जैसलमेर. किसानों के लिए एक अच्छी खबर आयी है. जिसके तहत समय पर विद्धुत आपूर्ति नहीं होने के चलते होने वाली फसल खराबे से बचाव के साथ साथ भारी बिजली बिल से भी छुटकारा मिल सकता है.
किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के कम्पोनेंट के तहत कृषकों को हाइटेक उद्यानिकी कृषि के लिए 3, 5 और 7.5 एचपी पम्प क्षमता तक के स्टैण्ड अलोन सौर ऊर्जा पम्प पर सरकार की ओर से अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. जिसमें कृषकों को सौर ऊर्जा पम्प पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा और 40 प्रतिशत राशि स्वयं कृषक की ओर से वहन की जाएगी.
सहायक निदेशक उद्यान राकेश माला ने बताया कि कृषक के पास 3 एचपी के लिए 0.4 हैक्टेयर, 5 एचपी के लिए 0.75 हैक्टेयर और 7.5 एचपी के लिए 1.0 हैक्टेयर का भू-स्वामित्व होना आवश्यक है. साथ ही योजना में डार्क जोन या ब्लेक जोन क्षेत्र में पूर्व से स्थापित डीजल पम्प सेट से सिंचाई करने वाले कृषकों को ही लाभान्वित किया जा सकेगा.
इस योजना में यथासंभव लघु और सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी और जिन कृषकों के पास कृषि विद्युत कनेक्शन हैं या सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र परियोजना अन्तर्गत अनुदान प्राप्त कर लिया हैं. वे कृषक इस योजना के पात्र नहीं होंगे. योजना का लाभ उन उन किसानों को मिलेगा जो कृषि और उद्यानिकी फसलों में सिंचाई के लिए मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, स्प्रिंकलर संयंत्र आदि को आवश्यक रूप से काम में ले रहे हो या उच्च उद्यानिकी जैसे ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस आदि लेने वाले कृषक भी पात्र होंगे.
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सौर ऊर्जा आधारित पम्प परियोजना वर्ष 2019-20 में सामान्य श्रेणी में 31 अगस्त 2018 तक की आवेदित पत्रावली और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 15 नवम्बर तक आवेदित पत्रावली पूर्ण करवाकर 15 दिसम्बर तक कार्यालय में जमा करवाई जा सकती है.
वहीं, विद्युत विभाग में कृषक की ओर से कृषि विद्युत कनेक्शन आवेदन होने की स्थिति में आवेदित कृषक की ओर से स्वयं की सहमति से विद्युत कनेक्शन आवेदन को समर्पित करने पर योजना में पात्र माना जाएगा.