहते है तो उनको राजस्थान में प्रवेश की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है.
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कई प्रवासियों ने बताया कि सरकारी कैम्प में लोगों ने एक महीना बिताया है इस दौरान हो सकता है किसी के संपर्क में कोरोना पॉजिटिव भी आया होगा. उनको तो राजस्थान कि सरकार स्क्रीनिंग करके प्रवेश दे रही है, लेकिन जो लोग सुरक्षित तरीके से प्रदेश में आना चाहते है तो उनको प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, यह कहा तक उचित है.