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कोरोना संक्रमण के बीच जैसलमेर में टिड्डी का खतरा, कलेक्टर ने जारी किए आवश्यक दिशा-निर्देश

कोरोना वायरस के बीच अब जैसलमेर में टिड्डी दल का खतरा भी मंडरा रहा है. हालांकि पूर्व सूचना होने के कारण जिला कलेक्टर ने टिड्डी नियंत्रण दल को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.

जैसलमेर न्यूज, jaisalmer news
जैसलमेर में कोरोना के कहर के बीच आसमानी आफत
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Published : May 4, 2020, 5:48 PM IST

जैसलमेर. जिले में कोरोना के कहर के बीच अब आसमानी आफत टिड्डी दलों ने जिला प्रशासन और अन्य विभागों की मुसीबतें बढ़ा दी है. जानकारी के अनुसार जिले के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र सहित कई ग्रामीण इलाकों में पिछले दो दिनों से टिड्डी दल दिखाई दिए हैं, जिसके बाद किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ गयी हैं. हालांकि, जिला प्रशासन को टिड्डी दलों के मई माह में आगमन की सूचना पहले ही थी. जिला कलेक्टर ने टिड्डी नियंत्रण विभाग और अन्य सम्बंधित विभागों को अलर्ट कर दिया था.

जैसलमेर में टिड्डी का खतरा

टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा अन्तरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र से टिड्डी दलों के जिले में दोबारा आने की संभावना के मद्देनजर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने एक आदेश जारी किया है. टिड्डी दलों के सीमा क्षेत्र से जिले की ओर संभावित आगमन/पड़ाव के दौरान टिड्डी नियंत्रण चेतावनी संगठन यूनिट के द्वारा किये जाने वाले नियंत्रण, प्रबंध कार्य एवं व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन एवं सम्बद्ध मुख्य विभागों के आवश्यक समन्वय सहयोग पर्यवेक्षण कार्य के लिए जिला स्तरीय कमेटी/दलों का गठन किया हैं.

पढ़ेंः SPECIAL: ब्रह्म नगरी पुष्कर के फूल पर लगा कोरोना का ग्रहण, किसान झेल रहे भारी नुकसान

प्रभारी प्रतिदिन जिला कलेक्टर को टिड्डी दलों की वस्तु स्थिति एवं नियंत्रण के लिए की गई कार्रवाई से अवगत करवाएंगे. जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान में टिड्डी दल सीमा पार पाकिस्तान से प्रवेश करते हैं, ऐसे में जिला प्रशासन ने बीएसएफ के अधिकारियों के साथ जल्द ही बैठक करके इस संबंध में चर्चा की जाएगी. ताकि जब भी कोई टिड्डी दल सीमा के समीप दिखाई दे तो बीएसएफ जिला प्रशासन को सूचित करें और समय रहते उन पर काबू किया जा सकें.

पढे़ं- कोटा: छावनी में बिना अनुमति के 1 घंटे तक धड़ल्ले से बिकी शराब, 100 से ज्यादा लोगों की लगी कतार

टिड्डी दलों के आगमन की पूर्व सूचना होने के बाद भी ये टिड्डी दल अब तक कई ग्रामीण इलाकों में पहुंच चूका है. ऐसे में देखना होगा कि जिला प्रशासन इस बार टिड्डी को समय रहते काबू कर पाता है या एक बार फिर किसानों को नुकसान झेलना पड़ेगा. गौरतलब है कि पिछले वर्ष जैसलमेर जिले में टिड्डी दलों के हमले से किसानों को भारी नुकसान हुआ था, उसके बाद प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने किसानों के बीच आकर उनके नुकसान का जायजा लिया था.

जैसलमेर. जिले में कोरोना के कहर के बीच अब आसमानी आफत टिड्डी दलों ने जिला प्रशासन और अन्य विभागों की मुसीबतें बढ़ा दी है. जानकारी के अनुसार जिले के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र सहित कई ग्रामीण इलाकों में पिछले दो दिनों से टिड्डी दल दिखाई दिए हैं, जिसके बाद किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ गयी हैं. हालांकि, जिला प्रशासन को टिड्डी दलों के मई माह में आगमन की सूचना पहले ही थी. जिला कलेक्टर ने टिड्डी नियंत्रण विभाग और अन्य सम्बंधित विभागों को अलर्ट कर दिया था.

जैसलमेर में टिड्डी का खतरा

टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा अन्तरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र से टिड्डी दलों के जिले में दोबारा आने की संभावना के मद्देनजर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने एक आदेश जारी किया है. टिड्डी दलों के सीमा क्षेत्र से जिले की ओर संभावित आगमन/पड़ाव के दौरान टिड्डी नियंत्रण चेतावनी संगठन यूनिट के द्वारा किये जाने वाले नियंत्रण, प्रबंध कार्य एवं व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन एवं सम्बद्ध मुख्य विभागों के आवश्यक समन्वय सहयोग पर्यवेक्षण कार्य के लिए जिला स्तरीय कमेटी/दलों का गठन किया हैं.

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प्रभारी प्रतिदिन जिला कलेक्टर को टिड्डी दलों की वस्तु स्थिति एवं नियंत्रण के लिए की गई कार्रवाई से अवगत करवाएंगे. जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान में टिड्डी दल सीमा पार पाकिस्तान से प्रवेश करते हैं, ऐसे में जिला प्रशासन ने बीएसएफ के अधिकारियों के साथ जल्द ही बैठक करके इस संबंध में चर्चा की जाएगी. ताकि जब भी कोई टिड्डी दल सीमा के समीप दिखाई दे तो बीएसएफ जिला प्रशासन को सूचित करें और समय रहते उन पर काबू किया जा सकें.

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टिड्डी दलों के आगमन की पूर्व सूचना होने के बाद भी ये टिड्डी दल अब तक कई ग्रामीण इलाकों में पहुंच चूका है. ऐसे में देखना होगा कि जिला प्रशासन इस बार टिड्डी को समय रहते काबू कर पाता है या एक बार फिर किसानों को नुकसान झेलना पड़ेगा. गौरतलब है कि पिछले वर्ष जैसलमेर जिले में टिड्डी दलों के हमले से किसानों को भारी नुकसान हुआ था, उसके बाद प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने किसानों के बीच आकर उनके नुकसान का जायजा लिया था.

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