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जैसलमेर: वायुसेना के विशेष विमान से कश्मीरियों को भेजा श्रीनगर

ईरान में फंसे जिन 180 कश्मीरियों का रेस्क्यू कर जैसलमेर लया गया था, उन सभी को आज विशेष विमान से श्रीनगर भेज दिया गया. बता दें, इन सभी कि रिपोर्ट नेगेटिव आई थी और इनका 14 दिन का क्वॉरेंटाइन पीरियड भी पूरा हो गया था.

Jaisalmer news, जैसलमेर की खबर
वायुसेना के विशेष विमानों से कश्मीरियों को भेजा श्रीनगर
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Published : Apr 22, 2020, 12:50 PM IST

जैसलमेर. दुनियाभर में बढ़ रहे कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पिछले महीने ईरान से भारतीय नागरिकों को लाया गया था. इन भारतीय नागरिकों में से जम्मू-कश्मीर के 180 निवासियों को मंगलवार को वायुसेना के विशेष विमान से श्रीनगर ले जाया गया है.

वायुसेना के विशेष विमान से कश्मीरियों को भेजा श्रीनगर

ये सभी नागरिक बीते मार्च के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत से जैसलमेर स्थित मिलिट्री स्टेशन में बनाए गए वेलनेस सेंटर में क्वॉरेंटाइन किए गए थे. उनकी सभी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने और आइसोलेशन अवधि पूर्ण होने के बाद कश्मीरी छात्रों की ओर से घर वापसी की मांग को लेकर बार-बार भूख हड़ताल करने और सोशल मीडिया पर भी लगातार सहारा ले रहे थे. जिसके बाद जैसलमेर जिला प्रशासन इन्हें सड़क मार्ग से कश्मीर भेजने की पूरी तैयारी कर चुका था, लेकिन वहां के प्रशासन ने इनकार कर दिया था. आखिरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद मंगलवार को वायुसेना के विशेष विमान से 53 छात्रों सहित 180 लोगों को रवाना किया गया.

पढ़ें- जैसलमेरः पोकरण में बढ़े कोरोना के 2 मरीज, प्रशासन सख्त

गौरतलब है कि कोरोना की दहशत के बीच जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित मिलिट्री स्टेशन में बनाए गए वेलनेस सेंटर में ईरान से 15, 16 और 18 मार्च को तीन चरणों में कुल 484 भारतीय नागरिकों को रखा गया था, इनमें से कुछ लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. वहीं, 28 मार्च को इन सभी छात्रों के कोरोना जांच के सैंपल लिए गए थे, इसमें ये सभी निगेटिव पाए गए थे. तब से ये छात्र वापस अपने घर कश्मीर जाने की तैयारी में लगे थे. लेकिन देशभर में जारी लॉकडाउन की वजह से इन्हें वापस भेजना संभव नहीं हो पाया.

इसके बाद छात्रों ने भूख हड़ताल करने सहित कई तरह से विरोध करना शुरू कर दिया था और इनके साथ रहने वाले अन्य कश्मीरी लोगों ने भी इनका साथ दिया. तीन दिन पहले ही इन छात्रों ने एक बार फिर विरोध करना शुरू कर दिया. भूख हड़ताल करने पर सेना के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने इन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन ये छात्र अपनी जिद पर अड़े रहे. छात्रों ने घर जाने के लिए सोशल मीडिया पर आक्रामक अभियान छेड़ रखा था.

पढ़ें- जैसलमेरः प्रवासी श्रमिकों और शिक्षक के बीच हाथापाई, शिक्षक सहित चार लोग घायल

इनका कहना था कि वे रमजान माह शुरू होने से पहले हर हालत में अपने घर जाना चाहते है. जैसलमेर की गर्मी में उनके लिए रोजा रखना बेहद मुश्किल भरा होगा. छात्रों का कहना था कि वे यहां दो क्वॉरेंटाइन अवधि से अधिक समय तक रह चुके है. यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय के ध्यान में आने पर वहां से इन्हें वापस कश्मीर भेजने की पहल हुई. इसके बाद मंगलवार की दोपहर के बाद वायुसेना के विशेष सी-130 हरक्यूलिस विमान से 53 छात्रों सहित 180 लोगों को श्रीनगर भेजा गया है, जहां से इन्हें अपने-अपने घर भेजा जाएगा.

जैसलमेर. दुनियाभर में बढ़ रहे कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पिछले महीने ईरान से भारतीय नागरिकों को लाया गया था. इन भारतीय नागरिकों में से जम्मू-कश्मीर के 180 निवासियों को मंगलवार को वायुसेना के विशेष विमान से श्रीनगर ले जाया गया है.

वायुसेना के विशेष विमान से कश्मीरियों को भेजा श्रीनगर

ये सभी नागरिक बीते मार्च के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत से जैसलमेर स्थित मिलिट्री स्टेशन में बनाए गए वेलनेस सेंटर में क्वॉरेंटाइन किए गए थे. उनकी सभी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने और आइसोलेशन अवधि पूर्ण होने के बाद कश्मीरी छात्रों की ओर से घर वापसी की मांग को लेकर बार-बार भूख हड़ताल करने और सोशल मीडिया पर भी लगातार सहारा ले रहे थे. जिसके बाद जैसलमेर जिला प्रशासन इन्हें सड़क मार्ग से कश्मीर भेजने की पूरी तैयारी कर चुका था, लेकिन वहां के प्रशासन ने इनकार कर दिया था. आखिरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद मंगलवार को वायुसेना के विशेष विमान से 53 छात्रों सहित 180 लोगों को रवाना किया गया.

पढ़ें- जैसलमेरः पोकरण में बढ़े कोरोना के 2 मरीज, प्रशासन सख्त

गौरतलब है कि कोरोना की दहशत के बीच जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित मिलिट्री स्टेशन में बनाए गए वेलनेस सेंटर में ईरान से 15, 16 और 18 मार्च को तीन चरणों में कुल 484 भारतीय नागरिकों को रखा गया था, इनमें से कुछ लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. वहीं, 28 मार्च को इन सभी छात्रों के कोरोना जांच के सैंपल लिए गए थे, इसमें ये सभी निगेटिव पाए गए थे. तब से ये छात्र वापस अपने घर कश्मीर जाने की तैयारी में लगे थे. लेकिन देशभर में जारी लॉकडाउन की वजह से इन्हें वापस भेजना संभव नहीं हो पाया.

इसके बाद छात्रों ने भूख हड़ताल करने सहित कई तरह से विरोध करना शुरू कर दिया था और इनके साथ रहने वाले अन्य कश्मीरी लोगों ने भी इनका साथ दिया. तीन दिन पहले ही इन छात्रों ने एक बार फिर विरोध करना शुरू कर दिया. भूख हड़ताल करने पर सेना के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने इन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन ये छात्र अपनी जिद पर अड़े रहे. छात्रों ने घर जाने के लिए सोशल मीडिया पर आक्रामक अभियान छेड़ रखा था.

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इनका कहना था कि वे रमजान माह शुरू होने से पहले हर हालत में अपने घर जाना चाहते है. जैसलमेर की गर्मी में उनके लिए रोजा रखना बेहद मुश्किल भरा होगा. छात्रों का कहना था कि वे यहां दो क्वॉरेंटाइन अवधि से अधिक समय तक रह चुके है. यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय के ध्यान में आने पर वहां से इन्हें वापस कश्मीर भेजने की पहल हुई. इसके बाद मंगलवार की दोपहर के बाद वायुसेना के विशेष सी-130 हरक्यूलिस विमान से 53 छात्रों सहित 180 लोगों को श्रीनगर भेजा गया है, जहां से इन्हें अपने-अपने घर भेजा जाएगा.

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