जैसलमेर. जिले में दूसरा बर्ड फेयर रविवार 14 फरवरी को शहर के समीप गजरूप सागर जलाशय पर आयोजित हुआ. जैसलमेर की पक्षी सम्पदा और प्रवासी पक्षियों के संबंध में व्यापक जागरूकता के प्रसार और युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण और पक्षी जगत से रूबरू करवाने के लिए यह अभिनव पहल वन विभाग की ओर से की जा रही है.
बर्ड फेयर का आयोजन जिले के विभिन्न जलाशयों नेतसी, जसेरी, बरमसर सहित 13 जल बिंदुओं पर कर पक्षी संरक्षण का संदेश सभी जगह पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. शहर के समीप गजरूप सागर जलाशय पर रविवार को दूसरे बर्ड फेयर के दौरान कई पर्यावरण प्रेमी, कॉलेज विद्यार्थी और वन विभाग के अधिकारी पहुंचे.
उप वन संरक्षक डीएनपी कपिल चंद्रपाल ने बच्चों को प्रवासी पक्षियों की जानकारी दी और इस दौरान चंद्रपाल ने बताया कि देशी-विदेशी प्रवासी पक्षियों के लिए मरूभूमि जैसलमेर के जलाशय खास पसंदीदा क्षेत्र है जहां सैकड़ों किलोमीटर दूर से प्रवासी पक्षी यहां आते हैं. इन दिनों जिले के विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की जल क्रीड़ा का मनोहारी दृश्य देखने को मिल रहा है.
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डीएफओ चंद्र वालों ने बताया कि जिले में दूसरी बार व्यापक स्तर पर जैसलमेर में 13 विभिन्न जल बिंदुओं तालाबों तथा जिलों पर प्रवासी पक्षियों की गणना भी करवाई जा रही है. इस दौरान पक्षी विशेषज्ञ प्रोफेसर श्यामसुंदर मीणा गजरूप सागर पहुंचे जहां उन्होंने कॉलेज विद्यार्थियों के साथ जलीय पक्षियों की गणना के साथ ही विद्यार्थियों को इसकी जानकारी भी दी.
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प्रोफेसर मीणा ने इस दौरान बताया कि दूसरे साल के दौरान गजरूप सागर साइट पर कई ऐसे प्रवासी पक्षी देखने को मिले जो जैसलमेर में पहली बार देखे गए हैं और अब तक कुल 46 प्रजाति के पक्षियों की गणना की गई है. उन्होंने कहा कि जैसलमेर में पहली बार इस प्रकार के पक्षियों का आना सुखद है और यह दर्शाता है कि जैसलमेर का पर्यावरण कितना स्वस्थ है.