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गणेश प्रतिमाओं से सजा बाजार, सोमवार को घर पधारेंगे 'विघ्नहर्ता'

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Published : Sep 1, 2019, 4:18 PM IST

भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था. इस वजह से हर वर्ष गणेश चतुर्थी इस तिथि को ही मनाई जाती है. गणेश चतुर्थी को लेकर जैसलमेर में तैयार गजानन की प्रतिमाओं से बाजार सज गए हैं. विभिन्न आकर में उपलब्ध इन मूर्तियों में कई ईको फ्रेंडली भी हैं जो पर्यावरण प्रेमी भक्तों के विशेष अनुरोध पर तैयार की गई हैं. इनकी खासियत यह है कि पानी में प्रवाहित होने के कुछ ही समय में ये पूरी तरह घुल जाएंगी और जल प्रदूषण भी नहीं होगा.

बाजार में गणेश प्रतिमा, Ganesha idol in Market

जैसलमेर. गणेश चतुर्थी को लेकर जैसलमेर में तैयारियां जोरों पर चल रही है. घरों पर विघ्न विनाशक को विराजमान करने के लिए लोग उत्साहित हैं. गणेश पंडाल सजाने, शोभायात्रा का आयोजन करने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है. बाजार भगवान गणेश की मूर्तियों से सजा हुआ है. इस बार भक्तों के विशेष अनुरोध पर ईको फ्रेंडली मूर्तियां तैयार की गईं हैं.

यह भी पढ़ें: बासवाड़ाः कक्षा प्रतिनिधि चुनावों की घट रही अहमियत, 95 प्रतिशत पदों के लिए एक भी नहीं आया दावेदार

बता दें कि कलाकारों की ओर से गणेश के विभिन्न रूपों को बनाया गया है. जिसमें बाल गणेश से लेकर शिव रूप शामिल हैं. धीरे-धीरे ग्राहक भी मूर्तियों की खरीदारी के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं. बाजारों में बिकने के लिए तैयार गणपति विभिन्न रूपों में हैं. गणपति को शंख, डमरू, मोर के सिंहासन के साथ-साथ आधे शिव के रूप में बनी गणपति की मूर्तियां लोगों को लुभा रही हैं. ये मूर्तियां आधे फुट से पांच फीट तक के साइज में उपलब्ध हैं.

गणेश प्रतिमाओं से सजा बाजार

वहीं मूर्तिकार बताते हैं कि बड़ी मूर्तियों को रंगने में तीन से चार दिन का समय भी लग जाता है. पूरी तरह तैयार होने के बाद एक प्रतिमा की कीमत आकर के अनुसार 100 रुपये से 20 हजार रुपये तक होता है. वहीं बड़ी मूर्तियों की तुलना में छोटी मूर्तियों की अधिक बिक्री होती है. पिछले दो-तीन वर्षो से पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ी है. जिससे पीओपी की प्रतिमाओं के बजाए मिट्टी सहित प्राकृतिक वस्तुओं से बनी प्रतिमाएं लोग अधिक पसंद कर रहे हैं.

जैसलमेर. गणेश चतुर्थी को लेकर जैसलमेर में तैयारियां जोरों पर चल रही है. घरों पर विघ्न विनाशक को विराजमान करने के लिए लोग उत्साहित हैं. गणेश पंडाल सजाने, शोभायात्रा का आयोजन करने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है. बाजार भगवान गणेश की मूर्तियों से सजा हुआ है. इस बार भक्तों के विशेष अनुरोध पर ईको फ्रेंडली मूर्तियां तैयार की गईं हैं.

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बता दें कि कलाकारों की ओर से गणेश के विभिन्न रूपों को बनाया गया है. जिसमें बाल गणेश से लेकर शिव रूप शामिल हैं. धीरे-धीरे ग्राहक भी मूर्तियों की खरीदारी के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं. बाजारों में बिकने के लिए तैयार गणपति विभिन्न रूपों में हैं. गणपति को शंख, डमरू, मोर के सिंहासन के साथ-साथ आधे शिव के रूप में बनी गणपति की मूर्तियां लोगों को लुभा रही हैं. ये मूर्तियां आधे फुट से पांच फीट तक के साइज में उपलब्ध हैं.

गणेश प्रतिमाओं से सजा बाजार

वहीं मूर्तिकार बताते हैं कि बड़ी मूर्तियों को रंगने में तीन से चार दिन का समय भी लग जाता है. पूरी तरह तैयार होने के बाद एक प्रतिमा की कीमत आकर के अनुसार 100 रुपये से 20 हजार रुपये तक होता है. वहीं बड़ी मूर्तियों की तुलना में छोटी मूर्तियों की अधिक बिक्री होती है. पिछले दो-तीन वर्षो से पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ी है. जिससे पीओपी की प्रतिमाओं के बजाए मिट्टी सहित प्राकृतिक वस्तुओं से बनी प्रतिमाएं लोग अधिक पसंद कर रहे हैं.

Intro:Body:कल घर विराजेंगे विघ्न विनाशक
गणेश प्रतिमाओं से सज गया बाजार

जैसलमेर। भगवान गणेश देवताओं में प्रथम पूज्य हैं, बल, बुद्धि और सौभाग्य के देवता हैं। उनका जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था, इस वजह से हर वर्ष गणेश चतुर्थी इस तिथि को ही मनाई जाती है। कल गणेश चतुर्थी को लेकर जैसलमेर में तैयार गजानन की प्रतिमाओं से बाजार सज गए हैं। विभिन्न आकर में उपलब्ध इन मनोहर मूर्तियों में कई ईको फ्रेंडली भी हैं जो पर्यावरण प्रेमी भक्तों के विशेष अनुरोध पर तैयार की गई हैं। इनकी खासियत यह है कि पानी में प्रवाहित होने के कुछ ही समय में ये पूरी तरह घुल जाएंगी और जल प्रदूषण भी नहीं होगा।

वीओ - गणेश चतुर्थी को लेकर जैसलमेर में तैयारियां जोरों पर चल रही है। घरों पर विघ्न विनाशक को विराजमान करने के लिए लोग उत्साहित हैं। गणेश पंडाल सजाने, शोभायात्रा का आयोजन करने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। बाजार में इस समय दाएं तरफ सूंड वाले गणेश जी की मुर्तियां भी खासा बिक रही हैं। गणेश चतुर्थी को लेकर इन दिनों बाजार भगवान गणेश की मूर्तियों से सजा हुआ है । यहां आकर्षक रंगों में रंगी गणपति की प्रतिमाएं लोगों को लुभा रही हैं। इसमें भी कलाकारों द्वारा गणेश के विभिन्न रूपों को बनाया गया है, जिसमें बाल गणेश से लेकर शिव रूप शामिल हैं। धीरे-धीरे ग्राहक भी मूर्तियों की खरीदारी के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं। बाजारों में बिकने के लिए तैयार गणपति विभिन्न रूपों में हैं। गणपति को शंख से डमरू, मोर व ऊं सिंहासन के साथ साथ आधे शिव के रूप में बनी गणपति की मूर्तियां लोगों को लुभा रही है। ये मूर्तियां आधे फुट से पांच फीट तक के साइज में उपलब्ध हैं।मूर्तिकार बताते हैं कि बड़ी मूर्तियों को रंगने में तीन से चार दिन का समय भी लग जाता है। पूरी तरह तैयार होने के बाद एक प्रतिमा की कीमत आकर के अनुसार मूर्तियों के दाम 100 रुपये से 20 हजार रुपये तक हैं। वही बड़ी मूर्तियों की तुलना में छोटी मूर्तियों की अधिक बिक्री होती है। पिछले दो-तीन वर्षो से पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ी है जिससे पी.ओ.पी. की प्रतिमाओं के बजाए मिट्टी सहित प्राकृतिक वस्तुओं से बनी प्रतिमाएं लोग अधिक पसंद कर रहे हैं। जै

बाईट-1- मूर्तिकार
बाईट-2- गणेश भक्त
बाईट-3- मूर्ति खरीददारConclusion:
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