जैसलमेर. जिले के पोकरण क्षेत्र के लोहटा गांव में स्थानीय निवासियों ने 6 अक्टूबर को होने वाले पंचायती राज चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. स्थानीय निवासी चंदन सिंह ने बताया कि लोटा गांव में जासूस भारतीयों की श्मशान भूमि के पास बनी नाम बदलने के कारण ग्रामीणों में रोष व्याप्त है.
उन्होंने बताया कि लौहटा गांव की शमशान भूमि पर बनी नाड़ी का नाम कुंतेरी नाडी था. उसे नरेगा में जो जोड़कर नाड़ी का नाम काछबे खा की नाडी नाम रखा गया है. इसको लेकर स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है. इस संबंध में जिला प्रशासन को भी अवगत कराया गया था. लेकिन उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामीणों ने होने वाले पंचायती राज चुनाव को बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि जसोडो की श्मशान भूमि पर बनी नाडी का नाम वापिस कुंतेरी नाडी ही रखवाया जाने की मांग की है.
ग्रामीणों ने किया पंचायत चुनाव का बहिष्कार, दूसरी बार भी नहीं हुआ नामांकन
सीकर की लादी का बास ग्राम पंचायत में दूसरी बार ग्रामीणों ने उपचुनावों का बहिष्कार किया है. बुधवार को यहां ग्राम चुनावों के लिए नामांकन होने थे. लेकिन ग्राम पंचायत को अजीतगढ़ पंचायत समिति में जोड़ने के विरोध में ग्रामीणों ने एक राय होकर एक भी नामांकन दाखिल नहीं करवाया.