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हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह का 101वां बलिदान दिवस, बाइक महारैली का आयोजन

स्वर्णनगरी जैसलमेर में हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह का बलिदान दिवस मनाया गया. बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया.

Haifa Hero Major Dalpat Singh, हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह
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Published : Sep 23, 2019, 1:52 PM IST

जैसलमेर. हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह शेखावत का 101वां बलिदान दिवस जैसलमेर में मनाया जा रहा है. हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह बलिदान दिवस पर जैसलमेर में रावणा राजपूत समाज और हजूरी समाज की ओर से बाइक महारैली का आयोजन किया गया.

यह रैली जैसलमेर के गड़ीसर सरोवर की पाल से शुरू हुई और रैली में सैकड़ों लोगों ने यातायात नियमो का पालन करते हुए शहर के मुख्य मार्गों से रैली निकली. जहां शहर के कई स्थानों पर इसका स्वागत किया गया और हाइफा हीरो को श्रद्धांजलि दी गई. बाइक रैली में प्रथम विश्व युद्ध के महानायक इजरायल के हाइफा शहर पर विजयी पताका फहराने वाले हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह शेखावत के जयकारों से स्वर्णनगरी गूंज उठी.

हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह का मनाया गया बलिदान दिवस

बाइक रैली में यातायात नियमो का पालन एवं हैलमेट पहनने का भी सन्देश दिया गया. इस रैली का समापन रावणा राजपूत समाज के छात्रावास में किया गया. जहां पर सभी ने मेजर दलपतसिंह की फोटो पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी. हाइफा इजरायल का एक प्रमुख शहर है जिसको तुर्कों के कब्जे से आजाद कराने में भारतीय सैनिकों ने अहम भूमिका निभाई थी.

पढ़ें: अलवर में फिर मॉब लिंचिंग, गो तस्कर के शक में भीड़ ने युवक को पीटा

माना जाता है कि इजरायल की आजादी का रास्ता हाइफा की लड़ाई से ही खुला था जब भारतीय सैनिकों ने सिर्फ भाले, तलवारों और घोड़ों के सहारे ही जर्मनी-तुर्की की मशीनगन से लैस सेना को धूल चटा दी थी. इस युद्ध में भारत के 44 सैनिक शहीद हुए थे. हाइफा को चूंकि 23 सितंबर को ही आजाद कराया गया था, इसलिए इस दिन को हाइफा दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

जैसलमेर. हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह शेखावत का 101वां बलिदान दिवस जैसलमेर में मनाया जा रहा है. हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह बलिदान दिवस पर जैसलमेर में रावणा राजपूत समाज और हजूरी समाज की ओर से बाइक महारैली का आयोजन किया गया.

यह रैली जैसलमेर के गड़ीसर सरोवर की पाल से शुरू हुई और रैली में सैकड़ों लोगों ने यातायात नियमो का पालन करते हुए शहर के मुख्य मार्गों से रैली निकली. जहां शहर के कई स्थानों पर इसका स्वागत किया गया और हाइफा हीरो को श्रद्धांजलि दी गई. बाइक रैली में प्रथम विश्व युद्ध के महानायक इजरायल के हाइफा शहर पर विजयी पताका फहराने वाले हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह शेखावत के जयकारों से स्वर्णनगरी गूंज उठी.

हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह का मनाया गया बलिदान दिवस

बाइक रैली में यातायात नियमो का पालन एवं हैलमेट पहनने का भी सन्देश दिया गया. इस रैली का समापन रावणा राजपूत समाज के छात्रावास में किया गया. जहां पर सभी ने मेजर दलपतसिंह की फोटो पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी. हाइफा इजरायल का एक प्रमुख शहर है जिसको तुर्कों के कब्जे से आजाद कराने में भारतीय सैनिकों ने अहम भूमिका निभाई थी.

पढ़ें: अलवर में फिर मॉब लिंचिंग, गो तस्कर के शक में भीड़ ने युवक को पीटा

माना जाता है कि इजरायल की आजादी का रास्ता हाइफा की लड़ाई से ही खुला था जब भारतीय सैनिकों ने सिर्फ भाले, तलवारों और घोड़ों के सहारे ही जर्मनी-तुर्की की मशीनगन से लैस सेना को धूल चटा दी थी. इस युद्ध में भारत के 44 सैनिक शहीद हुए थे. हाइफा को चूंकि 23 सितंबर को ही आजाद कराया गया था, इसलिए इस दिन को हाइफा दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

Intro:Body:हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह का मनाया गया बलिदान दिवस
बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित
मेजर दलपत सिंह ने दुनिया में किया देश का नाम राेशन
देवली के बलिदान दिवस पर निकाली गई बाईक रैली

हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह शेखावत के 101वें बलिदान दिवस जैसलमेर में मनाया जा रहा है। हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह बलिदान दिवस पर आज जैसलमेर में रावणा राजपूत समाज और हजूरी समाज की ओर से बाइक महारैली का आयोजन किया गया। यह रैली जैसलमेर के गड़ीसर सरोवर की पाल से शुरू हुई और रैली में सैकड़ो लोगो ने यातायात नियमो का पालन करते हुए शहर के मुख्य मार्गो से रैली निकली जहाँ शहर के कई स्थानों पर इसका स्वागत किया गया और हाइफा हीरो को श्रद्धांजलि दी गई।

बाइक रैली में प्रथम विश्व युद्ध के महानायक इजरायल के हाइफा शहर पर विजयी पताका फहराने वाले हाइफा हीरो मेजर दलपतसिंह शेखावत के जयकारो से स्वर्णनगरी गूंज उठी। बाइक रैली में यातायात नियमो का पालन एवं हैलमेट पहनने का भी सन्देश दिया गया। इस रैली का समापन रावणा राजपूत समाज की छात्रावास में किया गया ,जहा पर सभी ने मेजर दलपतसिंह की फोटो पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी।

हाइफा इजरायल का एक प्रमुख शहर है जिसको तुर्कों के कब्जे से आजाद कराने में भारतीय सैनिकों ने अहम भूमिका निभाई थी। माना जाता है कि इजरायल की आजादी का रास्ता हाइफा की लड़ाई से ही खुला था जब भारतीय सैनिकों ने सिर्फ भाले, तलवारों और घोड़ों के सहारे ही जर्मनी-तुर्की की मशीनगन से लैस सेना को धूल चटा दी थी। इस युद्ध में भारत के 44 सैनिक शहीद हुए थे। हाइफा को चूंकि 23 सितंबर को ही आजाद कराया गया था, इसलिए इस दिन को हाइफा दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
बाईट-1 - उम्मेदसिंह - समाजसेवी
बाईट-2- अशोक तंवर - समाजसेवी Conclusion:
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