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डाकू करणाराम : अफगानी लड़की के इश्क में बना नड़ गायक...तत्कालीन राष्ट्रपति ने सजा माफ की, बदला लेने सिर काटकर पाकिस्तान भागे हत्यारे - अफगानी लड़की

डाकुओं का नाम आते ही आपके जेहन में चंबल के बीहड़ और दुनाली लिए खूंखार डकैतों का चेहरा उभरता है. लेकिन जैसलमेर (jaisalmer) के धोरों में एक डाकू (dacoit) ऐसा भी था जो प्रेम में संगीतकार बन गया था. वह इलाके के प्रसिद्ध नड़ वादक (Nad player Karanram Bhil) बना लेकिन दुश्मनों ने उसका सिर काटकर उसकी हत्या (beheading) कर दी.

dacoit karanram bhil  Nad player Karanram Bhil
जैसलमेर के डाकू करणाराम भील की कहानी
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Published : Aug 28, 2021, 6:22 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 7:44 PM IST

जैसलमेर. यह जिले के ऐसे कुख्यात डाकू और एक कला प्रेमी की जींवत कहानी हो जो आज भी रेतीले धोरों में नड़ वादन की कला के जादू के साथ कई किस्से संजोए हुए है. हम बात कर रहे हैं जैसलमेर जिले के निवासी करणाराम भील (dacoit karanram bhil) की, जो एक समय जैसलमेर सहित आस-पास के इलाकों में कुख्यात डाकू के रूप में पहचाना जाता था.

कई घटनाओं में करणाराम भील का हाथ था. इलाके में उसकी दहशत थी. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि कुख्यात डाकू करणाराम भील देश का प्रसिद्ध नड़ वादक बन गया. इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा (Historian Nandkishore Sharma) बताते हैं कि करणाराम भील उस दौरान एक अफगानी युवती (afghani girl) लाली को अपना दिल दे बैठा और उससे प्रेम करने लगा. लाली को नड़ वादन सुनाने के लिए ही करणाराम भील नड़ वादक बन गया.

डाकू करणाराम भील की कहानी, इतिहाकार नंद किशोर की जुबानी

हत्या के जुर्म में मिली उम्र कैद

जानकार बताते हैं कि करणाराम भील ने 60-70 के दशक में जैसलमेर के भूगांव में जमीन खरीदी थी. इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर करणाराम का इलियास नाम के व्यक्ति से विवाद हो गया. इस दौरान एक दिन करणा भील ने इलियास के बेटे के सामने ही इलियास की गोली मार कर हत्या कर दी. करणाराम को गिरफ्तार कर लिया गया और उम्रकैद की सजा सुना दी गई. लेकिन करणाराम जैसलमेर की जेल तोड़कर भाग निकला. हालांकि कुछ दिन बाद उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.

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डाकू करणाराम

राष्ट्रपति ने सजा माफ की

जेल में करणाराम भील नड़ गायन का प्रदर्शन किया करता था. इसके चलते उसे पैरोल पर बाहर जाने की छूट भी मिल जाती थी. उसे अक्सर तब पैरोल मिला करती थी जब किसी वीआईपी मेहमान के सामने लोक संगीत का कार्यक्रम किया जाता था. इसी दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति जैसलमेर दौरे पर आये, उनके सामने करणाराम भील ने नड़ वादन पेश किया. कैदी के प्रदर्शन से खुश राष्ट्रपति ने करणा भील की सजा माफ कर दी.

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अफगानी लड़की के इश्क में बना नड़ वादक

पढ़ें- आमेर पर्यटन : जल स्रोत हुए लबालब, सैलानियों से गुलजार आमेर घाटी...पर्यटकों को लुभा रही हरियाली

सिर काटकर हत्या, अंतिम संस्कार भी नहीं

2 अक्टूबर 1988 को करणा भील अपनी ऊंटगाड़ी पर सवार होकर पशुओं के लिए चारा लेने जा रहा था. इस दौरान सोनार किले (sonar fort) के पास छिपे कुछ लोगों ने घात लगाकर उस पर हमला कर दिया. हमलावरों ने करणा भील की नृशंस हत्या कर दी. वे उसका सिर काटकर ले गए. उन्होंने करणा का धड़ ऊंटगाड़ी में पटका और उसे घर की तरफ रवाना कर दिया. करणा की मौत के बाद परिजनों ने सिर की तलाश की लेकिन करणाराम का सिर नहीं मिला. यह तलाश आज भी अधूरी है. सिर नहीं मिलने के कारण उसके धड़ को कब्र खोदकर सोनार किले के पास गाड़ दिया गया.

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डाकू से नड़ गायक और मूंछों का शौकीन करणाराम

लंबी मूछों के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में दर्ज है नाम

करणाराम भील की मूंछें 8 फीट लंबी थी. इस कारण उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है. उसने कई मूंछ प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया और विजेता रहा था. माना जाता है कि 2 अक्टूबर 1988 को दोपहर 3-4 बजे के बीच करणा भील की हत्या में चार लोग शामिल थे. उनमें से दो लोग पाकिस्तान (pakistan) के सत्तू इलाके के रहने वाले थे. उनके नाम कायम और मेहराब खान थे. बाकी के दो लोग जैसलमेर के पिथोड़ाई गांव के रहने वाले हुसैन और रेदमल थे.

माना जाता है कि इलियास की हत्या का बदला लेने के लिए करणाराम भील की हत्या की गई थी. कहा जाता है एक आरोपी कायम खान इलियास का ही बेटा था. इनके खिलाफ कोतवाली पुलिस थाने में केस भी दर्ज किया गया. लेकिन उन दिनों में बॉर्डर पर तारबंदी नहीं थी इसलिये हत्यारे पाकिस्तान भाग गए. भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यर्पण संधि (extradition treaty) न होने के कारण करणाराम की हत्या के आरोपियों को भारत नहीं लाया जा सका.

जैसलमेर. यह जिले के ऐसे कुख्यात डाकू और एक कला प्रेमी की जींवत कहानी हो जो आज भी रेतीले धोरों में नड़ वादन की कला के जादू के साथ कई किस्से संजोए हुए है. हम बात कर रहे हैं जैसलमेर जिले के निवासी करणाराम भील (dacoit karanram bhil) की, जो एक समय जैसलमेर सहित आस-पास के इलाकों में कुख्यात डाकू के रूप में पहचाना जाता था.

कई घटनाओं में करणाराम भील का हाथ था. इलाके में उसकी दहशत थी. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि कुख्यात डाकू करणाराम भील देश का प्रसिद्ध नड़ वादक बन गया. इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा (Historian Nandkishore Sharma) बताते हैं कि करणाराम भील उस दौरान एक अफगानी युवती (afghani girl) लाली को अपना दिल दे बैठा और उससे प्रेम करने लगा. लाली को नड़ वादन सुनाने के लिए ही करणाराम भील नड़ वादक बन गया.

डाकू करणाराम भील की कहानी, इतिहाकार नंद किशोर की जुबानी

हत्या के जुर्म में मिली उम्र कैद

जानकार बताते हैं कि करणाराम भील ने 60-70 के दशक में जैसलमेर के भूगांव में जमीन खरीदी थी. इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर करणाराम का इलियास नाम के व्यक्ति से विवाद हो गया. इस दौरान एक दिन करणा भील ने इलियास के बेटे के सामने ही इलियास की गोली मार कर हत्या कर दी. करणाराम को गिरफ्तार कर लिया गया और उम्रकैद की सजा सुना दी गई. लेकिन करणाराम जैसलमेर की जेल तोड़कर भाग निकला. हालांकि कुछ दिन बाद उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.

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डाकू करणाराम

राष्ट्रपति ने सजा माफ की

जेल में करणाराम भील नड़ गायन का प्रदर्शन किया करता था. इसके चलते उसे पैरोल पर बाहर जाने की छूट भी मिल जाती थी. उसे अक्सर तब पैरोल मिला करती थी जब किसी वीआईपी मेहमान के सामने लोक संगीत का कार्यक्रम किया जाता था. इसी दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति जैसलमेर दौरे पर आये, उनके सामने करणाराम भील ने नड़ वादन पेश किया. कैदी के प्रदर्शन से खुश राष्ट्रपति ने करणा भील की सजा माफ कर दी.

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अफगानी लड़की के इश्क में बना नड़ वादक

पढ़ें- आमेर पर्यटन : जल स्रोत हुए लबालब, सैलानियों से गुलजार आमेर घाटी...पर्यटकों को लुभा रही हरियाली

सिर काटकर हत्या, अंतिम संस्कार भी नहीं

2 अक्टूबर 1988 को करणा भील अपनी ऊंटगाड़ी पर सवार होकर पशुओं के लिए चारा लेने जा रहा था. इस दौरान सोनार किले (sonar fort) के पास छिपे कुछ लोगों ने घात लगाकर उस पर हमला कर दिया. हमलावरों ने करणा भील की नृशंस हत्या कर दी. वे उसका सिर काटकर ले गए. उन्होंने करणा का धड़ ऊंटगाड़ी में पटका और उसे घर की तरफ रवाना कर दिया. करणा की मौत के बाद परिजनों ने सिर की तलाश की लेकिन करणाराम का सिर नहीं मिला. यह तलाश आज भी अधूरी है. सिर नहीं मिलने के कारण उसके धड़ को कब्र खोदकर सोनार किले के पास गाड़ दिया गया.

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डाकू से नड़ गायक और मूंछों का शौकीन करणाराम

लंबी मूछों के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में दर्ज है नाम

करणाराम भील की मूंछें 8 फीट लंबी थी. इस कारण उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है. उसने कई मूंछ प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया और विजेता रहा था. माना जाता है कि 2 अक्टूबर 1988 को दोपहर 3-4 बजे के बीच करणा भील की हत्या में चार लोग शामिल थे. उनमें से दो लोग पाकिस्तान (pakistan) के सत्तू इलाके के रहने वाले थे. उनके नाम कायम और मेहराब खान थे. बाकी के दो लोग जैसलमेर के पिथोड़ाई गांव के रहने वाले हुसैन और रेदमल थे.

माना जाता है कि इलियास की हत्या का बदला लेने के लिए करणाराम भील की हत्या की गई थी. कहा जाता है एक आरोपी कायम खान इलियास का ही बेटा था. इनके खिलाफ कोतवाली पुलिस थाने में केस भी दर्ज किया गया. लेकिन उन दिनों में बॉर्डर पर तारबंदी नहीं थी इसलिये हत्यारे पाकिस्तान भाग गए. भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यर्पण संधि (extradition treaty) न होने के कारण करणाराम की हत्या के आरोपियों को भारत नहीं लाया जा सका.

Last Updated : Aug 28, 2021, 7:44 PM IST
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