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जैसलमेर में एमसीएच यूनिट का कोरोना में सराहनीय काम, 4 कोरोना संक्रमितों सहित दर्जनों महिलाओं का करवाया सुरक्षित प्रसव

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Published : May 23, 2021, 5:33 PM IST

कोरोना की दूसरी लहर के बीच जैसलमेर में डॉक्टर प्रसूताओं और नवजात शिशुओं को बचाने के लिए दिन-रात एक करके मेहनत कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने जवाहिर चिकित्सालय के एमसीएच वार्ड का दौरा किया और सामान्य एवं कोरोना संक्रमित प्रसूताओं के प्रसव करवाने वाली टीम से विशेष बातचीत की.

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जैसलमेर में एमसीएच यूनिट का कोरोना में सराहनीय काम, 4 कोरोना संक्रमितों सहित दर्जनों महिलाओं का करवाया सुरक्षित प्रसव

जैसलमेर. कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहाँ एक तरफ कई लोगों के जीवन पर खतरा बना हुआ है और लोगों की मौतें हो रही हैं. लेकिन चिकित्सक जिसे भगवान का दर्जा दिया जाता है वो ढाल बनकर लोगों के जीवन को बचाने में लगे हैं. डॉक्टर इस महामारी के दौरान प्रसूताओं के संक्रमित होने के बावजूद भी बिना किसी भय के उनका प्रसव करवाकर नवजात शिशुओं को भी इस महामारी से बचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.

पढ़ें: दौसा में Third Wave ? 21 दिन में 341 बच्चे पॉजिटिव...क्या ये तीसरी लहर की दस्तक !

ईटीवी भारत जैसलमेर जिला मुख्यालय स्थित जवाहिर चिकित्सालय के एमसीएच वार्ड पहुंचा. और जिले की सामान्य एवं कोरोना संक्रमित प्रसूताओं के प्रसव करवाने वाली टीम से विशेष बातचीत की. इस दौरान स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रविंद्र सांखला ने बताया कि अब तक उन्होंने 4 संक्रमित प्रसूताओं का सफल प्रसव करवाया है और सभी जच्चा-बच्चा सुरक्षित हैं. इसके साथ ही सामान्य डिलीवरी भी करवाई जा रही है.

कोरोना में सुरक्षित प्रसव

डॉ. सांखला ने बताया कि इस दौरान विशेष सावधानियां बरती जाती हैं ताकि वे स्वयं भी सुरक्षित रह सके साथ ही प्रसूताएं और नवजात भी. प्रसूताओं और नवजात शिशुओं के बीच दिन-रात रहने वाली नर्सिंगकर्मियों ने बताया कि वो अनावश्यक रूप से प्रसूताओं के साथ आने वाले उनके परिजनों को अस्पताल में प्रवेश करने नहीं करने देते. साथ ही वहां आने वाले सभी लोगों को मास्क पहनने और समय-समय पर हाथ धोने की भी हिदायत दी जाती है.

एमसीएच यूनिट में तैनात टीम का कहना है कि जब कोई प्रसूता यहाँ आती है तो उनकी पहली प्राथमिकता सुरक्षित प्रसव करना होता है. ताकि माँ और नवजात को किसी प्रकार का कोई खतरा ना हो. ऐसे में वो निडर होकर अपना फर्ज निभाते हैं और यदि कोई संक्रमित महिला भी है तो विशेष सावधानियां बरती जाती हैं.

जैसलमेर. कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहाँ एक तरफ कई लोगों के जीवन पर खतरा बना हुआ है और लोगों की मौतें हो रही हैं. लेकिन चिकित्सक जिसे भगवान का दर्जा दिया जाता है वो ढाल बनकर लोगों के जीवन को बचाने में लगे हैं. डॉक्टर इस महामारी के दौरान प्रसूताओं के संक्रमित होने के बावजूद भी बिना किसी भय के उनका प्रसव करवाकर नवजात शिशुओं को भी इस महामारी से बचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.

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ईटीवी भारत जैसलमेर जिला मुख्यालय स्थित जवाहिर चिकित्सालय के एमसीएच वार्ड पहुंचा. और जिले की सामान्य एवं कोरोना संक्रमित प्रसूताओं के प्रसव करवाने वाली टीम से विशेष बातचीत की. इस दौरान स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रविंद्र सांखला ने बताया कि अब तक उन्होंने 4 संक्रमित प्रसूताओं का सफल प्रसव करवाया है और सभी जच्चा-बच्चा सुरक्षित हैं. इसके साथ ही सामान्य डिलीवरी भी करवाई जा रही है.

कोरोना में सुरक्षित प्रसव

डॉ. सांखला ने बताया कि इस दौरान विशेष सावधानियां बरती जाती हैं ताकि वे स्वयं भी सुरक्षित रह सके साथ ही प्रसूताएं और नवजात भी. प्रसूताओं और नवजात शिशुओं के बीच दिन-रात रहने वाली नर्सिंगकर्मियों ने बताया कि वो अनावश्यक रूप से प्रसूताओं के साथ आने वाले उनके परिजनों को अस्पताल में प्रवेश करने नहीं करने देते. साथ ही वहां आने वाले सभी लोगों को मास्क पहनने और समय-समय पर हाथ धोने की भी हिदायत दी जाती है.

एमसीएच यूनिट में तैनात टीम का कहना है कि जब कोई प्रसूता यहाँ आती है तो उनकी पहली प्राथमिकता सुरक्षित प्रसव करना होता है. ताकि माँ और नवजात को किसी प्रकार का कोई खतरा ना हो. ऐसे में वो निडर होकर अपना फर्ज निभाते हैं और यदि कोई संक्रमित महिला भी है तो विशेष सावधानियां बरती जाती हैं.

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