जैसलमेर. जिले में लिंगानुपात बेहद कम है. यहां प्रति 1000 लड़कों पर सिर्फ 849 लड़कियां हैं. ऐसे में जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने एक सकारात्मक पहल की है. उन्होंने उन परिवारों को चिट्ठी लिखकर बधाई देना शुरू किया है जिनके आंगन में बिटिया की किलकारी गूंजी है. रिपोर्ट देखिये...
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार धौलपुर में प्रति 1000 पर सिर्फ 845 लड़कियां हैं. यह प्रदेश का सबसे कम लिंगानुपात है. इसके बाद जैसलमेर 849 के आंकड़े के साथ दूसरे स्थान पर है. इसी लिंगानुपात को बढ़ाने और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाकर प्रयास किए जाते हैं.
पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न योजनाओं और जागरूकता कार्यक्रमों के कारण जैसलमेर जिले में रूढ़िवादी सोच कुछ कम हुई है. इसके साथ ही लिंगानुपात में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन कुछ वर्ष पहले लिंगानुपात के नजरिये से जिले की स्थिति बड़ी दयनीय थी.
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जैसलमेर जिले के राजपूत बहुल देवड़ा गांव में लगभग 100 वर्षों बाद पहली बार 1998 में कोई बारात आई थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस गांव में लड़की के पैदा होते ही उसे मार डाला जाता था. ऐसी ही कमतर सोच के कारण जिला लिंगानुपात में पिछड़ता चला गया. पिछले कुछ वर्षों से बदलाव के चलते लिंगानुपात में यहां बढ़ोतरी होने लगी है.
जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने अनूठी पहल करते हुए बालिका भ्रूण हत्या पर रोक एवं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर की पाती अभियान की शुरुआत की है. जिसमें किसी बच्ची के जन्म के अवसर पर उसके परिजनों को जिला कलेक्टर की तरफ से एक बधाई संदेश दिया जाता है. बधाई संदेश में लड़की के जन्म की शुभकामनाओं सहित केंद्र और राज्य सरकार की उन योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है जो बेटियों के लिए चलाई जा रही हैं.
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जिला कलेक्टर मोदी ने हाल ही में राजकीय जवाहर चिकित्सालय में पहुंचकर वहां नवजात बच्चियों को जन्म देने वाली प्रसूताओं को बधाई दी. साथ ही उनकी कुशलक्षेम भी पूछी. इस दौरान उन्होंने कलेक्टर की पाती बधाई संदेश देने के साथ ही संस्थागत प्रसव के दौरान उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी बताया. जिला कलेक्टर की इस मुहिम के बाद जैसलमेरवासियों ने, खासकर महिला वर्ग ने सराहना की है.