ETV Bharat / state

कृषि सुधार विधेयक किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल : विधायक देवल

author img

By

Published : Sep 22, 2020, 4:35 PM IST

रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने कई गांवों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार विधेयक से किसानों को होने वाले फायदों को बताया.

जालोर की खबर रानीवाड़ा की खबर कृषि सुधार विधेयक रानीवाड़ा विधायक Jalore news  News of raniwada  Agricultural reform bill    Raniwada MLA
'किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल'

रानीवाड़ा (जालोर). रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने विधानसभा क्षेत्र के गांव सेडिया, कबूली ढ़ाणी, नारायणपुरा, नेलिया, सांकड़, लाछीवाड़, लाछीवाड़ गोलिया और मौखातरा सहित कई गांवों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में लाए गए कृषि सुधार विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पास होने पर किसानों के बीच जाकर इन विधेयकों से किसानों को होने वाले फायदों की जानकारी दी.

विधायक देवल ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये वही कांग्रेस पार्टी है, जो साल 2014 से पहले जब सत्ता में थी, तो खुद इनकी सरकार ने कहा था कि बिचौलियों की वजह से किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य नहीं मिल पाता है. इसलिए किसानों को भी अन्य उद्योगों की तरह खुला बाजार दिए जाने की जरूरत है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने ही बाकायदा अपने कार्यकाल में नवंबर 2004 में एमएस स्वामीनाथन की अगुवाई में एक कमेटी बनाई, जिसका काम था कि किसानों की समस्याओं का पता लगाकर उनको उनकी फसल की लागत पर लगभग 50 प्रतिशत तक का लाभ दिलाना. बाद में उस कमेटी को राष्ट्रीय किसान आयोग के नाम से भी जाना गया.

यह भी पढ़ें: सौभाग्य से मेरा यह जन्मदिन यादगार और ऐतिहासिक बन गया: केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी

स्वामीनाथन कमेटी ने अक्टूबर, 2006 में ही अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को दे दी थी. लेकिन बिचौलियों के दबाव में और अपने राजनीतिक हित साधने के चक्कर में कांग्रेस कभी भी इन सुधारों को लागू नहीं कर पाई. इसके बाद साल 2014 में जनता ने देश की बागडोर नरेन्द्र मोदी के सशक्त और मजबूत नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को सौंप दी. मोदी सरकार हमेशा किसान, दलित, शोषित और वंचितों के उत्थान और विकास के लिए कार्य करने को प्रतिबद्ध है. मोदी ने दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी ने जो 102 सुझाव दिए थे, उनमें से 101 सुझावों को इन कृषि सुधार विधेयकों के माध्यम से लागू किया है. आज यही कांग्रेस पार्टी झूंठी अफवाहें फैलाकर किसानों को बरगला रही है. लेकिन देश का किसान बहुत पढ़ा लिखा और समझदार है, वो जानता है कि ये विधेयक उनके हित में है और मोदी सरकार कभी भी किसान विरोधी निर्णय नहीं ले सकती है.

यह भी पढ़ें: श्रीगंगानगरः किसान मजदूर व्यापारी संघ ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव, जमकर किया विरोध-प्रदर्शन

प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सामने आकर कहा है कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद बन्द होगी और न ही मण्डी व्यवस्था को खत्म किया जाएगा. बल्कि किसानों को अपनी फसल अब पूरे देश में कहीं भी, किसी को भी बेचने की आजादी मिलेगी. किसान अब अपनी फसल का दाम खुद तय करेगा, उसे जहां ज्यादा कीमत मिलेगी, किसान अपनी फसल उसे ही बेचेगा. न ही कोई फसल खरीदने वाली कंपनी किसान की जमीन की मालिक बनेगी और अगर प्राकृतिक आपदा के कारण किसान की फसल नष्ट भी हो जाती है तो जो किसान जिस कंपनी से अपनी फसल के लिए करार करेगा. उस कंपनी को किसान को भुगतान करना ही होगा. इसलिए ये विधेयक हर तरह से किसानों के हित में है. स्थानीय विधायक देवल द्वारा दी गई जानकारी के बाद किसानों ने मोदी सरकार का आभार जताया और कृषि सुधार विधेयकों को अपना समर्थन दिया.

रानीवाड़ा (जालोर). रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने विधानसभा क्षेत्र के गांव सेडिया, कबूली ढ़ाणी, नारायणपुरा, नेलिया, सांकड़, लाछीवाड़, लाछीवाड़ गोलिया और मौखातरा सहित कई गांवों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में लाए गए कृषि सुधार विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पास होने पर किसानों के बीच जाकर इन विधेयकों से किसानों को होने वाले फायदों की जानकारी दी.

विधायक देवल ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये वही कांग्रेस पार्टी है, जो साल 2014 से पहले जब सत्ता में थी, तो खुद इनकी सरकार ने कहा था कि बिचौलियों की वजह से किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य नहीं मिल पाता है. इसलिए किसानों को भी अन्य उद्योगों की तरह खुला बाजार दिए जाने की जरूरत है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने ही बाकायदा अपने कार्यकाल में नवंबर 2004 में एमएस स्वामीनाथन की अगुवाई में एक कमेटी बनाई, जिसका काम था कि किसानों की समस्याओं का पता लगाकर उनको उनकी फसल की लागत पर लगभग 50 प्रतिशत तक का लाभ दिलाना. बाद में उस कमेटी को राष्ट्रीय किसान आयोग के नाम से भी जाना गया.

यह भी पढ़ें: सौभाग्य से मेरा यह जन्मदिन यादगार और ऐतिहासिक बन गया: केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी

स्वामीनाथन कमेटी ने अक्टूबर, 2006 में ही अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को दे दी थी. लेकिन बिचौलियों के दबाव में और अपने राजनीतिक हित साधने के चक्कर में कांग्रेस कभी भी इन सुधारों को लागू नहीं कर पाई. इसके बाद साल 2014 में जनता ने देश की बागडोर नरेन्द्र मोदी के सशक्त और मजबूत नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को सौंप दी. मोदी सरकार हमेशा किसान, दलित, शोषित और वंचितों के उत्थान और विकास के लिए कार्य करने को प्रतिबद्ध है. मोदी ने दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी ने जो 102 सुझाव दिए थे, उनमें से 101 सुझावों को इन कृषि सुधार विधेयकों के माध्यम से लागू किया है. आज यही कांग्रेस पार्टी झूंठी अफवाहें फैलाकर किसानों को बरगला रही है. लेकिन देश का किसान बहुत पढ़ा लिखा और समझदार है, वो जानता है कि ये विधेयक उनके हित में है और मोदी सरकार कभी भी किसान विरोधी निर्णय नहीं ले सकती है.

यह भी पढ़ें: श्रीगंगानगरः किसान मजदूर व्यापारी संघ ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव, जमकर किया विरोध-प्रदर्शन

प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सामने आकर कहा है कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद बन्द होगी और न ही मण्डी व्यवस्था को खत्म किया जाएगा. बल्कि किसानों को अपनी फसल अब पूरे देश में कहीं भी, किसी को भी बेचने की आजादी मिलेगी. किसान अब अपनी फसल का दाम खुद तय करेगा, उसे जहां ज्यादा कीमत मिलेगी, किसान अपनी फसल उसे ही बेचेगा. न ही कोई फसल खरीदने वाली कंपनी किसान की जमीन की मालिक बनेगी और अगर प्राकृतिक आपदा के कारण किसान की फसल नष्ट भी हो जाती है तो जो किसान जिस कंपनी से अपनी फसल के लिए करार करेगा. उस कंपनी को किसान को भुगतान करना ही होगा. इसलिए ये विधेयक हर तरह से किसानों के हित में है. स्थानीय विधायक देवल द्वारा दी गई जानकारी के बाद किसानों ने मोदी सरकार का आभार जताया और कृषि सुधार विधेयकों को अपना समर्थन दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.