जैसलमेर. कलात्मकता और भव्यता की धनी स्वर्णनगरी जैसलमेर में शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस की धूम मची हुई है. पर्यटन के क्षेत्र में बुलंदियों को छू चुकी स्वर्णनगरी में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में सैलानी धोरों की धरती पहुंचते हैं. वहीं मरूस्थलीय जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में पर्यटन व्यवसाय का अमूल्य योगदान रहा है.
बता दें कि ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की अखे प्रोल में पर्यटन व्यवसायी संघ और गाईड एसोसिऐशन ने सैलानियों का जमकर स्वागत किया. स्वर्णनगरी के लोक कलाकारों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर सैलानियों का आवभगत किया. वहीं मेहमानों का साफा पहनकर, तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत किया गया. लोक कलाकारों ने ढ़ोलक की थाप पर कालबेलिया नृत्य कर सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर दिया. साथ ही ढ़ोल की थाप पर सैलानी भी झूमते नजर आए. विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर सोनार दुर्ग पर लोक कलाकारों द्वारा पारंपरिक लोक संगीत के साथ भी सैलानियों का स्वागत किया जा रहा है.
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विश्व पर्यटन दिवस पर स्वर्णनगरी पहुंचने पर हो रहे स्वागत सत्कार से सैलानी भी अभिभूत नजर आ रहे हैं. धोरों की धरती पर पहुंचते ही मिल रहे आदर सत्कार को लेकर सैलानी पर्यटन विभाग और पर्यटन व्यवसायी का तहे दिल से आभार भी जता रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले तीन दशकों से सैलानियों के स्वर्णनगरी के प्रति लगाव बढ़ रहा है. जिससे धोरों की धरती की तस्वीर के साथ-साथ तकदीर भी बदल गई है. सैलानियों की बंपर आवक से जहां स्वर्णनगरी की प्रसिद्धि सात समंदर पार तक पहुंची है.
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वहीं मरूप्रदेश के बाशिदों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिला है. अनुमान के तौर पर हर साल करीबन 5 लाख सैलानी स्वर्णनगरी की सैर करने आते हैं. वहीं सालाना 250 करोड़ रुपए का टर्नओवर पर्यटन के क्षेत्र से मिलता है. स्वर्णनगरी के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग, कलात्मक हवेलियां, रेत के धोरे सैलानियों को बरबस आकर्षित करते हैं.