जालोर. लॉकडाउन में आम जनता को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत जिले की 8 पंचायत समितियों की 274 ग्राम पंचायतों में 32938 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है. जिले में इसी योजना में 9 अप्रेल को 1733 और 17 अप्रेल को श्रमिक संख्या मात्र 4029 थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान पंचायतीराज विभाग की ओर से ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने के निर्णय के बाद मनरेगा में श्रमिकों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होकर आंकड़ा 32 हजार 9 सौ 38 तक पहुंच गया है.
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जिला कार्यक्रम समन्वयक हिमांशु गुप्ता ने पंचायत समिति के विकास अधिकारियों को प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर कम से कम 200 श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर ने मनरेगा कार्यस्थल पर गर्मी में श्रमिकों की सुविधाओं का पर्याप्त ख्याल रखने को कहा है. उन्होंने श्रमिकों के लिए छाया-पीने का पानी और मेडिकल किट और साबुन रखने, कोरोना संक्रमण बचाव व्यवस्थाओं के अन्तर्गत श्रमिकों को समूह में कार्य न देने, प्रत्येक श्रमिक के मध्य पर्याप्त दूरी रखने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
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कार्यस्थल पर श्रमिकों से मुंह पर मास्क या कपड़ा बांधकर कार्य करने और खाना खाने से पहले और बाद में घर जाते वक्त दिन में कम से कम 4 बार साबुन से हाथ धोने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए पाबन्द किया गया है. मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान में जिले की जालोर पंचायत समिति की 28 ग्राम पंचायतों में 5452, आहोर की 41 ग्रा.प. में 5910, भीनमाल की 36 ग्रा.प. में 4212, चितलवाना की 31 ग्रा.पं. में 3985, जसवन्तपुरा की 29 ग्रा.पं. में 3289, रानीवाड़ा की 33 ग्रा.पं. में 2455, सांचोर की 33 ग्रा.पं. में 2207 और सायला पंचायत समिति की 40 ग्राम पंचायतों में 5428 श्रमिकों प्रतिदिन रोजगार दिया जा रहा है.