जैसलमेर. कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में वन्यजीवों के शिकार की कई घटनाएं सामने आई है. इस दौरान प्राकृतिक माहौल के बीच सुरक्षा होने के भ्रम में वन्यजीवों और पक्षियों को अठखेलियां करना भारी पड़ गया.
पिछले दिनों जिले के रामदेवरा क्षेत्र में चिंकारा हिरण का शिकार हुआ था. ऐसे में इस मामले में शिकारियों को गिरफ्तार किया गया और उनसे शिकार में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किए गए थे. इस घटना ने वन्यजीव प्रेमियों को चिंता में डाल दिया है.
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हकीकत यह भी है कि लॉकडाउन के दौरान निगरानी तंत्र कमजोर होने से यह निराशाजनक स्थिति बनी थी. पिछले कुछ महीनों में जहां शासन-प्रशासन का समूचा ध्यान कोरोना संक्रमण को रोकने पर रहा. वहीं प्राकृतिक माहौल में शांति और सुकून को देखकर विचरण करने वाले वन्यजीव शिकारियों के निशाने पर रहे.
डीएनपी अधिकारी कपिल चंद्रवाल ने भी माना है कि लॉकडाउन की अवधि में सरकारी मशीनरी व्यस्त थी, जिसके कारण अन्य गतिविधियां प्रभावित हुई. साथ ही कोरोना के चलते स्थानीय सूचना तंत्र भी कमजोर हुआ था, लेकिन जो भी शिकार की घटना हुई और जिसकी समय रहते सूचना मिली उस पर त्वरित कार्रवाई की गई.
उन्होंने कहा कि रामदेवरा और रामगढ़ में शिकारियों को गिरफ्तार किया गया और उनसे शिकार में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किए गए थे. सूत्रों के अनुसार इस दौरान कई शिकार की घटनाएं ऐसी भी रही, जिनकी जानकारी ही सामने नहीं आई. सरहदी जिले में वन्यजीव अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अधिकांश मामलों में घटनाओं के आंकड़े ही सामने नहीं आए है.
चंद्रवाल ने कहा कि वर्तमान में शिकार को रोकने के लिए विभाग की टीम पूरी तरह से मुस्तैद है और लगातार गश्त बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही वन्यजीव प्रेमी और स्थानीय निवासी भी शिकार अथवा किसी भी दुर्घटना की सूचना तुरंत विभाग को दे रहे है. जिससे उन्हें विश्वास है कि इस पर अंकुश लगाने में विभाग सफल होगा.
वहीं गत दिनों वातावरण शांत होने से खेत-खलिहानों के पास विचरण करते हुए पहुंच रहे वन्यजीव पूरे क्षेत्र को जंगल और वन क्षेत्र मानने के भ्रम में शिकारियों के चंगुल में फंस रहे हैं. जिले में आबादी क्षेत्र के घनत्व की कमी और दूर-दूर बसे गांव-ढाणियों के साथ थाना क्षेत्रों के बीच की दूरी अधिक होने से जिले में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर निगरानी रखने में जिम्मेदारों को परेशानी भी आ रही है.
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जिले में हाल ही में हुई शिकार की घटनाएं
3 अप्रैल | रामदेवरा क्षेत्र | चार चिंकारा हिरण का शिकार |
19 अप्रैल | नोख क्षेत्र | चार तीतर का शिकार |
26 अप्रैल | रामगढ़ क्षेत्र | दो चिंकारा हिरण का शिकार |