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जैसलमेर में 'कांगो फीवर' से 1 युवक की मौत, 21 लोगों के लिए गए सैंपल

जैसलमेर में कांगो फीवर से एक युवक की मौत के बाद चिकित्सा विभाग हरकत में आ गई है. गांव के लोगों को कांगो फीवर को लेकर सतर्क करते हुए सभी आवश्यक सावधानियां बरतने का अनुरोध किया गया है, जिससे कोई दूसरा व्यक्ति इसके चपेट में न आए.

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Published : Sep 13, 2019, 1:09 PM IST

जैसलमेर. जिले के हटार गांव के 18 साल के युवक लोकेश पुत्र बूटाराम की कांगो फीवर से मौत होने के बाद चिकित्सा विभाग पूरी तरह से हरकत में आ गया है. सीएमएचओ भूपेंद्र बारूपाल के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग की टीम हटार गांव पहुंची और युवक लोकेश के परिजनों के सैंपल लिए.

जैसलमेर में कांगो फीवर से एक युवक की मौत के बाद चिकित्सा विभाग किया लोगों को सतर्क

इसके साथ ही मृतक की मां तथा नाना को भी बुखार की शिकायत मिली. इस पर दोनों के सैंपल लेने के साथ ही नाना को जवाहर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इसके साथ ही जोधपुर से पशुपालन विभाग की टीम जैसलमेर पहुंची. यहां से जैसलमेर की पशुपालन की टीम भी हटार पहुंची और गांव के पशुओं के सैंपल लिए. हटार गांव में कांगो फीवर से मौत की पुष्टि के बाद अब चिकित्सा विभाग ने गांव में सभी ग्रामीणों को सावधानी बरतने की अपील की है.

पढ़ें: हज यात्रियों की आखिरी फ्लाइट पहुंची जयपुर...

हालांकि अभी तक हटार गांव में किसी अन्य को कांगो फीवर की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन एहतियात के तौर पर सभी ग्रामीणों को सजग रहने की बात कही गई है. अब चिकित्सा विभाग आगामी 14 दिन तक निगरानी रखेगा. अब तक चिकित्सा विभाग द्वारा हटार गांव से 21 लोगों के सैंपल लिए गए है. जिसमें अभी तक कोई इस रोग से ग्रसित नहीं पाया गया है.
पशुपालन की टीमों द्वारा हटार गांव के ग्रामीणों से पशुओं को विशेष रूप से साफ करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि पशुओं के पास पाए जाने वाले जौआ और चीचड़ (पशुओं के चिपकने वाले जीव) से बुखार फैलता है. इस कारण पशुओं और बाड़ों की अच्छी तरह से सफाई जरूर कर लें. ताकि यह रोग आगे न फैले. वहीं पशुओं के पास जाते समय जूते अवश्य पहनें. चिकित्सा विभाग की टीम द्वारा हटार गांव में पशुओं के बाड़ों और पशुओं के बैठने वाली जगहों के आस-पास छिड़काव करवाया गया है.

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मृतक पिछले छह माह से जैसलमेर से था बाहर

चिकित्सा विभाग की टीम के अनुसार 12वीं कक्षा में पढ़ने वाला मृतक लोकेश हार्ट का मरीज था, जिसे मई माह से ही बुखार और शरीर टूटने की समस्या थी. इस पर उसने जैसलमेर और बाहरी अन्य जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज भी करवाया, लेकिन उसे आराम नहीं हुआ. इसके बाद जोधपुर में भर्ती होने के बाद शाम को उसे कांगो फीवर होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद रात को ही उसने दम तोड़ दिया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हटार गांव के युवक लोकेश के मौत की पुष्टि कांगो फीवर से होने के बाद चिकित्सा विभाग अब पूरी तरह से सक्रिय हो गया है. बता दें कि अब तक कुल 21 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है. हालांकि अभी तक अन्य किसी की भी कांगो फीवर की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन एहतियात के तौर पर सभी को ध्यान रखने की बात कही गई है.

जैसलमेर. जिले के हटार गांव के 18 साल के युवक लोकेश पुत्र बूटाराम की कांगो फीवर से मौत होने के बाद चिकित्सा विभाग पूरी तरह से हरकत में आ गया है. सीएमएचओ भूपेंद्र बारूपाल के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग की टीम हटार गांव पहुंची और युवक लोकेश के परिजनों के सैंपल लिए.

जैसलमेर में कांगो फीवर से एक युवक की मौत के बाद चिकित्सा विभाग किया लोगों को सतर्क

इसके साथ ही मृतक की मां तथा नाना को भी बुखार की शिकायत मिली. इस पर दोनों के सैंपल लेने के साथ ही नाना को जवाहर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इसके साथ ही जोधपुर से पशुपालन विभाग की टीम जैसलमेर पहुंची. यहां से जैसलमेर की पशुपालन की टीम भी हटार पहुंची और गांव के पशुओं के सैंपल लिए. हटार गांव में कांगो फीवर से मौत की पुष्टि के बाद अब चिकित्सा विभाग ने गांव में सभी ग्रामीणों को सावधानी बरतने की अपील की है.

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हालांकि अभी तक हटार गांव में किसी अन्य को कांगो फीवर की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन एहतियात के तौर पर सभी ग्रामीणों को सजग रहने की बात कही गई है. अब चिकित्सा विभाग आगामी 14 दिन तक निगरानी रखेगा. अब तक चिकित्सा विभाग द्वारा हटार गांव से 21 लोगों के सैंपल लिए गए है. जिसमें अभी तक कोई इस रोग से ग्रसित नहीं पाया गया है.
पशुपालन की टीमों द्वारा हटार गांव के ग्रामीणों से पशुओं को विशेष रूप से साफ करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि पशुओं के पास पाए जाने वाले जौआ और चीचड़ (पशुओं के चिपकने वाले जीव) से बुखार फैलता है. इस कारण पशुओं और बाड़ों की अच्छी तरह से सफाई जरूर कर लें. ताकि यह रोग आगे न फैले. वहीं पशुओं के पास जाते समय जूते अवश्य पहनें. चिकित्सा विभाग की टीम द्वारा हटार गांव में पशुओं के बाड़ों और पशुओं के बैठने वाली जगहों के आस-पास छिड़काव करवाया गया है.

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मृतक पिछले छह माह से जैसलमेर से था बाहर

चिकित्सा विभाग की टीम के अनुसार 12वीं कक्षा में पढ़ने वाला मृतक लोकेश हार्ट का मरीज था, जिसे मई माह से ही बुखार और शरीर टूटने की समस्या थी. इस पर उसने जैसलमेर और बाहरी अन्य जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज भी करवाया, लेकिन उसे आराम नहीं हुआ. इसके बाद जोधपुर में भर्ती होने के बाद शाम को उसे कांगो फीवर होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद रात को ही उसने दम तोड़ दिया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हटार गांव के युवक लोकेश के मौत की पुष्टि कांगो फीवर से होने के बाद चिकित्सा विभाग अब पूरी तरह से सक्रिय हो गया है. बता दें कि अब तक कुल 21 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है. हालांकि अभी तक अन्य किसी की भी कांगो फीवर की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन एहतियात के तौर पर सभी को ध्यान रखने की बात कही गई है.

Intro:Body:जैसलमेर के हटार गांव में कांगो फीवर से युवक की मौत, परिजनों के लिए सैंपल

मृतक की मां और नाना काे भी आया बुखार

नाना काे जवाहर अस्पताल में कराया भर्ती

अब 14 दिन तक हटार गांव में चिकित्सा विभाग द्वारा रखी जाएगी पैनी नजर

जैसलमेर के हटार गांव के 18 साल के युवक लोकेश पुत्र बूटाराम की कांगो फीवर से मौत होने के बाद चिकित्सा विभाग पूरी तरह से हरकत में आ गया है। सीएमएचओ भूपेंद्र बारूपाल के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग की टीम ने हटार गांव पहुंची और युवक लोकेश के परिजनों के सैंपल लिए। इसके साथ ही मृतक की मां तथा नाना को भी बुखार की शिकायत मिली। इस पर दोनों के सैंपल लेने के साथ ही नाना को जवाहर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसके साथ ही जोधपुर से पशुपालन की विभाग की टीम भी जैसलमेर पहुंची जहां से जैसलमेर की पशुपालन की टीम भी हटार पहुंची तथा गांव के पशुओं के भी सैंपल लिए गए है।

हटार गांव में कांगो फीवर से मौत की पुष्टि के बाद अब चिकित्सा विभाग ने हटार गांव में सभी ग्रामीणों को सावधानी बरतने की बात कही है। हालांकि अभी तक हटार गांव में किसी अन्य को कांगो फीवर की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन एहतियात के तौर पर सभी ग्रामीणों को सजग रहने की बात कही गई है। अब चिकित्सा विभाग भी आगामी 14 दिन तक निगरानी रखेगा। अब तक चिकित्सा विभाग द्वारा हटार गांव से 21 लोगों के सैंपल लिए गए है। जिसमें अभी तक कोई इस रोग से ग्रसित होना नहीं पाया गया है। पशुपालन की टीमों द्वारा हटार गांव के ग्रामीणों से पशु बाड़ाें को विशेष रूप से साफ करवाने के निर्देश दिए है। उन्होंने ग्रामीणों काे बताया कि मुख्यत: पशुओं के पास पाए जाने वाले जौआ व चीचड़ (पशुओं के चिपकने वाले जीव) से ही फैलता है। इस कारण पशुओं व बाड़ों की अच्छी तरह से सफाई जरूर कर लें ताकि यह रोग आगे न फैले। वहीं पशुआें के पास जाते समय जूते अवश्य पहने। चिकित्सा विभाग की टीम द्वारा हटार गांव में पशुओं के बाड़ों व पशुओं के बैठने वाली जगहों के आस पास छिड़काव करवाया गया है।

मृतक पिछले छह माह से जैसलमेर से था बाहर -
चिकित्सा विभाग की टीम के अनुसार 12वीं कक्षा में पढ़ने वाला मृतक लोकेश हार्ट का मरीज था। लोकेश को मई माह से ही बुखार व शरीर टूटने की समस्या थी। जिस पर उसने जैसलमेर व बाहरी अन्य जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज भी करवाया। लेकिन उसे आराम नहीं आया। इसके बाद जोधपुर में भर्ती होने के बाद शाम को उसे कांगो फीवर की पुष्टि हुई। जिसके बाद रात को ही उसने दम तोड़ दिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया की हटार गांव के युवक लोकेश के मौत की पुष्टि कांगाे फीवर से होने के बाद चिकित्सा विभाग अब पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। अब तक कुल 21 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है। वहीं मां व नाना को भी बुखार की शिकायत है। दोनों के भी सैंपल लिए गए है। वहीं मृतक के नाना चेलूराम को भी भर्ती करवाया गया है। हालांकि अभी तक अन्य किसी की भी कांगो फीवर की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी को ध्यान रखने की बात कही है।
बाईट-1- डॉ. बी. के. बारूपाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारीConclusion:
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