जैसलमेर. देश की लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल भारी बहुमत से पास होने के बाद पाकिस्तान में हो रहे अत्याचारों और धर्म प्रताड़ना से तंग आकर हमेशा के लिए भारत आये पाकिस्तानी हिन्दू विस्थापित बस्तियों में जश्न और खुशी का माहौल है. बता दें कि इन बस्तियों में दिवाली जैसा माहौल है. जहां के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद करते थक नहीं रहे हैं.
दरअसल, पाकिस्तान में हो रहे अत्याचारों से तंग आकर हजारों की तादात में सदैव के लिए भारत आये हिन्दू पाकिस्तान विस्थापितों को भारत की नागरिकता के लिए कई सालों तक इंतजार करना पड़ता है. 10 से 15 साल के बाद कड़ी मशक्कत और कड़े नियम व प्रावधानों के बाद इन्हें जाकर नागरिकता मिल पाती है. इसके कारण इन्हें न तो सरकारी सुविधा मिल पाती है और न ही इनके बच्चों का स्कूलों में एडमिशन हो पाता है.
सामाजिक विकास तो बहुत दूर की बात है. ये जहां अच्छी जिंदगी भी नहीं जी पाते. यह लोग किसी भी सूरत में पाकिस्तान वापस जाने को तैयार नहीं हैं, भले ही वे किसी भी दोयम दर्जे की जिन्दगी जहां जी रहे हो. वहीं केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास करवाने के बाद अब इन्हे उम्मीद है कि आज राज्यसभा में पास होने के बाद इस संशोधन बिल का कानून बन जाएगा. उसके बाद इन पाकिस्तानी हिन्दू विस्थापितों को नागरिकता मिलने में कोई लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
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गौरतलब हैं कि नए बिल के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, सिख शरणार्थियों को नागरिकता मिलने में आसानी होगी, इसके अलावा अब भारत की नागरिकता पाने के लिए 11 साल नहीं बल्कि 6 साल तक देश में रहना अनिवार्य होगा. इन लोगों को उम्मीद हैं कि राज्य सभा में भी यह बिल पास हो जायेगा. जिसके बाद उन्हें भी सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा.