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जैसलमेर : पर्यटन नगरी में आवारा पशुओं का आतंक, नगरपरिषद सभापति का जल्द कार्रवाई का दावा - नगरपरिषद सभापति

जैसलमेर विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान रखता है. ऐसे में यहां की व्यवस्था स्थानीय निवासियों के साथ-साथ भ्रमण पर आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों के लिए भी काफी अहम हो जाती है. जिससे शहरी विकास और व्यवस्थाओं के लिए नगर परिषद से अपेक्षाएं भी अधिक रहती है. लेकिन कुछ समय से लोगों की नगर परिषद से की गई अपेक्षाएं पूरी नहीं हो रही हैं.

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पर्यटन नगरी में आवारा पशुओं का आतंक
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Published : Jan 20, 2020, 3:06 PM IST

जैसलमेर. स्वर्ण नगरी में इन दिनों आवारा पशुओं के लोगों को घायल करने के मामले सामने आ रहे हैं. बता दें, कि शहर में स्थित पर्यटन स्थलों सहित मुख्य बाजार में आवारा पशुओं द्वारा लगातार स्थानीय निवासियों सहित कई देशी-विदेशी पर्यटकों को घायल किया जा रहा है, लेकिन नगर परिषद के पास इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है.

पर्यटन नगरी में आवारा पशुओं का आतंक

वहीं जब नगरपरिषद सभापति हरीवल्लभ कल्ला से आवारा पशुओं की रोकथाम को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा, कि आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए कार्य योजना बना ली गयी है. जिसके तहत आगामी दिनों में कार्रवाई करते हुए आवारा पशुओं की धरपकड़ शुरू की जाएगी. पकड़े गए आवारा गोवंश पर एक टैग लगाया जाएगा.

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सड़क पर टहलते आवारा पशु

उसके बाद इन गोवंश को तुलसी गौशाला में रखा जाएगा. यदि 7 दिन के भीतर मालिक पशु को छुड़वाने आता है तो उससे निर्धारित दण्ड राशि वसूल कर पशु सुपुर्द कर दिया जाएगा. इसके बाद ऐसे गोवंश जिनके मालिक उन्हें लेने नहीं आते हैं, तो उन्हें भादरिया राय गौशाला में भेज दिया जाएगा.

सभापति ने कहा, कि इस कार्य योजना से शहर में घूम रहे आवारा पशु से निजात मिल सकेगी. लेकिन आवारा कुत्तों पर कार्रवाई को लेकर सभापति ने कहा, कि केंद्र सरकार के विभाग की रोक के चलते उन्हें पकड़ा नहीं जा सकता लेकिन फिर भी उचित कार्रवाई करने का प्रयास किया जाएगा.

पंचायत चुनाव: तीसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया आज, दूसरे चरण के लिए मंगलवार को रवाना होंगे मतदान दल

जैसलमेर के मुख्य शहर और भीतरी भाग में संकरी गलियां और तंग रास्तों के बीच में आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे वहां से आने- जाने का रास्ता बंद हो जाता है. ऐसे में वहां से गुजरने वाली पैदल एवं वाहन चालकों को खासी परेशानी होती है और कई बार यातायात भी प्रभावित होता है.

जैसलमेर. स्वर्ण नगरी में इन दिनों आवारा पशुओं के लोगों को घायल करने के मामले सामने आ रहे हैं. बता दें, कि शहर में स्थित पर्यटन स्थलों सहित मुख्य बाजार में आवारा पशुओं द्वारा लगातार स्थानीय निवासियों सहित कई देशी-विदेशी पर्यटकों को घायल किया जा रहा है, लेकिन नगर परिषद के पास इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है.

पर्यटन नगरी में आवारा पशुओं का आतंक

वहीं जब नगरपरिषद सभापति हरीवल्लभ कल्ला से आवारा पशुओं की रोकथाम को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा, कि आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए कार्य योजना बना ली गयी है. जिसके तहत आगामी दिनों में कार्रवाई करते हुए आवारा पशुओं की धरपकड़ शुरू की जाएगी. पकड़े गए आवारा गोवंश पर एक टैग लगाया जाएगा.

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सड़क पर टहलते आवारा पशु

उसके बाद इन गोवंश को तुलसी गौशाला में रखा जाएगा. यदि 7 दिन के भीतर मालिक पशु को छुड़वाने आता है तो उससे निर्धारित दण्ड राशि वसूल कर पशु सुपुर्द कर दिया जाएगा. इसके बाद ऐसे गोवंश जिनके मालिक उन्हें लेने नहीं आते हैं, तो उन्हें भादरिया राय गौशाला में भेज दिया जाएगा.

सभापति ने कहा, कि इस कार्य योजना से शहर में घूम रहे आवारा पशु से निजात मिल सकेगी. लेकिन आवारा कुत्तों पर कार्रवाई को लेकर सभापति ने कहा, कि केंद्र सरकार के विभाग की रोक के चलते उन्हें पकड़ा नहीं जा सकता लेकिन फिर भी उचित कार्रवाई करने का प्रयास किया जाएगा.

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जैसलमेर के मुख्य शहर और भीतरी भाग में संकरी गलियां और तंग रास्तों के बीच में आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे वहां से आने- जाने का रास्ता बंद हो जाता है. ऐसे में वहां से गुजरने वाली पैदल एवं वाहन चालकों को खासी परेशानी होती है और कई बार यातायात भी प्रभावित होता है.

Intro:स्वर्ण नगरी जैसलमेर जो विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान रखता है ऐसे में यहां की व्यवस्था है आम लोगों से अलग स्थानीय निवासियों के साथ साथ भ्रमण पर आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों के लिए भी काफी अहम हो जाती है ऐसे में शहरी विकास और व्यवस्थाओं के लिए नगर परिषद से अपेक्षाएं भी अधिक रहती है बात करें तो शहर में स्थित पर्यटन स्थलों सहित मुख्य बाजार में पिछले कई वर्षों से आवारा पशुओं द्वारा लगातार स्थानीय निवासियों सहित कई देशी-विदेशी पर्यटकों को घायल करने के मामले सामने आए हैं लेकिन फिर भी नगर परिषद इसका कोई स्थाई समाधान अब तक नहीं निकाल पाया है


Body:गौरतलब है कि शहर के मुख्य मार्गो सहित पर्यटन स्थलों पर कई बार आवारा पशुओं द्वारा लोगों को घायल करने के मामले सामने आते रहते हैं, ऐसे में जब नगरपरिषद सभापति हरीवल्लभ कल्ला से आवारा पशुओं की रोकथाम को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए कार्य योजना बना ली गयी है, जिसके तहत आगामी दिनों में कार्रवाई करते हुए आवारा पशुओं की धरपकड़ शुरू की जाएगी. पकड़े गए आवारा गोवंश पर एक टैग लगाया जाएगा. उसके बाद इन गोवंश को तुलसी गौशाला में रखा जाएगा. यदि 7 दिन के भीतर मालिक पशु को छुड़वाने आता है तो उससे निर्धारित दण्डराशि वसूल कर पशु सुपुर्द कर दिया जाएगा. इसके उपरांत ऐसे गोवंश जिनके मालिक उन्हें लेने नहीं आते हैं, तो उन्हें भादरिया राय गौशाला में भेज दिया जाएगा. सभापति ने कहा कि इस कार्य योजना से शहर में घूम रहे आवारा पशु गोवंश से निजात मिल सकेगी. लेकिन आवास श्वानों पर कार्रवाई को लेकर सभापति ने कहा कि केंद्र सरकार के विभाग की रोक के चलते उन्हें पकड़ा नहीं जा सकता लेकिन फिर भी इस और उचित कार्रवाई करने का प्रयास किया जाएगा.


Conclusion:गौरतलब है कि जैसलमेर के मुख्य शहर एवं भीतरी भाग में संकरी गलियां और तंग रास्तों के बीच में ही आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे वहां से आने - जाने का रास्ता बंद सा हो जाता है. ऐसे में वहां से गुजरने वाली पैदल एवं वाहन चालकों को खासी परेशानी होती है और कई बार यातायात भी प्रभावित होता दिखाई देता है. ऐसे में देखना होगा कि नगरपरिषद कब अपनी योजना को अमल में लाती है और कब जैसलमेर शहर को आवारा पशुओं से निजात मिलती है.

बाईट-1- हरिवल्लभ कल्ला , सभापति, नगरपरिषद जैसलमेर।
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