जैसलमेर. कोरोना संकट के बीच सरहदी जिले जैसलमेर में टिड्डी दल ने आतंक मचा रखा है. पिछले कई दिनों से जिले के विभिन्न इलाकों में मंडरा रहे टिड्डी दल ने किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. वहीं टिड्डियों का एक बड़ा दल रविवार को जैसलमेर शहर पर मंडराया जिसे देखकर शहरवासी भयभीत हो उठे.
शाम होने के साथ ही शहर पर एक घने बादल की तरह छाये इस टिड्डी दल ने जैसलमेर में ही अपना डेरा डाल दिया है. शहर के घरों की छतें पूरी तरह से टिड्डियों से भर गई हैं. वहीं विभिन्न पार्कों में पेड़-पौधों और वनस्पतियों को भी ये टिड्डियां बर्बाद कर रही हैं. शहर में टिड्डियों के पड़ाव से भयभीत शहरवासी धुआं करके, थालियां बजाकर अपनी-अपनी छतों से टिड्डियों को उड़ाने में लगे.
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वहीं टिड्डी नियंत्रण विभाग कहीं भी इससे बचाव की कवायद करता दिखाई नहीं दे रहा है. इलाके में खरीफ की बुवाई बड़े स्तर पर नहीं हुई है, लेकिन इतने बड़े दलों को देखकर किसान आशंकित हैं कि अगर सरकार ने समय पर कोई ठोस उपाय नहीं किया तो गत रबी की तरह आगामी खरीफ की फसलें भी टिड्डियां चट कर जाएंगी और किसानों का बड़ा नुकसान होगा.
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जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि टिड्डियों ने इस बार बाड़मेर और बीकानेर के रास्ते राजस्थान में प्रवेश किया है. कुछ छोटे दल जैसलमेर में भी दिखाई दिए हैं. हाल ही में रामगढ़ नेहरी क्षेत्र के राघवा, सेऊआ ग्रामीण इलाके में टिड्डियां देखी गई थी. जिस पर टिड्डी नियंत्रण का कार्य शुरू कर दिया और अधिकतर टिड्डियों पर काबू पा लिया गया है. हालांकि कुछ टिड्डियां तेज आंधी के कारण उड़ गई, जिस पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.