भीनमाल (जालोर). जिले में टीडी के हमले ने किसानों की नींद उड़ा रखी है. अबतक जिले में करीब 300 से ज्यादा गांवों में लाखों हेक्टेयर फसल टिड्डी दल चट कर चुका है. दो बार नेहड़ क्षेत्र में बाड़मेर सीमा से टिड्डी दल ने हमला किया, उसके बाद गुजरात की तरफ चला गया. इसी बीच 24 दिसंबर को टिड्डी ने फिर से गुजरात की सीमा से सांचौर क्षेत्र में प्रवेश किया.
पिछले 9 दिनों से टिड्डी दल ने अलग-अलग समूह में होते हुए जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र में करीब 300 से ज्यादा गांवों को अबतक नुकसान पहुंचा चुका है. सबसे ज्यादा सांचौर और चितलवाना के क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचाया है. सांचौर उपखंड क्षेत्र के 98 और चितलवाना उपखंड के 72 गांव चपेट में आये हैं. इसके बाद रानीवाड़ा, भीनमाल, सायला क्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचाया है. अब भी क्षेत्र में टिड्डी का खतरा किसानों के खेतों में मंडरा रहा है.
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प्रशासन के बचाव अभियान असफल, किसान हुए बर्बाद
टिड्डी दल खत्म करने को लेकर प्रशासन ने किसानों से सहयोग लेकर अभियान चलाया. अभियान पूरी तरह असफल रहे हैं. जानकारी के अनुसार टिड्डियों की तादाद ज्यादा होने प्रशासन किसानों की कोई मदद नहीं कर पा रहा है. जिसके चलते किसानों की फसल चौपट हो गई है. जिससे किसान काफी परेशान है.
बर्बाद हो रही किसानों की फसल
किसान देर रात तक अपने खेतों में टिड्डियों से बचने के लिए डेरा जमाए बैठे रहते हैं. जिले भर में किसान करीब 10 दिनों से अपने परिजनों के साथ रात भर अपने खेतों की रक्षा करते हैं. प्रशासन टिड्डी दल के हमले से निपटने में नाकाम साबित हो रहा है, जिससे लोग परेशान हैं. सरकार के पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने के चलते किसानों की फसलें तबाह हो गईं.
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टिड्डियों से बचने किसान कर रहे जतन
जिले भर में किसान टिड्डियों के हमले से खफा हैं. वहीं प्रशासन के प्रयास भी पूरी तरह असफल दिखाई दे रहे हैं. जिसके बाद किसान अपने स्तर पर कई जतन करते दिखाई दे रहे हैं. किसान टिड्डियों से बचने के लिए ढोल और थाली बजाकर टिड्डियों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं खेतों में टायर जलाकर धुआं कर फसलों को बचाया जा रहा है. इसी तरह किसान टिड्डियों से बचने के लिए अपने स्तर पर कई तरह के जतन कर रहे हैं.
किसानों का कहना है, कि टिड्डियों के भगाने के लिए हमारे घर में जो भी बर्तन होते हैं, वह भी टूट गए हैं. अगर इस तरह के उपाय नहीं किए जाएं तो टिड्डी हमारी फसल चौपट कर देती हैं. हमारी ओर से इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.