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जालोर में अब टिड्डी के हॉपर प्रकोप की शिकायत...कृषि विभाग की टीम ने किया निरीक्षण - rajasthan latest hindi news

जालोर और आहोर उपखण्ड क्षेत्र में रबी की फसल के सीजन में किसानों के खेतों में हॉपर की शिकायत के बाद सोमवार को कृषि विभाग की टीम ने निरीक्षण किया. जिसमें टिड्डी के हॉपर की जगह फड़का कुल का कीट ग्रास हॉपर डाइबोलोकेटेन्टोपस फिंगस की प्रजाति का होने के बाद किसानों से समझाइश करके कीट को नष्ट करने की जानकारी दी गई.

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कृषि विभाग की टीम ने टिड्डी के हॉपर प्रकोप की शिकायत पर किया निरीक्षण
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Published : Nov 9, 2020, 10:23 PM IST

जालोर. जिले के तहसील क्षेत्र के धवला ग्राम में टिड्डी हॉपर कीट से फसल नष्ट होने की शिकायत पर कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम की ओर से सोमवार को संबंधित कृषकों के खेतों का निरीक्षण किया गया. टीम में कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आर.बी.सिंह, सहायक निदेशक संतोष गुप्ता और नारणावास के कृषि पर्यवेक्षक राजेन्द्र मीणा मौजूद रहे.

कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आर बी सिंह ने बताया कि जिस किसानों ने हॉपर की शिकायत की थी. उनके खेतों में टिड्डी कीट का कोई प्रकोप नहीं होकर फड़का कुल का कीट ग्रास हॉपर डाइबोलोकेटेन्टोपस फिंगस की प्रजाति का होना पाया गया.

पढ़ें- दोस्ती करने के लिए महिला के घर भेजी बजरी की ट्रॉली, ऑडियो वायरल होने के बाद थानेदार निलंबित

उन्होंने बताया कि यह ग्रास हॉपर मुख्य रूप से खरपतवारों पर अपना आवास बनाते हैं और हरी पत्तियों की खरपतवार नहीं मिलने पर ही कुछ हद तक दूसरी फसलों पर आक्रमण कर सकते हैं. जांच के दौरान क्षेत्र में इनकी संख्या आर्थिक दहलीज स्तर/आर्थिक क्षति स्तर से काफी कम पाई गई. जिसके बाद टीम की ओर से मौके पर ही कृषकों को समझाइश कर फड़का कीट के नियंत्रण के उपाय बताए गए और सलाह दी गई कि अधिक प्रकोप होने पर 20 से 25 किलोग्राम क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत डीपी का बुरकाव करें. साथ ही खेत के चारों तरफ उगी हुई खरपतवारों को हटाकर नष्ट करें.

जालोर. जिले के तहसील क्षेत्र के धवला ग्राम में टिड्डी हॉपर कीट से फसल नष्ट होने की शिकायत पर कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम की ओर से सोमवार को संबंधित कृषकों के खेतों का निरीक्षण किया गया. टीम में कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आर.बी.सिंह, सहायक निदेशक संतोष गुप्ता और नारणावास के कृषि पर्यवेक्षक राजेन्द्र मीणा मौजूद रहे.

कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आर बी सिंह ने बताया कि जिस किसानों ने हॉपर की शिकायत की थी. उनके खेतों में टिड्डी कीट का कोई प्रकोप नहीं होकर फड़का कुल का कीट ग्रास हॉपर डाइबोलोकेटेन्टोपस फिंगस की प्रजाति का होना पाया गया.

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उन्होंने बताया कि यह ग्रास हॉपर मुख्य रूप से खरपतवारों पर अपना आवास बनाते हैं और हरी पत्तियों की खरपतवार नहीं मिलने पर ही कुछ हद तक दूसरी फसलों पर आक्रमण कर सकते हैं. जांच के दौरान क्षेत्र में इनकी संख्या आर्थिक दहलीज स्तर/आर्थिक क्षति स्तर से काफी कम पाई गई. जिसके बाद टीम की ओर से मौके पर ही कृषकों को समझाइश कर फड़का कीट के नियंत्रण के उपाय बताए गए और सलाह दी गई कि अधिक प्रकोप होने पर 20 से 25 किलोग्राम क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत डीपी का बुरकाव करें. साथ ही खेत के चारों तरफ उगी हुई खरपतवारों को हटाकर नष्ट करें.

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