जैसलमेर. गोडावणों की हाईटेंशन तारों से टकराकर मौत के मामले को देखते हुए वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की एक विशेष टीम जल्द जैसलमेर का दौरा करेगी. गौरतलब है कि वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की यह विशेष टीम पहले 8 से 10 फरवरी तक जैसलमेर दौरे पर आने वाली थी, लेकिन अभी यह दौरा किसी कारण से टाल दिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब यह टीम आगामी सप्ताह तक आएगी.
जैसलमेर आने वाली इस विशेष टीम में पर्यावरण और वन्य जीव मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और जीआईबी विशेषज्ञ एवं राजस्थान के वन और बिजली विभागों के अधिकारी शामिल हैं. टीम गोडावण के विभिन्न निवास एवं विचरण क्षेत्रों का दौरा करेगी और गोडावणों की हाईटेंशन तारों से टकराकर मौत के मामले को देखते हुए बर्ड डाइवर्टर लगाने की संभावनाओं पर भी ध्यान देगी.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीन दिवसीय जैसलमेर दौरे के दौरान टीम गोडावण संरक्षण के संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेगी और गोडावण प्रजनन कार्य की समीक्षा करेगी. जानकारी के अनुसार विशेषज्ञ टीम में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ वैज्ञानिक यदुवेंद्र झाला, डॉ. सुथिरथो दत्ता, बॉम्बे नेचुरल सोसाइटी के विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉ. असद रहमानी शामिल हैं.
बता दें कि गोडावण दुर्लभ प्रजाति का एक वन्य जीव है, जिसके संरक्षण के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों से पिछले कुछ समय मे बेहतर परिणाम सामने आए हैं. जैसलमेर जिले के सम क्षेत्र में राष्ट्रीय मरू उद्यान में गोडावणों के ब्रीडिंग के लिए बने हैचरी सेंटर में इसका परिणाम सामने देखने को मिल रहा है. जिसके चलते जीआईबी की आबादी बढ़ रही है.