ETV Bharat / state

जैसलमेर में अपने बदहाली की आसूं बहा रहा यह झील...

कला संस्कृति एवं धोरों की धरती जैसलमेर. जहां पर्यटन सीजन सर्द हवाओं के साथ हवाओं की गति से तेज चल रही है. वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद अभी तक तैयार नहीं हुई है.

author img

By

Published : Feb 5, 2019, 12:01 AM IST

गड़ीसर झील.

जैसलमेर. कला संस्कृति एवं धोरों की धरती जैसलमेर. जहां पर्यटन सीजन सर्द हवाओं के साथ हवाओं की गति से तेज चल रही है. वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद अभी तक तैयार नहीं हुई है. सर्दियों में जैसलमेर की जनता को पीने का पानी प्राप्त करने वाली ऐतिहासिक गड़ीसर झील दुर्दशा का शिकार हो गई है.

video
undefined

इसकी दुर्दशा तो देखिए इंसान हाथ धोना भी पसंद नहीं कर रहा है. पशु उनसे किनारा करने लगे हैं. अब केवल वैसे ही इस झील के पानी में अपनी गर्मी शांत करती दिखाई दे रही है या फिर इस पानी में गंदी मछलियां अठखेलियां करते लोग नजर आ रहे हैं. प्यास बुझाने वाली गाड़ी सब मनोरंजन का साधन बन गई हैं. मरुस्थल धरा पर अमृत स्त्रोत के रूप में स्थापित गड़ीसर झील प्रशासन की उदासीनता के कारण अपना मूल अस्तित्व खोती जा रही है.

गड़ीसर झील के लिए प्रशासन ना तो कोई विशेष इंतजाम कर रही है ना ही इसे सहेजने के प्रयास होते दिख रहे हैं, जिससे देश एवं विदेश घूमने आ रहे लोग भी इसकी खूबसूरती में गंदगी का दाग हो रहा है. झील के चारों तरफ गंदगी होने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है. कभी यह तालाब पूरे शहर की प्यास बुझाता था. साथ ही साथ शहर के मंदिरों में भी इस पानी का उपयोग लिया जाता था. इसे पावन पवित्र माना जाता था. समय बीतते-बीतते गड़ीसर तालाब झील का रूप धारण कर लिया और यहां आने वाले हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र बनने के साथ में पर्यटकों के लिए वोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाता था. इस झील पानी में भी गंदगी का साम्राज्य फैला रही है. प्रशासन द्वारा कड़ी सफाई के लिए भी कोई खास इंतजाम नहीं किए गए, जिससे कि की हालत बद से बदतर होती नजर आ रही है.

ऐतिहासिक और पवित्र गणेशन चीन में प्लास्टिक की पॉलीथिन प्लास्टिक की खाली बोतल शराब और खाली विद्यार्थी नजर आ रही है. सुबह, दोपहर और शाम यहां पर शराबियों का जमावड़ा रहता है. शराब की खाली बोतलों के साथ अन्य खाने-पीने की वस्तुएं और कचरा भी झील में डालते हैं.

undefined

जैसलमेर. कला संस्कृति एवं धोरों की धरती जैसलमेर. जहां पर्यटन सीजन सर्द हवाओं के साथ हवाओं की गति से तेज चल रही है. वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद अभी तक तैयार नहीं हुई है. सर्दियों में जैसलमेर की जनता को पीने का पानी प्राप्त करने वाली ऐतिहासिक गड़ीसर झील दुर्दशा का शिकार हो गई है.

video
undefined

इसकी दुर्दशा तो देखिए इंसान हाथ धोना भी पसंद नहीं कर रहा है. पशु उनसे किनारा करने लगे हैं. अब केवल वैसे ही इस झील के पानी में अपनी गर्मी शांत करती दिखाई दे रही है या फिर इस पानी में गंदी मछलियां अठखेलियां करते लोग नजर आ रहे हैं. प्यास बुझाने वाली गाड़ी सब मनोरंजन का साधन बन गई हैं. मरुस्थल धरा पर अमृत स्त्रोत के रूप में स्थापित गड़ीसर झील प्रशासन की उदासीनता के कारण अपना मूल अस्तित्व खोती जा रही है.

गड़ीसर झील के लिए प्रशासन ना तो कोई विशेष इंतजाम कर रही है ना ही इसे सहेजने के प्रयास होते दिख रहे हैं, जिससे देश एवं विदेश घूमने आ रहे लोग भी इसकी खूबसूरती में गंदगी का दाग हो रहा है. झील के चारों तरफ गंदगी होने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है. कभी यह तालाब पूरे शहर की प्यास बुझाता था. साथ ही साथ शहर के मंदिरों में भी इस पानी का उपयोग लिया जाता था. इसे पावन पवित्र माना जाता था. समय बीतते-बीतते गड़ीसर तालाब झील का रूप धारण कर लिया और यहां आने वाले हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र बनने के साथ में पर्यटकों के लिए वोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाता था. इस झील पानी में भी गंदगी का साम्राज्य फैला रही है. प्रशासन द्वारा कड़ी सफाई के लिए भी कोई खास इंतजाम नहीं किए गए, जिससे कि की हालत बद से बदतर होती नजर आ रही है.

ऐतिहासिक और पवित्र गणेशन चीन में प्लास्टिक की पॉलीथिन प्लास्टिक की खाली बोतल शराब और खाली विद्यार्थी नजर आ रही है. सुबह, दोपहर और शाम यहां पर शराबियों का जमावड़ा रहता है. शराब की खाली बोतलों के साथ अन्य खाने-पीने की वस्तुएं और कचरा भी झील में डालते हैं.

undefined
Intro:कला संस्कृति एवं धोरों की धरती जैसलमेर में जहां पर्यटन सीजन सर्द हवाओं के साथ हवाओं की गति से तेज चल रही है वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद अभी तक तैयार नहीं हुई है सर्दियों में जैसलमेर की जनता को पीने का पानी प्राप्त करने वाली ऐतिहासिक घड़ी सा जिला दुर्दशा का शिकार हो गई है


Body:इस की दुर्दशा तो देखिए इंसान हाथ धोना भी पसंद नहीं कर रहा है और पशु उनसे किनारा करने लगे हैं अब केवल वैसे ही इस झील के पानी में अपनी गर्मी शांत करती दिखाई दे रही है या फिर इस पानी में गंदी मछलियां अठखेलियां करते लोग नजर आ रहे हैं प्यास बुझाने वाली गाड़ी सब मनोरंजन का साधन बन गई है मरुस्थल धरा पर अमृत स्त्रोत के रूप में स्थापित गड़ीसर झील प्रशासन की उदासीनता के कारण अपना मूल अस्तित्व खोती जा रही है गड़ीसर झील के लिए प्रशासन ना तो कोई विशेष इंतजाम कर रही है ना ही इसे सहेजने के प्रयास होते दिख रहे हैं जिससे देश एवं विदेश घूमने आ रहे लोग भी इसकी खूबसूरती में गंदगी का दाग हो रहा है झील के चारों तरफ गंदगी होने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है काव्या ताला पूरे शहर की प्यास बुझा तथा और साथ ही साथ शहर के मंदिरों में भी इस पानी का उपयोग लिया जाता था एवं इस पावन पवित्र माना जाता था समय बीतने विशेष गड़ीसर तालाब झील का रूप धारण कर लिया है और यहां आने वाले हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र बनने के साथ में पर्यटकों के लिए वोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवा कर इस की दुर्दशा की ओर धकेल दिया अब ना तो इस तालाब का पानी पीने योग्य है ना ही इसका पानी मंदिरों में उपयोग में लिया जा रहा है जिससे धीरे-धीरे ये झील पानी में भी गंदगी का साम्राज्य फैला रही है जिससे ऐतिहासिक जी की छवि बेदाग हो रही है प्रशासन द्वारा कड़ी सफाई के लिए भी कोई खास इंतजाम नहीं किए गए जिससे कि की हालत बद से बदतर होती नजर आ रही है


Conclusion:इतिहासिक और पवित्र गणेशन चीन में प्लास्टिक की पॉलीथिन प्लास्टिक की खाली बोतल शराब और खाली विद्यार्थी नजर आ रही है सुबह दोपहर हो या शहर तहसील पर शराबियों का जमावड़ा रहता है और शराब की खाली बोतलों के साथ अन्य खाने-पीने की वस्तुओं कचरा भी झील में डालते हैं नजर आ रहे हैं घड़ी से जेल में कैट फिश की बहुत अच्छे भी पानी निरंतर गंदा हो रहा है पब्लिक और सलामी अपने मनोरंजन के लिए केस्ट्स को खिलाने के लिए रोजाना सैकड़ों के पैकेट पानी में डाले जा रहे हैं जिससे कि पानी और गंदा हो रहा है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.