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जैसलमेर में कांगो फीवर को लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट

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Published : Sep 5, 2019, 1:02 PM IST

पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर जिले में कांगो फीवर के दो मामले सामने आए है. जोधपुर के एक शख्स का गुजरात के अहमदाबाद में हुए टेस्ट में सामने आया की उसे कांगो फीवर हुआ है. गुजरात सरकार से सूचना मिलने के बाद प्रदेश का चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है.

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जैसलमेर. पड़ोसी देश पाकिस्तान से राजस्थान और गुजरात में क्रीमियन कांगो हेमेरेजिक फीवर बीमारी (सीसीएचएफ) फैलने का खतरा पैदा हो गया है. राजस्थान से लगते पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सीसीएचएफ के अब 45 रोगी सामने आ चुके हैं, जिसमें 16 की मौत हो चुकी है.विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान से भारत आ-जा रहे लोगों में इस बीमारी का वायरस फैलने का खतरा है.

पश्चिमी राजस्थान में फैल रहा कांगो फीवर

सीमा पार करके आ रहे मवेशी और पालतु पशुओं से भी अब खतरा जताया जा रहा है. राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर से लगती पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई बार मवेशी सीमा पार आ जाते हैं. इन मवेशियों के शरीर पर सीसीएचएफ वायरस की वाहक हायलोमा चींचड़ चिपके रहने से वायरस के भारत के मवेशियों पर आने की आशंका है. इसको लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है.

यह भी पढ़ेंः जैसलमेरः केंद्रीय सयुंक्त सचिव सुधांष पंत ने किया चिकित्सालय का औचक निरीक्षण

वहीं चिकित्सा विभाग इसको लेकर पहले ही ऐतिहात बरत रहा है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेंद्र बारूपाल ने बताया की यह बीमारी हिमोरल नामक परजीवी से फैलती है. इसलिए इसकी चपेट में आने का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि जनावरों को पालते हैं. सीसीएचएफ बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रीबावेरीन ज्यादा कारगर नहीं है. यह एक वायरस जनित बीमारी है. इस वायरस में सबसे पहले तेज बुखार, जी मचली, सिरदर्द, मसल्स, गर्दन व पीठ में दर्द होता है. इसके बाद उल्टी, दस्त, पेटदर्द और गले में खराश शुरू होने के बाद शरीर में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. पाकिस्तान के अस्पतालों में अधिकांश रोगी तेज बुखार के साथ ब्लीडिंग के लक्षण लिए भर्ती हुए थे. तीसरी स्टेज पर भर्ती होने वाले अधिकतर रोगियों की मौत हो गई. इस बीमारी में मृत्यु दर 30 प्रतिशत है. चिकित्सा विभाग जिलेवासियों को जागरूक करना शुरू कर दिया है.

जैसलमेर. पड़ोसी देश पाकिस्तान से राजस्थान और गुजरात में क्रीमियन कांगो हेमेरेजिक फीवर बीमारी (सीसीएचएफ) फैलने का खतरा पैदा हो गया है. राजस्थान से लगते पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सीसीएचएफ के अब 45 रोगी सामने आ चुके हैं, जिसमें 16 की मौत हो चुकी है.विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान से भारत आ-जा रहे लोगों में इस बीमारी का वायरस फैलने का खतरा है.

पश्चिमी राजस्थान में फैल रहा कांगो फीवर

सीमा पार करके आ रहे मवेशी और पालतु पशुओं से भी अब खतरा जताया जा रहा है. राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर से लगती पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई बार मवेशी सीमा पार आ जाते हैं. इन मवेशियों के शरीर पर सीसीएचएफ वायरस की वाहक हायलोमा चींचड़ चिपके रहने से वायरस के भारत के मवेशियों पर आने की आशंका है. इसको लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है.

यह भी पढ़ेंः जैसलमेरः केंद्रीय सयुंक्त सचिव सुधांष पंत ने किया चिकित्सालय का औचक निरीक्षण

वहीं चिकित्सा विभाग इसको लेकर पहले ही ऐतिहात बरत रहा है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेंद्र बारूपाल ने बताया की यह बीमारी हिमोरल नामक परजीवी से फैलती है. इसलिए इसकी चपेट में आने का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि जनावरों को पालते हैं. सीसीएचएफ बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रीबावेरीन ज्यादा कारगर नहीं है. यह एक वायरस जनित बीमारी है. इस वायरस में सबसे पहले तेज बुखार, जी मचली, सिरदर्द, मसल्स, गर्दन व पीठ में दर्द होता है. इसके बाद उल्टी, दस्त, पेटदर्द और गले में खराश शुरू होने के बाद शरीर में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. पाकिस्तान के अस्पतालों में अधिकांश रोगी तेज बुखार के साथ ब्लीडिंग के लक्षण लिए भर्ती हुए थे. तीसरी स्टेज पर भर्ती होने वाले अधिकतर रोगियों की मौत हो गई. इस बीमारी में मृत्यु दर 30 प्रतिशत है. चिकित्सा विभाग जिलेवासियों को जागरूक करना शुरू कर दिया है.

Intro:Body:Note:- ख़बर में वीओ नही किया गया है।

कांगो फीवर बीमारी को लेकर चिकित्सा महकमा अलर्ट

सीमावर्ती जिलों में कांगो को लेकर अलर्ट

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सीसीएचएफ के कई मामले आए सामने

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई बार मवेशी सीमा पार आ जाते

मवेशी के सम्पर्क में आने पर यह बीमारी अधिक तेजी से फैलती

कांगो फीवर को लेकर चिकित्सा विभाग बरत रहा है एतिहात

विभाग आमजन को बता रहा है कांगो के लक्षण

जैसलमेर। पड़ौसी देश पाकिस्तान से राजस्थान और गुजरात में क्रीमियन कांगो हेमेरेजिक फीवर बीमारी (सीसीएचएफ) फैलने का खतरा पैदा हो गया है। राजस्थान से लगते पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सीसीएचएफ के अब 45 रोगी सामने आ चुके हैं, जिसमें 16 की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान से भारत आ-जा रहे लोगों में इस बीमारी का वायरस फैलने का खतरा है। सीमा पार करके आ रहे मवेशी और पालतु पशुओं से भी अब खतरा जताया जा रहा है। राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर से लगती पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई बार मवेशी सीमा पार आ जाते हैं। इन मवेशियों के शरीर पर सीसीएचएफ वायरस की वाहक हायलोमा चींचड़ चिपके रहने से वायरस के भारत के मवेशियों पर आने की आशंका है। जिसको लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है।

पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर जिले में कांगो फीवर के दो मामले सामने आए है। जोधपुर के एक शख्स का गुजरात के अहमदाबाद में हुए टेस्ट में सामने आया की उसे कांगो फीवर हुआ है। गुजरात सरकार से सूचना मिलने के बाद प्रदेश का चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। चिकित्सा विभाग इसको लेकर पहले ही ऐतिहात बरत रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेंद्र बारूपाल ने बताया की यह बीमारी हिमोरल नामक परजीवी से फैलती है। इसलिए इसकी चपेट में अाने का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ अादि जनावरों को पालते हैं। सीसीएचएफ बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रीबावेरीन ज्यादा कारगर नहीं है। यह एक वायरस जनित बीमारी है। इसमें सबसे पहले तेज बुखार, जी मचली, सिरदर्द, मसल्स, गर्दन व पीठ में दर्द होता है। इसके बाद उल्टी, दस्त, पेटदर्द और गले में खराश शुरू होने के बाद शरीर में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। पाकिस्तान के अस्पतालों में अधिकांश रोगी तेज बुखार के साथ ब्लीडिंग के लक्षण लिए भर्ती हुए थे। तीसरी स्टेज पर भर्ती होने वाले अधिकतर रोगियों की मौत हो गई। इस बीमारी में मृत्यु दर 30 प्रतिशत है। चिकित्सा विभाग जिलेवासियों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।
बाईट-1- डॉ.भूपेंद्र बारूपाल- मुख्य चिकित्सा अधिकारी जैसलमेरConclusion:
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