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जैसलमेर: खड़ीन किसानों की कार्यशाला का आयोजन - Khadin Farmers Workshop

जैसलमेर जिले के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग की ओर से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. जैसलमेर जिले के खड़ीन किसानों की कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को कृषि विभाग के कार्यालय में किया गया. इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किसानों को विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी.

खड़ीन किसानों की कार्यशाला, Khadin Farmers Workshop
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Published : Sep 3, 2019, 6:57 PM IST

जैसलमेर. जिले के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग की ओर से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. बता दें कि किसानों की जमीनों का सर्वे कर वहां की मिट्टी के साथ अधिकतम पैदावार कैसे ली जा सके इसके लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को जैसलमेर जिले के खड़ीन किसानों की कार्यशाला का आयोजन कृषि विभाग के कार्यालय में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया.

खड़ीन किसानों की कार्यशाला का हुआ आयोजन

कार्यशाला में जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने बताया कि जैसलमेर में हालांकि कम बारिश होती है लेकिन यहां पर खड़ीन पद्धति से होने वाली खेती में किसानों की ओर से गेहूं और चने की खेती की जाती है, जो कि अपने आप में अविश्वसनीय है. उन्होंने बताया कि कम बारिश के बाद भी पानी को सहेजने और उससे खेती करने की कला में यहां के लोग माहिर तो हैं, लेकिन आधुनिक तकनीकों का ज्ञान नहीं होने से किसान आशानुरूप पैदावार नहीं ले पाते हैं. उन्होंने किसानों को बताया कि विभाग की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है, जिनसे जुड़कर खड़ीन किसान अपनी खेती में नवाचार करते हुए अपनी आय को दोगुना कर सकता है और साथ ही कम बारिश के बाद भी अधिकतम पैदावार ले सकता है.

पढ़ें- प्रदेश की अनाज मंडियों में भारी उतार चढ़ाव के बाद कुछ इस तरह रहे भाव

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इस अवसर पर किसानों को विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की और किसानों को परंपरागत खेती के तरीकों से ऊपर उठकर आधुनिक तकनीकों के साथ खेती करने की सलाह भी दी. उन्होंने बताया कि खड़ीन खेती को लेकर विभाग की ओर से प्रोजेक्ट बनाकर सरकार और उच्च अधिकारियों की अनुमति के लिए भेजा गया है और सरकार की ओर से यदि उसकी अनुमति मिलती है तो आगामी दिनों में जिले के 10 खड़ीनों का चयन कर वहां कृषि से संबंधित नवाचार किए जाएंगे.

जैसलमेर. जिले के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग की ओर से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. बता दें कि किसानों की जमीनों का सर्वे कर वहां की मिट्टी के साथ अधिकतम पैदावार कैसे ली जा सके इसके लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को जैसलमेर जिले के खड़ीन किसानों की कार्यशाला का आयोजन कृषि विभाग के कार्यालय में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया.

खड़ीन किसानों की कार्यशाला का हुआ आयोजन

कार्यशाला में जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने बताया कि जैसलमेर में हालांकि कम बारिश होती है लेकिन यहां पर खड़ीन पद्धति से होने वाली खेती में किसानों की ओर से गेहूं और चने की खेती की जाती है, जो कि अपने आप में अविश्वसनीय है. उन्होंने बताया कि कम बारिश के बाद भी पानी को सहेजने और उससे खेती करने की कला में यहां के लोग माहिर तो हैं, लेकिन आधुनिक तकनीकों का ज्ञान नहीं होने से किसान आशानुरूप पैदावार नहीं ले पाते हैं. उन्होंने किसानों को बताया कि विभाग की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है, जिनसे जुड़कर खड़ीन किसान अपनी खेती में नवाचार करते हुए अपनी आय को दोगुना कर सकता है और साथ ही कम बारिश के बाद भी अधिकतम पैदावार ले सकता है.

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कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इस अवसर पर किसानों को विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की और किसानों को परंपरागत खेती के तरीकों से ऊपर उठकर आधुनिक तकनीकों के साथ खेती करने की सलाह भी दी. उन्होंने बताया कि खड़ीन खेती को लेकर विभाग की ओर से प्रोजेक्ट बनाकर सरकार और उच्च अधिकारियों की अनुमति के लिए भेजा गया है और सरकार की ओर से यदि उसकी अनुमति मिलती है तो आगामी दिनों में जिले के 10 खड़ीनों का चयन कर वहां कृषि से संबंधित नवाचार किए जाएंगे.

Intro:Body:कृषि विभाग ने किया कार्यशाला का आयोजन।
किसानों को आय को बढाने की दी जानकारी।
खडीन किसानों को दी आधुनिक खेती की तकनीकों की जानकारी।

जैसलमेर। सरहदी जिले जैसलमेर के किसानों की आय को बढाने के लिये कृषि विभाग द्वारा विभिन्न प्रयास इलाके में किये जा रहे हैं जिनमें किसानों की जमीनों का सर्वे कर वहां की मिट्टी के साथ अधिकतम पैदावार कैसे ली जा सके इसके लिये विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा समय समय पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसी कडी में आज जैसलमेर जिले के खडीन किसानों की कार्यशाला का आयोजन कृषि विभाग के कार्यालय में किया गया जिसमें बडी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने बताया कि जैसलमेर में हालांकि कम बारिश होती है लेकिन यहां पर खडीन पद्धति से होने वाली खेती में किसानों द्वारा गेहूं व चने की खेती की जाती है जो कि अपने आप में अविश्वसनीय है। उन्होंने बताया कि कम बारिश के बाद भी पानी को सहेजने और उससे खेती करने की कला में यहां के लोग माहिर तो हैं लेकिन आधुनिक तकनीकों का ज्ञान नहीं होने से किसान आशानुरूप पैदावार नहीं ले पाते है। उन्होंने किसानों को बताया कि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है जिनसे जुडकर खडीन किसान अपनी खेती में नवाचार करते हुए अपनी आय को दोगुना कर सकता है और साथ ही कम बारिश के बाद भी अधिकतम पैदावार ले सकता है। उन्होंने इस अवसर पर किसानों को विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की और किसानों को परम्परागत खेती के तरीकों से उपर उठकर आधुनिक तकनीकों के साथ खेती करने की सलाह भी दी। खड़ीन खेती को लेकर विभाग द्धारा प्रोजेक्ट बनाकर सरकार एवं उच्च अधिकारियों की अनुमति के लिए भेजा गया है और सरकार की ओर से यदि उसकी अनुमति मिलती है तो आगामी दिनों जिले के दस खड़ीनों का चयन कर वहां कृषि से संबंधित नवाचार किये जाएगें।
बाईट-1- दीपक चतुर्वेदी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र जैसलमेरConclusion:
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