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जैसलमेर: मौसम में आए बदलाव से मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी

मौसम में आए बदलाव से मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ के तिगुनी हो गई है. मरीजों में बच्चों और बुजुर्ग ही सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. इस बीच मरीजों का आना जाना जारी ही रहता है और चिकित्सालयों में भीड़ साफ तौर पर देखी जा सकती है.

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सामान्य दिनों से तीन गुना तक ज्यादा बढ़ी ओपीडी में भीड़
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Published : Dec 5, 2019, 3:33 PM IST

जैसलमेर. बदलते मौसम की वजह से जिले में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. जिला मुख्यालय स्थित जवाहर चिकित्सालय में मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई हैं और डॉक्टरों के कमरों और आउटडोर में भारी संख्या में मरीज दिखाई दे रहे हैं. इसके साथ ही पर्ची लेने के लिए भी लंबी कतारें लगी हुई दिखाई दे रही है.

सामान्य दिनों से तीन गुना तक ज्यादा बढ़ी ओपीडी में भीड़

मरीजों को डॉक्टर को दिखाने और जांच कराने के लिए जहां पहले घंटों इंतजार करना पड़ता था वहीं अब जैसलमेर के राजकीय चिकित्सालय में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की उपलब्धता के चलते मरीजों को इस समस्या से छुटकारा जरूर मिला है. इन दिनों सुबह से ही अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला जारी हो जाता है. पर्ची के लिए और उसके बाद दवाई के काउंटर पर भीड़ साफ तौर पर देखी जा सकती है. वार्ड भी भर्ती हुए मरीजों से भरे हुए नजर आ रहे हैं. मौसम में आये बदलाव से मरीजों में बच्चों और बुजुर्गो की संख्या सर्वाधिक रही है.

यह भी पढ़ें : दिव्यांगों को अपने आप से कभी भी अलग न समझें, बल्कि उनका उत्साहवर्धन करें : पुलिस कमिश्नर

राजकीय चिकित्सालय के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश जांगिड़ का कहना है कि मौसम में बदलाव होने के कारण बच्चों में इसका असर देखने को मिल रहा है. उनकी ओपीडी सामान्य दिनों से तीन गुना तक ज्यादा भर गयी है. मौसम के बदलाव के कारण बच्चों में सर्दी-जुकाम और वायरल फीवर के मरीज ही अधिक आ रहे हैं. समय पर इलाज नहीं करवाने और लापरवाही बरतने के कारण कुछ बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं. डॉ जांगिड़ ने कहा की सर्दी जुखाम और बुखार होने पर तुरंत ही मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए और बच्चों का तो विशेष ध्यान रखा जाए तो मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है.

जैसलमेर. बदलते मौसम की वजह से जिले में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. जिला मुख्यालय स्थित जवाहर चिकित्सालय में मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई हैं और डॉक्टरों के कमरों और आउटडोर में भारी संख्या में मरीज दिखाई दे रहे हैं. इसके साथ ही पर्ची लेने के लिए भी लंबी कतारें लगी हुई दिखाई दे रही है.

सामान्य दिनों से तीन गुना तक ज्यादा बढ़ी ओपीडी में भीड़

मरीजों को डॉक्टर को दिखाने और जांच कराने के लिए जहां पहले घंटों इंतजार करना पड़ता था वहीं अब जैसलमेर के राजकीय चिकित्सालय में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की उपलब्धता के चलते मरीजों को इस समस्या से छुटकारा जरूर मिला है. इन दिनों सुबह से ही अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला जारी हो जाता है. पर्ची के लिए और उसके बाद दवाई के काउंटर पर भीड़ साफ तौर पर देखी जा सकती है. वार्ड भी भर्ती हुए मरीजों से भरे हुए नजर आ रहे हैं. मौसम में आये बदलाव से मरीजों में बच्चों और बुजुर्गो की संख्या सर्वाधिक रही है.

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राजकीय चिकित्सालय के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश जांगिड़ का कहना है कि मौसम में बदलाव होने के कारण बच्चों में इसका असर देखने को मिल रहा है. उनकी ओपीडी सामान्य दिनों से तीन गुना तक ज्यादा भर गयी है. मौसम के बदलाव के कारण बच्चों में सर्दी-जुकाम और वायरल फीवर के मरीज ही अधिक आ रहे हैं. समय पर इलाज नहीं करवाने और लापरवाही बरतने के कारण कुछ बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं. डॉ जांगिड़ ने कहा की सर्दी जुखाम और बुखार होने पर तुरंत ही मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए और बच्चों का तो विशेष ध्यान रखा जाए तो मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है.

Intro:Body:मौसम में आये बदलाव से बढ़े मौसमी बीमारियों के मरीज

मरीजों में बच्चों व बुजुर्गो की संख्या सर्वाधिक

सामान्य दिनों से तीन गुना तक बढ़ी ओपीडी

लापरवाही के कारण बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं

बदलते मौसम की वजह से जिले में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है और जिला मुख्यालय स्थित जवाहर चिकित्सालय में मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई है और डॉक्टरों के कमरों और आउटडोर में भरी संख्या में मरीज दिखाई दे रहे है साथ ही पर्ची लेने के लिए भी लंबी कतारें लगी हुई दिखाई दे रही है । मरीजों को डॉक्टर को दिखाने और जांच कराने के लिए जहाँ पहले घंटों इंतजार करना पड़ता था वहीं अब जैसलमेर के राजकीय चिकित्सालय में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों उपलब्धता के चलते मरीजों को इस समस्या से छुटकारा जरूर मिला है । इनदिनों सुबह से ही अस्पताल में मरीजों का आने का सिलसिला जारी हो जाता है और पर्ची निकलने के लिए और उसके बाद दवाई काउंटर पर भीड़ साफ तौर पर देखी जा सकती है और वार्ड भी भर्ती मरीजों से भरे हुए नजर आ रहे है। मौसम में आये बदलाव से मरीजों में बच्चों व बुजुर्गो की संख्या सर्वाधिक है।

राजकीय चिकित्सालय के शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश जांगिड़ का कहना है कि मौसम में बदलाव होने के कारण बच्चो में इसका असर देखने को मिल रहा है और उनकी ओपीडी सामान्य दिनों से तीन गुना तक बढ़ गयी है । मौसम के बदलाव के कारण बच्चों में सर्दी-जुकाम, वायरल फीवर के मरीज अधिक आ रहे हैं और समय पर इलाज नहीं करवाने और लापरवाही के कारण बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। डॉ जांगिड़ ने कहा की सर्दी जुखाम और बुखार होने पर तुरंत ही मरीज को चिकित्सक को दिखाए और बच्चो का विशेष ध्यान रखा जाये तो मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है।
बाईट -1 - डॉ. दिनेश जांगिड़ , शिशुरोग विशेषज्ञ, राजकीय जवाहर चिकित्सालय जैसलमेर Conclusion:
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