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जैसलमेर: टिड्डी दल राज्य पक्षी गोडावण के लिए भी बन सकते हैं खतरा - जहरीले कीटनाशक

सीमापार से आ रहे टिड्डी दल जैसलमेर में मौजूद डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आस-पास के क्षेत्र में विचरण करने वाले राज्य पक्षी गोडावण के लिए भी खतरा बन सकते हैं. ऐसे में डेजर्ट नेशनल पार्क के अधिकारियों के द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई है, जिससे किसी भी वन्यजीव को कोई नुकसान ना हो.

State Bird Godawan, जैसलमेर न्यूज़
राज्य पक्षी गोडावण को मृत टिड्डियों और जहरीले कीटनाशक से बचाने के लिए की गई विशेष व्यवस्था
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Published : Jul 28, 2020, 10:23 PM IST

जैसलमेर. सीमापार से आ रहे टिड्डी दल किसानों के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की चिंताएं लगातार बढ़ा रहे हैं. वहीं, ये जैसलमेर में मौजूद डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आस-पास के क्षेत्र में विचरण करने वाले राज्य पक्षी गोडावण के लिए भी खतरा बन सकते हैं.

राज्य पक्षी गोडावण को मृत टिड्डियों और जहरीले कीटनाशक से बचाने के लिए की गई विशेष व्यवस्था

दरअसल, टिड्डी दलों पर नियंत्रण करने के लिए टिड्डी नियंत्रण विभाग और कृषि विभाग द्वारा जहरीले कीटनाशक का उपयोग किया जाता है, जिससे इस क्षेत्र में मौजूद गोडावण को खतरा हो सकता है. ऐसे में यहां डेजर्ट नेशनल पार्क के अधिकारियों के द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे किसी भी वन्यजीव को कोई नुकसान ना हो.

पढ़ें: राजस्थान विश्वविद्यालय बना विरोध का अखाड़ा, NSUI और ABVP छात्र संगठन आमने-सामने

उपवन संरक्षक वन्यजीव कपिल चन्द्रवाल ने बताया कि कीटनाशक से मारी गई टिड्डियों का अधिक मात्रा में कोई गोडावण या अन्य वन्यजीव सेवन कर ले तो उसे पॉइजनिंग हो सकती है. इस तरह गोडावण के लिए भी टिड्डी घातक साबित हो सकते हैं.

उपवन संरक्षक ने बताया कि पिछले साल जब टिड्डी दलों का हमला हुआ था और उस दौरान एक रणनीति के तहत जर्ट नेशनल पार्क एरिया के अंदर क्लोजर और उसके आस-पास अधिक मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया गया था. डेजर्ट नेशनल पार्क एरिया के बाहर जहां गोडावण और अन्य वन्यजीव विचरण करते हैं, वहां विभाग की टीमें तैनात की गई थीं. उनके द्वारा मृत टिड्डियों को एकत्रित कर वहां से हटा दिया गया था, जिससे गोडावण अधिक मात्रा में उसका सेवन न कर सकें.

पढ़ें: SPECIAL: वर्किंग विमेन्स कोरोना काल में ऐसे संभाल रही हैं घर और नौकरी की जिम्मेदारी

उपवन संरक्षक ने कहा कि विशेष व्यवस्था करने से पिछले साल गोडावण सहित अन्य वन्यजीवों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ. इस साल भी विभाग इसी तरह काम करके गोडावण और अन्य वन्यजीवों को टिड्डी रोकथाम में प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशक और मृत टिड्डियों के सेवन से होने वाले नुकसान से बचाने का प्रयास कर रहा है.

जैसलमेर. सीमापार से आ रहे टिड्डी दल किसानों के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की चिंताएं लगातार बढ़ा रहे हैं. वहीं, ये जैसलमेर में मौजूद डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आस-पास के क्षेत्र में विचरण करने वाले राज्य पक्षी गोडावण के लिए भी खतरा बन सकते हैं.

राज्य पक्षी गोडावण को मृत टिड्डियों और जहरीले कीटनाशक से बचाने के लिए की गई विशेष व्यवस्था

दरअसल, टिड्डी दलों पर नियंत्रण करने के लिए टिड्डी नियंत्रण विभाग और कृषि विभाग द्वारा जहरीले कीटनाशक का उपयोग किया जाता है, जिससे इस क्षेत्र में मौजूद गोडावण को खतरा हो सकता है. ऐसे में यहां डेजर्ट नेशनल पार्क के अधिकारियों के द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे किसी भी वन्यजीव को कोई नुकसान ना हो.

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उपवन संरक्षक वन्यजीव कपिल चन्द्रवाल ने बताया कि कीटनाशक से मारी गई टिड्डियों का अधिक मात्रा में कोई गोडावण या अन्य वन्यजीव सेवन कर ले तो उसे पॉइजनिंग हो सकती है. इस तरह गोडावण के लिए भी टिड्डी घातक साबित हो सकते हैं.

उपवन संरक्षक ने बताया कि पिछले साल जब टिड्डी दलों का हमला हुआ था और उस दौरान एक रणनीति के तहत जर्ट नेशनल पार्क एरिया के अंदर क्लोजर और उसके आस-पास अधिक मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया गया था. डेजर्ट नेशनल पार्क एरिया के बाहर जहां गोडावण और अन्य वन्यजीव विचरण करते हैं, वहां विभाग की टीमें तैनात की गई थीं. उनके द्वारा मृत टिड्डियों को एकत्रित कर वहां से हटा दिया गया था, जिससे गोडावण अधिक मात्रा में उसका सेवन न कर सकें.

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उपवन संरक्षक ने कहा कि विशेष व्यवस्था करने से पिछले साल गोडावण सहित अन्य वन्यजीवों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ. इस साल भी विभाग इसी तरह काम करके गोडावण और अन्य वन्यजीवों को टिड्डी रोकथाम में प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशक और मृत टिड्डियों के सेवन से होने वाले नुकसान से बचाने का प्रयास कर रहा है.

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