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विधायक के गांव में अंग्रजी स्कूल खुलने से भाजपा में दिखा रोष, SDM को सौंपा ज्ञापन - राजस्थान की खबर

राज्य सरकार ने बीते दिनों रोलसाहबसर गांव में स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कमोन्नत कर दिया था. ऐसे में बुधवार को इसके विरोध में भाजपा ने मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. साथ ही कहा कि यह स्कूल अगर फतेहपुर और रामगढ़ में खोला जाता, तो लोगों को फायदा मिलता.

English school opened in MLAs village, विधायक के गांव में खुला अंग्रजी स्कूल
भाजपा ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Jun 10, 2020, 6:53 PM IST

फतेहपुर (सीकर). ब्लॉक पर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाने के आदेश जारी होने के साथ ही स्कूल सवालों के घेरे में आ गई. दरअसल स्कूल ब्लॉक मुख्यालय फतेहपुर में खुलने के बजाए विधायक के गांव रोलसाहबसर में खोलने की स्वीकृत होने पर लोगों ने विधायक पर सवाल खड़े किए. इस कड़ी में बुधवार को भाजपा प्रत्याशी और निर्वतमान प्रधान सुनीता कड़वासरा के नेतृत्व में उपखण्ड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है.

जिसमें यह मांग की गई है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल फतेहपुर और रामगढ़ में खुलना चाहिए. विधानसभा क्षेत्र में दो नगर पालिका क्षेत्र रामगढ़ और फतेहपुर आते हैं. इसके बावजूद भी स्कूल रोलसाहबसर में खोला गया है. इनका आरोप है कि उपखण्ड के लिए खोला गया कॉलेज भी कहीं दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया गया, इसमें भी राजनीति की बू आ रही है.

पढ़ेंः COVID-19 : पाली में रोहट-गाजनगढ़ टोल के 26 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित

भाजपा का कहना है कि रामगढ़ और फतेहपुर शहर में स्कूल खोला जाता है, तो इससे गांव और शहर के लोगों को फायदा मिलेगा. रोलसाहबसर में स्कूल के खुलने से केवल एक गांव का ही विद्यालय होकर रह जाएगा. बता दें कि राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए रोलसाहबसर गांव में स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कमोन्नत कर दिया है.

राज्य सरकार ब्लॉक मुख्यालय पर स्कूल खोलने का दावा कर रही थी. स्कूल गांव में खोले जाने के आदेश के बाद लोगों ने विधायक पर भेदभाव का आरोप भी लगाया है. सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने ही गांव में स्कूल खोले जाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई. लोगों का कहना है कि फतेहपुर और रामगढ़ मुख्यालय पर स्कूल की ज्यादा जरूरत थी.

इसलिए उठे सवाल

फतेहपुर कस्बे की आबादी एक लाख से अधिक है. कस्बे में पहले से ही दर्जनों अंग्रेजी माध्यम निजी स्कूलें संचालित हो रही है. स्कूलों में मोटी फीस वसूली जाती है. इन स्कूलों में हजारों की संख्या में बच्चे पढ़ रहे है. राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल की बेहद जरूरत थी. इसके अलावा रामगढ़ कस्बे की आबादी भी 25 हजार से ज्यादा है.

पढ़ेंः Corona Update: प्रदेश में कोरोना की मार, अब तक 11,245 बीमार

दोनों मुख्यालय पर स्कूल खुलती तो प्रवेश के लिए भी आवेदन अधिक आते. अब फतेहपुर से दस किमी से अधिक दूरी पर स्थित रोलसाहबसर गांव में स्कूल खुलने से दोनों शहरों के बच्चों को फायदा नहीं मिल पाएगा.

फतेहपुर (सीकर). ब्लॉक पर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाने के आदेश जारी होने के साथ ही स्कूल सवालों के घेरे में आ गई. दरअसल स्कूल ब्लॉक मुख्यालय फतेहपुर में खुलने के बजाए विधायक के गांव रोलसाहबसर में खोलने की स्वीकृत होने पर लोगों ने विधायक पर सवाल खड़े किए. इस कड़ी में बुधवार को भाजपा प्रत्याशी और निर्वतमान प्रधान सुनीता कड़वासरा के नेतृत्व में उपखण्ड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है.

जिसमें यह मांग की गई है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल फतेहपुर और रामगढ़ में खुलना चाहिए. विधानसभा क्षेत्र में दो नगर पालिका क्षेत्र रामगढ़ और फतेहपुर आते हैं. इसके बावजूद भी स्कूल रोलसाहबसर में खोला गया है. इनका आरोप है कि उपखण्ड के लिए खोला गया कॉलेज भी कहीं दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया गया, इसमें भी राजनीति की बू आ रही है.

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भाजपा का कहना है कि रामगढ़ और फतेहपुर शहर में स्कूल खोला जाता है, तो इससे गांव और शहर के लोगों को फायदा मिलेगा. रोलसाहबसर में स्कूल के खुलने से केवल एक गांव का ही विद्यालय होकर रह जाएगा. बता दें कि राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए रोलसाहबसर गांव में स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कमोन्नत कर दिया है.

राज्य सरकार ब्लॉक मुख्यालय पर स्कूल खोलने का दावा कर रही थी. स्कूल गांव में खोले जाने के आदेश के बाद लोगों ने विधायक पर भेदभाव का आरोप भी लगाया है. सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने ही गांव में स्कूल खोले जाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई. लोगों का कहना है कि फतेहपुर और रामगढ़ मुख्यालय पर स्कूल की ज्यादा जरूरत थी.

इसलिए उठे सवाल

फतेहपुर कस्बे की आबादी एक लाख से अधिक है. कस्बे में पहले से ही दर्जनों अंग्रेजी माध्यम निजी स्कूलें संचालित हो रही है. स्कूलों में मोटी फीस वसूली जाती है. इन स्कूलों में हजारों की संख्या में बच्चे पढ़ रहे है. राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल की बेहद जरूरत थी. इसके अलावा रामगढ़ कस्बे की आबादी भी 25 हजार से ज्यादा है.

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दोनों मुख्यालय पर स्कूल खुलती तो प्रवेश के लिए भी आवेदन अधिक आते. अब फतेहपुर से दस किमी से अधिक दूरी पर स्थित रोलसाहबसर गांव में स्कूल खुलने से दोनों शहरों के बच्चों को फायदा नहीं मिल पाएगा.

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